बसंत पंचिमी

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बसंत पंचिमी
बसंत के आगमन के चीन्हा, फुलाइल सरसो
ऑफिशियल नाँववसंत पंचमी
मनावे वालाहिंदू[1] आ सिक्ख[2] लोग द्वारा, भारत आ नेपाल में।
प्रकारधार्मिक, सांस्कृतिक
महत्त्वबसंत, उपज, देवी सरस्वती, कामदेव, फगुआ[1]
मनावे के तरीकासरस्वती पूजा, पढ़ाई के सुरुआत (बिद्यरंभ), पीयर कपड़ा पहिरल, सम्मत गाड़ल, फगुआ गावल।[1][2]
समयमाघ महीना, अँजोर, पंचिमी[1]
2023 तारीखबुध, 25 जनवरी
2024 तारीखबुध, 14 फरवरी

बसंत पंचिमी (संस्कृत: वसन्त पञ्चमी) एक ठो हिंदू तिहुआर हवे। बसंत ऋतु के अगवानी करे खातिर ई तिहुआर हिंदू कैलेंडर के हिसाब से माघ के महीना में पंचिमी तिथी के मनावल जाला।[1] अंग्रेजी कैलेंडर के हिसाब से ई जनवरी या फरवरी के महीना में पड़े ला।

भारत, नेपाल आ अन्य जगह रहे वाला हिंदू लोग द्वारा ई तिहुआर क्षेत्र अनुसार अलग-अलग रूप में मनावल जाला।[3] ज्यादातर जगह एह दिन ज्ञान आ संगीत के देवी सरस्वती के पूजा कइल जाले।[4] परंपरागत रूप से कामदेव के पूजा भी एह दिन मनावल जाले[5][6][7] आ कामसूत्र में बर्णित "सुवसंतक" भा "वसंतावतार" नाँव के तिहुआर के एही वसंत पंचिमी के रूप में चिन्हित कइल जाला।[8] वसंत पंचिमी के एक तरीका से ई हिंदू लोग के वैलेंटाइन डे के रूप में देखल जाला।[9] भोजपुरी क्षेत्र में एही दिन सम्मत गाड़ल जाला जेकरा के लगभग चालिस दिन के बाद, होली के एक दिन पहिले के रात खा, जरावल जाला आ एकरा के सम्मत फूँकल कहल जाला। सम्मत गड़ा जाये के दिन से फगुआ के सुरुआत मानल जाला आ भोजपुरी क्षेत्र में फगुआ गवाये सुरू हो जाला।[10][11]

एकरे अलावा सूफ़ी मत में भी एह तिहुआर के बर्णन मिले ला। जायसी के ग्रंथ पद्मावत में जिकिर बा कि एही बसंत पंचमी के दिने रत्नसेन पहिली बेर शिव मंदिर में आइल पद्मावती के देखलें आ बेहोस हो गइलें।[12] प्रेम के सूफ़ी मत में चलनसार बिसय होखे आ एह दिन के प्रेम के तिहुआर होखे के कारन एकर महत्त्व सूफ़ी रचना सभ में मिले ला। कई गो दरगाह सभ पर एह दिन बिसेस आयोजन भी कइल जाला।[13][14]

संदर्भ[संपादन करीं]

  1. 1.0 1.1 1.2 1.3 1.4 James G. Lochtefeld (2002). The Illustrated Encyclopedia of Hinduism: N-Z. The Rosen Publishing Group. pp. 741–742. ISBN 978-0-8239-3180-4.
  2. 2.0 2.1 Nikky-Guninder Kaur Singh (2011). Sikhism: An Introduction. I.B.Tauris. p. 87. ISBN 978-0-85773-549-2.
  3. Rajeshwari Shandilya (2009). Bharatiya Parva Evam Tyohar. Prabhat Prakashan. pp. 122–. ISBN 978-81-7315-617-5.
  4. James G. Lochtefeld (2002). The Illustrated Encyclopedia of Hinduism: N-Z. The Rosen Publishing Group. pp. 741–. ISBN 978-0-8239-3180-4.
  5. Kahani Evam Nibandh Sanklan. Vani Prakashan. pp. 129–.
  6. Hajārīprasāda Dvivedī; Mukunda Dvivedī (2011). Aba kachu kahibe nāhiṃ. Kitabghar Prakashan. pp. 101–. ISBN 978-81-89859-47-3.
  7. Hazari Prasad Dwivedi (सितंबर 1998). Aalok Parv. Rajkamal Prakashan Pvt Ltd. pp. 18–. ISBN 978-81-7178-686-2.
  8. The Kāmasūtram of Śrī Vātsyāyana Muni. Chaukhambha Sanskrit Sansthan. 2003. pp. 174–. ISBN 978-81-86937-52-5.
  9. J. Gordon Melton (2011). Religious Celebrations: L-Z. ABC-CLIO. pp. 903–. ISBN 978-1-59884-205-0.
  10. नवनीत (अंक-36). 1987.
  11. Kirana Marālī (1984). Avadhī aura Bhojapurī lokagītoṃ meṃ Rāmakathā. Bhāratī Bhaṇḍāra.
  12. Nareśa (2007). Kānc kī dīvāra. Vāṇī Prakāśana. pp. 70–. ISBN 978-81-8143-660-3.
  13. Aneesh Pradhan (21 मार्च 2016). Hindustani Music: Ways of Listening. BookBaby. pp. 73–. ISBN 978-1-4835-6483-8.[मुर्दा कड़ी]
  14. Imtiaz Ahmad; Helmut Reifeld (3 August 2017). Lived Islam in South Asia: Adaptation, Accommodation and Conflict. Taylor & Francis. pp. 251–. ISBN 978-1-351-38432-2.