कोशी प्रदेश
कोशी प्रदेश | |
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ऊपर से घड़ी के चाल अनुसार: माउंट एवरेस्ट, कंचनजंघा, गोक्यो झील, नाम्चे बजार, बरुन घाटी, इलाम, हलेसी महादेव मंदिर आ तांगबोचे मठ | |
Coordinates (विराटनगर): 26°27′15″N 87°16′47″E / 26.45417°N 87.27972°Eनिर्देशांक: 26°27′15″N 87°16′47″E / 26.45417°N 87.27972°E | |
देश | नेपाल |
स्थापित | 20 सितंबर 2015 |
राजधानी | विराटनगर (अंतरिम) |
बड़हन शहर | बिराटनगर |
जिला सभ | 14 |
Government | |
• Body | कोशी प्रदेश सरकार |
Area | |
• Total | 25,905 किमी2 (10,002 बर्ग मील) |
Population (2011) | |
• Total | 4,534,943 |
• Density | 180/किमी2 (500/बर्ग मील) |
Demonym | पूर्वेली |
Time zone | UTC+5:45 (नेपाल मानक समय) |
Geocode | NP-ON |
कोशी प्रदेश, जेकर पुरान नाँव प्रदेश संख्या 1 रहल, नेपाल के सात गो प्रदेश सभ में से एगो ह। 20 सितंबर 2015 के लागू भइल संविधान में नया सात गो प्रदेश सभ के प्रावधान कइल गइल।[1]
इ प्रदेश के पूर्व में भारत के सिक्किम राज्य बा आ साथ में पश्चिम बंगाल के उत्तरी हिस्सा दार्जीलिंग सटल बा। उत्तर में हिमालय के ओह पार तिब्बत स्थित बा त दक्षिण में भारत के बिहार स्थित बा।
25,905 वर्ग किमी में फैलल क्षेत्र में पर्वतीय हिस्सा 10,438 किमी2 जगह छेंकले बा। पहाड़ी हिस्सा 10,749 किमी2 जगह छेंकले बा त पूर्वी तराई क्षेत्र 4,718 किमी2 के जगह छेंकले बा।
निर्वाचन क्षेत्र सीमांकन आयोग (CDC) के रिपोर्ट के हिसाब से कोशी प्रदेश में फर्स्ट पास्ट द पोस्ट निर्वाचन प्रणाली के तहत 28 गो संसदीय सीट आ 56 गो प्रादेशिक सीट बा।[2] 17 जनवरी 2018 के भइल मंत्रिमंडल के मीटिंग में विराटनगर के कोशी प्रदेश के अंतरिम राजधानी आ गोविंद सुब्बा के गवर्नर घोषित कइल गइल बा।[3][4][5]
2011 के जनगणना के हिसाब से लगभग 45 लाख लोग ई प्रदेश में निवास करेला लोग, जेकर घनत्व 175.6 प्रति वर्ग किमी बा।[6]
इतिहास
[संपादन करीं]किरात लोग उत्तर-पूरबी हिमालय के मूलनिवासी रहे लोग। बाबूराम आचार्य के अनुसार ई लोग 700 ईपू (BC) पहिले नेपाल में आके राज कइले रहल लोग। उ लोग छोट कद के रहल लोग लेकिन शरीर से मजबूत रहल लोग, उ लोग के चौड़ा गाल, चापुट नाक, कम दाढ़ी आ करिया आँख रहल। उ लोग युद्ध कला में निपुण रहे लोग आ तीरंदाजी में भी निपुण रहे लोग। उ लोग वर्तमान किरात: लिम्बु, यखा, सुनुवार, राई, कुलुंग, थुलुंग आ येल्लुंग लोग के पूर्वज रहल लोग।
किरात लोग के राजा यलम्बर अहीर वंश के अंतिम राजा भुवन सिंह के हरा के काठमांडू घाटी में किरात राज के स्थापित कइले रहन। उ आपन राज्य के पूरब में टिस्ता नदी आ पश्चिम में त्रिशूली नदी तक विस्तार कइले रहलन।[7]
बाद में किरात राज्य कई छोट छोट रियासत में बंट गइल आ कई साल तक पूरबी नेपाल में अइसहि रहल। लिम्बुवान आ मोरंग अधिराज्य ओहि लोग के राज्य रहल।
गोरखा के राजा नेपाल एकीकरण के समय पूरब के सभ छोट-छोट किराती रियासत के आपन राज्य में 1771 से 1789 के बीच समेट लिहले।[8]
भूगोल
[संपादन करीं]कोशी प्रदेश 25,905 वर्ग किमी क्षेत्रफल में फैलल बा।[6] ई प्रदेश के भौगोलिक बनावट तीन तह में बँटल बा। सभे क्षेत्र के समुद्र तल से ऊंचाई में बहुते फरक फरक बा। ई क्षेत्र के ऊंचाई कमती में 59 मि. आ अधिका में 8,848 मि. बा। नेपाल के सबसे कम ऊँच जगह केचन कवल जेकर ऊंचाई समुद्र तल से मात्र 59 मि. बा, एहि प्रदेश के झापा जिला में पड़ेला। प्रदेश के बहुत बड़हन हिस्सा जंगल से ढाकल बा। एहिजा टुंड्रा झाड़ी (हिमालयी क्षेत्र पर उगल घास-झाड़ी), शंकुधारी पत्ता वाला जंगल, पतझड़ी मानसून वाला जंगल, उपोष्णकटिबंधीय जंगल बा।
उच्च हिमालयी क्षेत्र
[संपादन करीं]हिमालयी या पर्वतीय (Higher Himalayas) क्षेत्र प्रदेश के सबसे उत्तर के हिस्सा ह, जँहवा बहुतेरे ऊँच ऊँच शिखर बाड़ी सन। महालंगूर, कुम्भकर्ण, उम्वेक, लुम्बा सुम्बा आ जनक ओ हिमालय सभ में से कुछेक के नाम ह। दुनिया के सबसे ऊँच पर्वत माउंट एवरेस्ट (8848 मीटर); आ दुनिया के तीसरा सबसे ऊँच पर्वत कंचनजंघा (8598 मीटर) एहिजा पड़ेला। ई क्षेत्र में सालों भर बरफ से ढाकल रहे वाला कई गो चोटी बाड़ी सन जइसे: माउंट एवरेस्ट, माउंट कंचनजंघा, माउंट मकालू जवन सोलुखुम्बु, संखुवासभा आ ताप्लेजुंग जिला सभ में पड़ेला। ई तीनो जिला प्रदेश के सबसे उत्तर में बा यानी कि ई तीनो जिला हिमालयी जिला ह।
कोशी प्रदेश में स्थित पर्वत सभ
[संपादन करीं]पर्वत/शिखर | मीटर | फीट | खंड | नोट |
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माउंट एवरेस्ट | 8,848 | 29,029 | खुम्बु महालंगूर | विश्व के सर्वोच्च शिखर (समुद्र तल से) |
कंचनजंघा | 8,586 | 28,169 | उत्तरी कंचनजंघा | पृथ्वी पर तीसरका सभन से ऊंच |
ल्होत्से | 8,516 | 27,940 | एवरेस्ट समूह | चौथा सभन से ऊंच |
मकालू | 8,463 | 27,766 | मकालू महालंगूर | पांचवा सभन से ऊंच |
चोयु | 8,201 | 26,906 | खुम्बू महालंगूर | छठा सभन से ऊंच |
ज्ञानचुंग कांग | 7,952 | 26,089 | खुम्बू महालंगूर | एवरेस्ट आ चोयु के बीच में |
नुप्तसे | 7,861 | 25,791 | एवरेस्ट समूह | ल्होत्से से 319 मि. बाहर निकलल |
जन्नु | 7,711 | 25,299 | कुम्भकर्ण कंचनजंघा | |
काब्रु | 7,412 | 24,318 | सिंगलिला कंचनजंघा | |
किरात चुली | 7,365 | 24,163 | कंचनजंघा | |
नंगपाई गोसुम | 7,350 | 24,114 | खुम्बू महालंगूर | |
चाम्लांग | 7,321 | 24,019 | बरुन महालंगूर | विश्व में ७९वाँ# |
पुमोरी | 7,161 | 23,494 | खुम्बू महालंगूर | १९६२ में पहिला बार चढ़ल गइल |
बरुनत्से | 7,129 | 23,389 | बरुन महालंगूर | १९५४ में पहिला बार चढ़ल गइल |
आमा डाबलाम | 6,812 | 22,349 | बरुन महालंगूर | "माई आ उनका गला के हार" |
कांगतेगा | 6,782 | 22,251 | बरुन महालंगूर | १९६३ में पहिला बार चढ़ल गइल |
चो पोलु | 6,735 | 22,096 | बरुन महालंगूर | १९९९ में पहिला बार चढ़ल गइल |
लिंगट्रेन | 6,714 | 22,028 | खुम्बू महालंगूर | १९३५ में पहिला बार चढ़ल गइल |
नुम री | 6,677 | 21,906 | बरुन महालंगूर | २००२ में पहिला बार चढ़ल गइल |
खुम्बूत्से | 6,640 | 21,785 | खुम्बू महालंगूर | एवरेस्ट के पश्चिम में पहिला पर्वत |
थामसेर्कु | 6,623 | 21,729 | बरुन महालंगूर | १९६४ में पहिला बार चढ़ल गइल |
पांगबोचे | 6,620 | 21,719 | कुटांग हिमालय | |
ताबोचे | 6,542 | 21,463 | खुम्बू महालंगूर | १९७४ में पहिला बार चढ़ल गइल |
मेरा शिखर | 6,476 | 21,247 | हिमालय | ट्रैकिंग शिखर |
चोलात्से | 6,440 | 21,129 | खुम्बू महालंगूर | ताबोचे से जुड़ल बा |
कुसुम कंन्गुरु | 6,367 | 20,889 | बरुन महालंगूर | ट्रैकिंग शिखर (difficult) |
ओम्बीगाईचन | 6,340 | 20,801 | बरुन महालंगूर | |
कोंगड़े री | 6,187 | 20,299 | बरुन महालंगूर | ट्रैकिंग शिखर (कठिन) |
इम्जा त्से | 6,160 | 20,210 | खुम्बू महालंगूर | द्वीप शिखर के नाम से भी जानल जाला। प्रसिद्ध ट्रैकिंग शिखर |
लोबुचे | 6,145 | 20,161 | खुम्बू महालंगूर | ट्रैकिंग शिखर |
निरेखा | 6,069 | 19,911 | खुम्बू महालंगूर | ट्रैकिंग शिखर (कठिन) |
पोकाल्डे | 5,806 | 19,049 | खुम्बू महालंगूर | ट्रैकिंग शिखर (मध्यम) |
पर्वत खुम्बिला | 5,761 | 18,901 | महालंगूर | अभी ले चढ़ल नइखे गइल |
काला पत्थर | 5,545 | 18,192 | खुम्बू मह | पुमोरी के नीचे प्रसिद्ध हाईकिंग |
गोक्यो री | 5,357 | 17,575 | हिमालय | प्रसिद्ध हाईकिंग शिखर |
पहाड़ी क्षेत्र
[संपादन करीं]पहाड़ी क्षेत्र, हिमालयी आ तराई क्षेत्र के बीच में बा। चुरिया श्रेणी आ महाभारत श्रृंखला (lower Himalayas) के क्षेत्र पहाड़ी क्षेत्र कहल जाला। ई में नदी के घाटी (basin), टार (पहाड़ पर सपाट क्षेत्र), घाटी (valley) आदि के मौजूदगी होखेला। पहाड़ी क्षेत्र पर कुछ हिस्सा खेती खातिर बढ़िया हो सकत बा त कुछ हिस्सा ना भी हो सकेला। हिमालयी जिला से उत्तर ओर जंगल से ढाकल पहाड़ी क्षेत्र बा, पहाड़ी क्षेत्र के जिला सभ ह: ओखलढुंगा, खोटाँग, भोजपुर, तेह्रथुम, ईलाम आ पाँचथर जिला। ई जिला सभ पहाड़ी जिला में गिनाला।
तराई क्षेत्र
[संपादन करीं]तराई क्षेत्र दक्खिन में बा। प्रदेश के तराई क्षेत्र के माटी जलोढ़ बा। सभन से दक्षिण के जिला सुनसरी, मोरंग आ झापा जिला तराई के क्षेत्र में गिनाला। तराई के जमीन समतल आ उर्वरक बा।
भीतरी तराई
[संपादन करीं]ई प्रदेश में भीतरी तराई क्षेत्र कोशी नदी से पच्छिम में यानी कि उदयपुर में मात्र पड़ेला। समतल भू-भाग जवन महाभारत आ शिवालिक/चुरिया पहाड़ से घेराइल बा, भीतरी तराई कहल जाला। उदयपुर जिला ई प्रदेश के भितरी तराई क्षेत्र ह। ई जिला चारो ओर से पहाड़ से घेराइल बा आ बीच के कुछ हिस्सा समतल बा।
नदी सभ
[संपादन करीं]प्रदेश में कई गो छोट छोट सदाबहार नदी आ बरसाती नदी बाड़ी सन। ई नदी कुल उत्तर से दक्खिन ओर बहेली सन। सदाबहार नदी कुल हिमालय से बह के आवेली सन आ अंत मे कउनो ना कउनो नदी के सहायक नदी बन के भारत के गंगा नदी में मिल जाली सन। कोशी नदी ई प्रदेश के सबसे बड़ नदी ह। ई नदी में सात गो सहायक नदी मिलल बा एहि से ई नदी के सप्तकोसी भी कहल जाला।
प्रदेश के नदी सभ:
- मेची नदी
- कन्काई नदी
- कोशी नदी (सप्तकोसी) नीचे के नदी सभ कोशी के सहायक नदी हई सन:
हावा-पानी
[संपादन करीं]भौगोलिक विशिष्टता के साथे साथ नेपाल के हावा-पानी में भी विविधता देखल जा सकत बा। कोशी प्रदेश में तीन भौगोलिक खंड देखल जा सकत बा: तराई के कम ऊंचाई वाला क्षेत्र, मध्य ऊंचाई वाला मध्य-पहाड़ी क्षेत्र आ उच्च हिमालयी क्षेत्र।
उत्तरी हिस्सा गर्मियन के दिन में भी ठंडे रहेला आ ठंडी के दिन में त कठोर ठंडा पड़ेला जबकि दक्खिनी हिस्सा गर्मी के दिन उष्णकटिबंधीय रहेला आ ठंडा के दिन तनिक कमे ठंडा रहेला। हावा पानी के आधार पर प्रदेश के दक्खिनी हिस्सा, तराई, गरम आ नमी युक्त होखेला। पूरबी नेपाल में करीब करीब 2,500 मिलीमीटर बरखा साल भर में बरसेला। कोशी प्रदेश में 5 गो मौसम बा: बसंत, गरमी, बरखा, पतझड़ आ सरद।
प्रशासनिक विभाजन
[संपादन करीं]20 सितम्बर 2015 के नयका संविधान जारी होखला के बाद प्रदेश संख्या 1 अस्तित्व में आइल। 2023 में एकर नाँव बदल के कोशी प्रदेश क दिहल गइल। कोशी प्रदेश 14 जिला में बँटल बा, हर जिला नगरपालिका आउर गांवपालिका में बँटल बा। नगरपालिका आ गांवपालिका कईयन वार्ड में बँटल बा।
नेपाल प्रदेश संख्या 1 जिला महानगरपालिकाउप-महानगरपालिकानगरपालिकागांवपालिका
जिला
[संपादन करीं]कोशी प्रदेश में 14 गो जिला सभ में बाड़े:
नगरपालिका/गांवपालिका
[संपादन करीं]हर जिला नगरपालिका आ गांवपालिका में बँटल बा। नगरपालिका शहरी क्षेत्र आ गांवपालिका ग्रामीण क्षेत्र के स्थानिय प्रशासन ह। नेपाल में नगरपालिका तीन प्रकार के होखेला।
- नगरपालिका/नगरपरिषद (शहरी क्षेत्र के स्थानिय प्रशासन)
- महानगरपालिका
- उप-महानगरपालिका
- नगरपालिका
- गांवपालिका (ग्रामीण क्षेत्र के स्थानिय प्रशासन)
कउनो भी गांव/शहर के नगरपालिका में रखे के बा कि गांवपालिका में रखे के बा, ई बात के निर्णय नेपाल सरकार एगो मापदंड के हिसाब से करे ले। ई मापदंड में एगो निश्चित जनसंख्या, बुनियादी ढांचा आ राजस्व शामिल बा।
पहिले के प्रशासन
[संपादन करीं]20 सितम्बर 2015 के नया संविधान जारी होखे से पहिले, प्रदेश संख्या 1 के क्षेत्र नेपाल के 5 गो विकास क्षेत्र में से एगो रहे, जेकर नाम पूर्वांचल विकास क्षेत्र रहे। ए में 16 गो जिला सभ रहे, 14 गो जिला हाल के प्रदेश संख्या 1 के आ 2 गो जिला सिराहा आ सप्तरी जिला, जवन अभी प्रदेश संख्या 2 में बा, पूर्वांचल विकास क्षेत्र में रहे। पूर्वांचल विकास क्षेत्र 3 गो अंचल (सबडिवीजन) में बँटल रहे। उ तीन गो अंचल रहे: मेची अंचल, कोशी अंचल आ सगरमाथा अंचल। मेची अंचल में 4 गो जिला, कोशी अंचल में 6 गो जिला आ सगरमाथा अंचल में 6 गो जिला सभ रहे। ई विकास क्षेत्र के कुल क्षेत्रफल 28,456 किमी² रहे।
क्रम सं. | नाम (नेपाली) | नाम (अंग्रेजी) | जिला | जनसंख्या (2011) | वेबसाइट | ||
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1 | बिराटनगर | Biratnagar | मोरंग | 242,548 | [1] Archived 2021-01-23 at the Wayback Machine | ||
2 | धरान | Dharan | सुनसरी | 141,439 | [2] Archived 2021-01-21 at the Wayback Machine | ||
3 | इटहरी | Itahari | सुनसरी | 140,517 | [3] Archived 2018-01-24 at the Wayback Machine | ||
4 | मेचीनगर | Mechinagar | झापा जिला | 111,797 | [4] Archived 2018-02-02 at the Wayback Machine | ||
5 | गाइघाट | Gaighat | उदयपुर | 71405 | [5] Archived 2018-02-02 at the Wayback Machine |
राजनीति
[संपादन करीं]नेपाल में पहिलका प्रदेश सभा निर्वाचन 26 नवम्बर आ 7 दिसम्बर 2017 में भइल।
कोशी प्रदेश के प्रदेश सभा निर्वाचन के परिणाम अइला के बाद सबसे बड़हन पार्टी के रूप में नेपाली कम्युनिस्ट पार्टी (यूनिफाइड मार्क्सवादी लेनिनवादी) (CPN (UML)) सामने आइल, जवन प्रदेश के 93 सीट में से 51 गो सीट जीत गइल। दुसरका सबसे बड़ पार्टी नेपाली कांग्रेस बनल जवन 21 गो सीट जितलस आ तिसरका बड़ पार्टी बनल नेकपा (माके), जवन 15 गो सीट जितलस।[9]
प्रदेश में 56 गो सीट फर्स्ट पास्ट द पोस्ट के तहत बा आ 37 गो सीट समानुपातिक प्रतिनिधित्व के तहत बा।
पार्टी | FPTP | PR | Total | ||||
---|---|---|---|---|---|---|---|
मत | % | सीट | मत | % | सीट | ||
नेपाली कम्युनिस्ट पार्टी (यूनिफाइड मार्क्सवादी लेनिनवादी) | 36 | 15 | 51 | ||||
नेपाली कांग्रेस | 8 | 13 | 21 | ||||
नेपाली कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी केंद्र) | 10 | 5 | 15 | ||||
संघीय समाजवादी मंच, नेपाल | 1 | 2 | 3 | ||||
राष्ट्रीय प्रजातंत्र पार्टी | 0 | 1 | 1 | ||||
संघीय लोकतांत्रिक राष्ट्रीय मंच | 0 | 1 | 1 | ||||
स्वतंत्र | 1 | 1 | |||||
कुल | 56 | 37 | 93 |
17 जनवरी 2018 के मंत्रिमंडल के भइल एगो मीटिंग में नेपाल सरकार कोशी प्रदेश के अस्थायी (अंतरिम) राजधानी विराटनगर घोषित कइलस। मीटिंग में गोविंद सुब्बा के कोशी प्रदेश के गवर्नर भी घोषित करल गइल।[12]
आर्थिक
[संपादन करीं]कोशी प्रदेश आर्थिक रूप से खेती-बारी आ पर्यटन पर आधारित बा। कोशी प्रदेश के अधिकांश लोग खेती-बारी आ पशुपालन के क्षेत्र में लागल बा लोग। चायपत्ती, धान, मकई, गेंहू, आलू, बाजरा आदि ई प्रदेश के मुख्य फसल ह।
तराई के तीन गो जिला सभ झापा, मोरंग आ सुनसरी आ भीतरी तराई के उदयपुर के जमीन उपजाऊ बा जवन धान, गेंहू, ऊँख, मकई, जुट आदि खातिर बढ़िया जमीन बा। ई तराई क्षेत्र के लोग आम, लीची आ केरा जइसन फल के भी उत्पादन करेला लोग।
चायपत्ती उत्पादन पहाड़ी क्षेत्र के मुख्य फसल ह। ईलाम आ झापा चायपत्ती उत्पादन के मुख्य केंद्र ह हालांकि पांचथर, धनकुटा, भोजपुर आ सोलुखुम्बु जिला सभ नया क्षेत्र ह जँहवा चायपत्ती उत्पादन में लोग लाग गइल बा। तेज पत्ता, इलायची, विभिन्न तरह के फल-फूल आ साग-सब्जी भी उगावल जाला। "छुर्पी" एक तरह के पनीर होखेला, जवन याक के दूध से बनेला, एकर भी उत्पादन प्रदेश संख्या 1 के कुछ पहाड़ी आ हिमालयी क्षेत्र में होखेला।
प्रदेश के उत्तरी हिमालयी पर्वतीय क्षेत्र में दुनिया के कई गो ऊँच ऊँच हिमालयी चोटी बाड़ी सन, जवन दुनिया के पर्यटक लोग के आपन ओर आकर्षित करेली सन। ई चोटियन के चलते प्रदेश में पर्यटन के आगमन हमेशा रहेला।
बिराटनगर प्रदेश के सभन से बड़ शहर आ आर्थिक राजधानी भी ह। बिराटनगर में कई तरह के कल-कारखाना आ फैक्टरी कुल बाड़ी सन।
परिवहन
[संपादन करीं]नेपाल के सभे प्रदेश (प्रदेश संख्या २ के छोड़ के) के भौगोलिक बनावट बहुते कठिन बा। प्रदेश के मात्र तीन गो जिला समतल जमीन यानी कि तराई में पड़ेला, एगो जिला भीतरी तराई आ बाकी सभ जिला कठिन पहाड़ी आ हिमालयी क्षेत्र पर पड़ेला, एहि से सडको के नेटवर्क के विस्तार ठीक से नइखे भइल। प्रदेश में रेल के कउनो सुबिधा नइखे। हवाई सेवा के मौजूदगी प्रदेश में बाटे।
सड़क
[संपादन करीं]प्रदेश के लगभग सभे जिला सड़क से जुड़ल बाटे, यद्यपि बहुत ऊंचाई वाले क्षेत्र सभ में कुछ सड़क कुल पक्की नइखी सन आ बरसात के दिनन में ई सड़कन के स्थिति बहुत खराब हो जाला। पहाड़ी आ हिमालयी क्षेत्र में वाहन अनुगमन बहुत धीरा हो सकत बा काहे की एक त क्षेत्र के बनावट दुर्गम बा, ऊपर से सड़क के स्थिति भी खराब हो सकेला।
कोशी प्रदेश के मुख्य राजमार्ग सभ जवन समतल तराई के उच्च हिमालयी क्षेत्र से जोड़ेला:
- मेची राजमार्ग: 2 लेन के राजमार्ग जवन 268 किमी लमहर बा आ झापा के चारआली से शुरू होखेला आ ताप्लेजुंग से जोड़ेला। ई सड़क पर पड़े वाली मुख्य जगह बाड़ी सन: पृथ्वीनगर, भद्रपुर, दुहगढ़ी, बुधबारे, कन्याम, आ फिक्कल।
- कोशी राजमार्ग: 2 लेन के सड़क जवन 159 किमी लमहर बा, बिराटनगर से शुरू होखेला आ म्याग्लुंग में जाके अंत। सड़क के कुछ महत्वपूर्ण शहर बाड़ी सन: इटहरी, धरान, धनकुटा, भेड़ेटार, हिले आदि।
- सगरमाथा राजमार्ग: 2 लेन के 265 किमी लमहर राजमार्ग बा, जवन कदमाहा में शुरू होखेले आ सोलुखुम्बु में अंत। गाइघाट, साउने आदि ई राजमार्ग में पड़े वाला मुख्य जगह हई सन।
हवाई सेवा
[संपादन करीं]प्रदेश में कई गो आंतरिक एयरपोर्ट आ हवाई सेवा उपलब्ध बा।
कोशी प्रदेश के एयरपोर्ट सभ:
- भोजपुर एयरपोर्ट (भोजपुर)
- बिराटनगर एयरपोर्ट (बिराटनगर)
- कंगेल डाँड़ा एयरपोर्ट (कंगेल, सोलुखुम्बु)
- मन माया एयरपोर्ट (खानीडाँड़ा, खोटाँग)
- थामखड्का एयरपोर्ट (खोटाँग बाजार)
- लामीडाँड़ा एयरपोर्ट (लामीडाँड़ा, खोटाँग)
- तेनजिंग-हिलेरी एयरपोर्ट (लुक्ला, सोलुखुम्बु)
- फाप्लु एयरपोर्ट (फाप्लु, सोलुखुम्बु)
- रुम्जाटार एयरपोर्ट (रुम्जाटार, ओखलढुंगा)
- स्यांगबोचे एयरपोर्ट (स्यांगबोचे, सोलुखुम्बु)
- ताप्लेजुंग एयरपोर्ट (ताप्लेजुंग)
- तुम्लिंगटार एयरपोर्ट (तुम्लिंगटार, संखुवासभा)
- भद्रपुर एयरपोर्ट (भद्रपुर, झापा)
पर्यटन
[संपादन करीं]पूर्वी नेपाल पर्यटन खातिर अन्य जगह से अधिक प्रचलित बा, एहिजा पर्यटन खातिर प्रसस्त बिंदु बाड़े। एहिजा सुंदर पर्वत, पहाड़, नदी, घाटी, झरना आदि स्थल बा। एहिजा पर्यटन खातिर और भी बिंदु बाड़ी सन जेकर विकास कर के पर्यटन के बढ़ावा दिहल जा सकत बा। विभिन्न उद्देश्य के साथ दुनिया भर के पर्यटक ई हिस्सा में पधारेले जा। ई क्षेत्र में पर्वतारोहण, बंजी कूद, राफ्टिंग, पैराग्लाइडिंग आ अन्य कई सुविधा कुल पर्यटक लोग के मुहैया करावल जाला।
ट्रैकिंग के उद्देश्य कोशी प्रदेश में मकालू बेस कैम्प, एवरेस्ट से पूरब में, आ कंचनजंघा के आसपास के क्षेत्र में जाईल जा सकत बा। ई क्षेत्र में असीमित विविधता देखल जा सकत बा।
हिन्दू/बौद्ध धार्मिक स्थल
[संपादन करीं]- सतासी धाम, अर्जुनधारा, (झापा)
- बुद्ध धाम, माईस्थान या माई पोखरी, लरुम्बा, (ईलाम)
- सिंह देवी, गुप्तेश्वर महादेव, (पांचथर)
- पाथिभरा देवी मंदिर, (ताप्लेजुंग)
- विराटकाली, (मोरंग)
- बुढा सुब्बा मंदिर, बराहक्षेत्र, (सुनसरी)
- छिन्नतांग देवी, मार्गस्थान, (धनकुटा)
- सिंहवाहिनी, (तेह्रथुम)
- सिद्धकाली, मनकामना, (संखुवासभा)
- सिंहकाली, चण्डीस्थान, (भोजपुर)
- चौदण्डी देवी, (उदयपुर)
- हलेसी महादेव मंदिर, (खोटाँग)
- चम्पादेवी, (ओखलढुंगा)
- सयांगबोचे गुम्बा, (सोलुखुम्बु)
स्थान
[संपादन करीं]- माउंट एवरेस्ट (दुनिया के सभन से ऊँच चोटी)
- कंचनजंघा (दुनिया के 3रा सभन से ऊँच चोटी)
- ल्होत्से (दुनिया के 4था सभन से ऊँच चोटी)
- मकालू (दुनिया के 5वां सभन से ऊँच चोटी)
- चोयु (दुनिया के 6ठा सभन से ऊँच चोटी)
ट्रैकिंग चोटी
[संपादन करीं]इहो देखल जाय
[संपादन करीं]संदर्भ
[संपादन करीं]- ↑ "Nepal Provinces". statoids.com. Retrieved 2016-03-21.
- ↑ "EDITORIAL: Important step". The Himalayan Times. 1 September 2017. Retrieved 5 September 2017.
- ↑ "Biratnagar celebrates its status of provincial capital". thehimalayantimes.com. 19 January 2018. Retrieved 19 January 2018.
- ↑ "Locals intensify protest in Dhankuta after Biratnagar named as provincial HQ". kathmandupost.ekantipur.com. 19 January 2018. Retrieved 19 January 2018.
- ↑ "Nepal government announces Provincial Capitals and Chiefs". ddinews.gov.in. 17 January 2018. Retrieved 19 January 2018.
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... The Limbuwan Gorkha War was a series of battles fought between the King of Gorkhas and the rulers of various principalities of Limbuwan from 1771 to 1774. The war came to an end in 1774 with the Limbuwan Gorkha treaty which recognised Limbu peoples'right to Kipat land in Limbuwan and full autonomy. Thus the Limbuwan Gorkha War came to an end in 1774 with all the principalities of Limbuwan joining the Gorkha kingdom ...'
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