अशोक स्तंभ
अशोक स्तंभ (अशोक के खम्हा) पूरा दक्खिनी एशिया (भारतीय उपमहादीप) में जगह-जगह गड़ल खंभा बाड़ें जिनहन के मौर्य वंश के सम्राट अशोक (ल॰ 268 से 232 ईसापूर्व) द्वारा लगवावल गइल रहे, या कम से कम जिनहन पर अशोक द्वारा आदेशलेख लिखवावल गइल। इनहन में सभसे प्रसिद्द सारनाथ के खम्भा बा जेवना की मुकुट से आजाद भारत के राजचिह्न लिहल गइल हवे। एह खम्हा सभ के कुल संख्या 33 बतावल जाला जेह में से 20 गो अभिन ले मौजूद बाने। इनहन में से कुछे अइसन बाने जिनहन के ऊपरी मुकुट, जेह में कवनो जानवर के आकृति बनल रहल, सुरक्षित बचल बा।[1]
सुलतान फिरोजशाह तुगलक द्वारा अइसन दू गो खंभा दिल्ली ले आइल गइलें[2] कौशांबी के स्तंभ के अकबर इलाहाबाद के किला में ले आ के लगवा दिहलें, कुछ अन्य खम्हा सभ भी मुग़ल काल में एक जगह से दुसरा जगह ले जाइल गइलेन।[3] औसतन 12 से 15 मीटर ऊँच आ लगभग 50 टन वजन वाला ई खम्हा एकही सिंगल पाथर के काट के बनावल गइल हवें आ सैकड़न मील दूर ले जा के लगवावल गइल हवें।[4] इनहन के पालिश (सतह के चिक्कन कइल) के कला आज ले लोग खातिर आश्चर्य के बिसय बा। ई सगरी खम्हा चुनार के पाथर से बनावल गइल हवें।[5]
गैलरी
[संपादन करीं]-
संकिसा हाथी
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रामपुरवा जेबू बैल
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रामपुरवा सिंह
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चार सिंह, सारनाथ
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चार सिंह, साँची
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सिंह, वैशाली
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सिंह, लौरिया नंदनगढ़
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सिंह, उड़ीसा
संदर्भ
[संपादन करीं]- ↑ Himanshu Prabha Ray. The Return of the Buddha: Ancient Symbols for a New Nation. Routledge. p. 123.
- ↑ India: The Ancient Past: A History of the Indian Subcontinent from c. 7000 BCE to CE 1200, Burjor Avari Routledge, 2016 p.139
- ↑ Krishnaswamy, 697-698
- ↑ http://www.cs.colostate.edu/~malaiya/ashoka.html
- ↑ राधाकुमुद मुखर्जी, प्राचीन भारत, राजकमल प्रकाशन
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