ॐ, ओम् या ओंकार हिंदू, बौद्ध आ जैन धर्म में पबित्र मानल जाये वाला ध्वनि आ चीन्हा हवे।[1][2] ई बहुधा मंत्र के सुरुआत में जोड़ल जाला आ खुद में अपने आप भी मंत्र हवे। एकरा के प्रणव भी कहल जाला।