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नवरातर

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(नवरात्र से अनुप्रेषित)
नवरातर
प्रकारहिंदू तिहुआर
मनावे के तरीका9 दिन
सुरूचइत/कुआर सुदी एक्कम
अंतचइत/कुआर सुदी नउमी
समयआमतौर पर चइत वाला मार्च-अप्रैल में आ कुआर वाला सितंबर-अक्टूबर में
केतना बेरसाल में दू बेर

नवरातर, नौरातर या नवरात (संस्कृत: नवरात्र[1], नौगो राति के समूह) एगो हिंदू तिउहार ह। ई माता दुर्गा या शक्ति के पूजा के पर्व हवे जेवन नौ राति के होला। साल में दू बेर ई तिहुआर मनावल जाला, चइत के अँजोर में आ कुआर की अँजोर में सुरुआति के नौगो तिथी के समय नवरातर के समय होला। ई दुगो की अलावा तीनठो नवरातर अउरी होला जेवन खाली शाक्त शाखा के लोग आ तांत्रिक पूजा करे वाला लोग मनावे ला आ ई बहुत प्रचलित ना हवें।

चइत की नवरात्र के संस्कृत में चैत्र नवरात्र या वसन्त नवरात्र कहल जाला आ एकर समापन रामनउमी की दिने होला। सभसे ढेर महत्व आ प्रचलन कुआर की नवरातर के होला जे के संस्कृत में शारदीय नवरात्र कहल जाला। एही नवरातर में छठ से लेके एकरी समापन के बाद दसिमी ले दुर्गा पूजा आ दसिमी के बिजयदसिमी या दशहरा की रूप में भारत, नेपाल, भूटानबंगलादेस में धूमधाम से मनावल जाला।

संस्कृत शब्द नवरात्र[1] के अरथ होला नौगो रात्रि (राति) के समूह।[2] ई पुल्लिंग शब्द हवे जेकरा के वर्तमान में कुछ लोग नवरात्रि भी बोले ला जे संस्कृत व्याकरण के हिसाब से गलत बा।

भोजपुरी में एकर नौरातर या नवरातर उच्चारण होला; कुछ लोग एकरा के नवनातर भी कहे ला। अन्य क्षेत्रन में भी कुछ मामूली अंतर के साथ अइसने उच्चारण भेद देखे के मिले ला। उदाहरण खातिर दिल्ली के क्षेत्र में कुछ जगह पर एकरा नुराते भी उच्चारण कइल जाला।[3]

नौरातर साल में चार बेर आवेला[4] जेह में दुगो खूब धूमधाम से मनावल जाला, कुआर आ चइत के महिना में। एहू में कुआर के नवरातर के ढेर महत्त्व हवे। कुआर के अँजोरिया पाख के देवी-पक्ष भी कहल जाला।[5]

  1. 1.0 1.1 Apte, Vaman Shivaram (1998). The Practical Sanskrit-English Dictionary (Sanskrit में). Motilal Banarsidass Publishe. p. 882. ISBN 978-81-208-1568-1.
  2. राजेशवरी शाण्डिल्य 2009, p. 97.
  3. धर्मवीर शर्मा 1991, p. 666.
  4. माहेश्वरी सिन्हा 1982.
  5. कल्याण, अंक 78, साल 2004।

किताबी स्रोत

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