चइत

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चइत
चैत्र मास, जयपुर के मिनियेचर पेंटिंग (वारसा के म्यूजियम में)
मूल नाँवचैत्र  (संस्कृत)
कलेंडरहिंदू कलेंडर
महीना के गिनती12
सीजनबसंत
अंग्रेजी कलेंडर मेंफरवरी-मार्च
महत्व के दिन

चइत (चैत्र) हिंदू कलेंडर के एक ठो महीना बा। ई कई क्षेत्रन में साल के पहिला महीना हवे जे फागुन के बाद आ बइसाख के पहिले आवे ला।

काशी क्षेत्र में प्रचलन में बिक्रम संवत के अनुसार चइत के अँजोरिया (शुक्लपक्ष) से नया साल के सुरुआत होला। एह तरह से एह महीना के आधा हिस्सा पुरान साल में पड़ेला आ आधा नया साल में। अंग्रेजी (ग्रेगोरियन कैलेंडर) के हिसाब से एह महीना के सुरुआत कौनों फिक्स डेट के ना पड़ेला बलुक खसकत रहेला। आमतौर पर ई मार्च-अप्रैल के महीना में पड़े ला।

भारतीय राष्ट्रीय पंचांग, जेवन सुरुज आधारित होला, में चइत पहिला महीना हवे आ ग्रेगोरियन कैलेंडर के 20/21 मार्च से एकर सुरुआत होले। नेपाल में प्रयुक्त कैलेंडर के हिसाब से ई साल के अंतिम महीना हवे। बंगाली कैलेंडर में भी ई आखिरी महीना होला।

तिहुआर[संपादन करीं]

घाँटो[संपादन करीं]

घांटो भोजपुरी संस्कृति के बड़ा निर्मल सहज अनुराग से सराबोर भइल भाई बहिन के त्यौहार ह। चइत सुदी एकादशी के दिन हर लड़की औरत नदी नहाये जाके नदी के पवित्र पांकी लेआवेला लोग। उहे माँटि-पांकी से बनेली 'कोइलर" "कोतवाल" आ "घांटो"। एकरा के सुखा के चिकन बनावन जाला ई सब अपना भाई के बधाई बहिन करेली अपना भाई के अमर होखे के गीत गावेली। यह अवसर के ई गीत बड़ा लोकप्रिय बा "कवना बने रहलू ए कोइलर… कवना बने…."। फिर आवेला सतुआन के दिन वो दिन भाई लाठी ले के बगईचा में जाला लोग अ बहिन फांड में कोइलर ले के जाली अ आम के फेंड पर बिग देली फिर भाई कोइलर के खोज के लाठी से मार गिरावेले। ई संस्कृति भाई बहिन के बचपन के खेल नियन लागेला अ भाई बहिन के प्रेम बढ़ावेला। सतुआन के बिहान भइला बहिन फांड में घाँटों आ कोतवाल के ले के नदी किनार पर जईहे आ फांड में लेके नदी में बोर के भाई के आगे दे देदेवेली भाई एकरो के लाठी से पिटे ले पूरा गांव जुटला आ खुसी से ई त्यौहार मनावल जाला।

घांटो लोकगीतन के एको प्रकार हवे। एकरा के झलकुटिया चइता कहल जाला।[1]

नवरातर[संपादन करीं]

बसंत के नवरातर चइत महीना के अंजोर में मनावल जाला आ एक्कम से नउमी ले चले ला। एकरा समापन रामनउमी के दिने होखे ला।

रामनउमी[संपादन करीं]

रामनउमी चाहे राम नवमी चइत महीना के प्रमुख तिहुआर हवे। एह दिन राम के जनम के दिन के रूप में मनावल जाला। ई चइत महीना के नवरातर के अंतिम दिन भी होला।

इहो देखल जाय[संपादन करीं]

संदर्भ[संपादन करीं]

  1. "फगुआ के बाद आ गइल चइत के उतपाती महीना, लेले मस्ती के आलम". News18 हिंदी (हिंदी में). 31 मार्च 2021. Retrieved 20 मार्च 2022.