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काशी विश्वनाथ मंदिर

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काशी विश्वनाथ मंदिर
विश्वनाथ मंदिर
काशी विश्वनाथ मंदिर, ca. 1915
काशी विश्वनाथ मंदिर is located in Uttar Pradesh
काशी विश्वनाथ मंदिर
उत्तर प्रदेश में लोकेशन
काशी विश्वनाथ मंदिर is located in India
काशी विश्वनाथ मंदिर
काशी विश्वनाथ मंदिर (India)
नाँव
अन्य नाँवविश्वनाथ मंदिर
पूरा नाँवकाशी विश्वनाथ मंदिर
भूगोल
भूगोलीय स्थिति25°18′38.79″N 83°0′38.21″E / 25.3107750°N 83.0106139°E / 25.3107750; 83.0106139निर्देशांक: 25°18′38.79″N 83°0′38.21″E / 25.3107750°N 83.0106139°E / 25.3107750; 83.0106139
देशभारत
Stateउत्तर प्रदेश
जिलाबनारस
क्षेत्रबनारस
संस्कृति
प्रमुख देवताविश्वनाथ भा विश्वेश्वर(शिव)
प्रमुख तिहुआर/उत्सवशिवरात
इतिहास आ प्रशासन
रचनाकारअहिल्याबाई होलकर
वेबसाइटश्री काशी विश्वनाथ मंदिर

काशी विश्वनाथ मंदिर सबसे प्रसिद्ध हिंदू मंदिरन में से एगो ह और इ भगवान शिव के समर्पित बा।

वाराणसी, उत्तर प्रदेश, भारत में स्थित बा। काशी विश्वनाथ मंदिर पवित्र गंगा नदी के पश्चिमी तट पर आइल बा और इ बारह ज्योतिर्लिंग में से एगो ह। ए मंदिर की प्रमुख देवता क नाम विश्वनाथ या फेर विश्वेश्वर ह जवने क मतलब ब्रह्मांड क शासक होला। वाराणसी शहर के काशी भी कहल जाला, एही खातिर ए मंदिर क लोकप्रिय नांव काशी विश्वनाथ मंदिर पड़ल बा।

एगो बहुत लंबे समय से हिन्दू शास्त्रन में इ मंदिर क शिव दर्शन आ पूजा खातिर जिक्र बा। इतिहास में ए मंदिर के कई बेर नष्ट कइल गइल और फेर बनावल गइल। आखिरी बेर एके औरंगजेब, छठा मुगल सम्राट ध्वस्त कइले रहे और एकरी जगह प ज्ञानवापी मस्जिद क निर्माण करवले रहे।[1] मंदिर क वर्तमान सरंचना मराठा नरेश, इंदौर क अहिल्या बाई होल्कर द्वारा 1780 में एकरी पास की एगो जगह पर बनवावल गइल रहे।[2]

ए मंदिर क दुगो गुंबद सिख महाराजा रणजीत सिंह क दान कइल सोना से ढकल बा। तीसरा गुंबद खुला बा। बाद में यूपी सरकार क संस्कृति और धार्मिक मामला क मंत्रालय तीसरका गुंबद प सोना क प्लेटिंग करवले में विशेष रूचि लिहलस।

1983 से, मंदिर क प्रबंधन उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा कइल जाला। शिवरात्रि की धार्मिक अवसर की दौरान, काशी नरेश (काशी क राजा) प्रथम प्रमुख पूजा करे वाला हो न, ए दौरान कौनों अन्य व्यक्ति या पुजारी के मंदिर गर्भगृह में प्रवेश कइले क अनुमति नाहीं होला। इन क पूजा सम्पन्न होखले की बादे दूसर लोगन के प्रवेश कइले क अनुमति मिलेला।[3] हिंदू पौराणिक कथा की अनुसार, भगवान शिव और देवी पार्वती क विवाह महाशिवरात्रि के और गौना रंगभरी एकादशी के भइल रहे। काशी क निवासी लोग ए समारोह क भव्य आयोजन करेला ए दिन के।

परंपरा की अनुसार, श्रद्धालु लोग काशी विश्वनाथ मंदिर की पूर्व महंत के घर से पालकी में भगवान शिव और देवी पार्वती क मूर्ति ले जाला लो। शंख, डमरू और अन्य संगीत वाद्ययंत्र बजावत भक्त लोग काशी विश्वनाथ मंदिर की गर्भगृह में जाला लो और ओइजा देवता लोगन के गुलाल और गुलाब क पंखुड़ी चढ़ावेला लो।

वर्तमान मंदिर संरचना के ऊंचाई

ए मंदिर के स्कंद पुराण के काशी खंड (अनुभाग) सहित अन्य पुराणों में उल्लेख मिलेला। मूल विश्वनाथ मंदिर ईस्वी 1194 में कुतुब-उद-दीन ऐबक की सेना द्वारा नष्ट करा गइल रहे जब उ मोहम्मद गोरी की एगो कमांडर तौर प कन्नौज की राजा के पराजित कइलस। ओकरी बाद इ मंदिर क पुनः निर्माण एगो गुजराती व्यापारी द्वारा सुलतान इल्तुमिश (ईस्वी सन 1211-1266) की राज की दौरान करावल गइल। ओकरी बाद इ मंदिर समय समय पर भिन्न-भिन्न राजन की द्वारा नष्ट कराइल और एकर पुन: निर्माण भइल।

मंदिर पिछला कई हजार वर्ष से वाराणसी में स्थित बा। काशी विश्‍वनाथ मंदिर क हिंदू धर्म में एगो विशिष्‍ट स्‍थान बा। ऐसन मानल जाला की एक बार ए मंदिर में दर्शन कइले और पवित्र गंगा में स्‍नान कइले से मोक्ष क प्राप्ति होला। ए मंदिर में दर्शन करे खातिर आदि शंकराचार्य, सन्त एकनाथरामकृष्ण परमहंस, स्‍वामी विवेकानंद, महर्षि दयानंद, गोस्‍वामी तुलसीदास, गुरुनानक वगैरह संत  सब क आगमन भइल बा।[4]

  1. अखिल बख्शी (2004). स्वर्ग और नरक के बीच: सीमाओं के पार अभियान हाथों का लेखा-जोखा: श्रीलंका, बांग्लादेश, भूटान, नेपाल और भारत के माध्यम से यात्रा. ओडिसी पुस्तकें.
  2. "श्री काशी विश्वनाथ मंदिर - एक संक्षिप्त इतिहास".
  3. "Holi celebrations begin with Rangbhari Ekadashi | Varanasi News - Times of India". Timesofindia.indiatimes.com. 2015-03-02. Retrieved 2018-05-16.
  4. "इतिहास! काशी विश्वनाथ मंदिर". Archived from the original on 2019-04-19. Retrieved 2016-10-05.

बाहरी कड़ी

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