रेडान चाहे रेडॉन (Radon) एगो रासायनिक तत्व हवे जेकर चीन्हा Rn आ परमाणु नंबर 86 होला, ई रेडियोएक्टिव, बेरंग, गंधहीन, बेस्वाद नोबल गैस हवे। ई प्राकृतिक रूप से छोट मात्रा में सामान्य रेडियोधर्मी क्षय श्रृंखला सभ में बिचला स्टेप के रूप में होला जेकरा माध्यम से थोरियम आ यूरेनियम धीरे-धीरे बिबिध अल्पकालिक रेडियोएक्टिव तत्व आ अंत में सीसा (लेड) में बदल जालें। रेडॉन खुद रेडियम के क्षय के सीधा उत्पाद हवे। एकर सभसे स्थिर आइसोटोप 222Rn के आधा जिनगी (हाफ-लाइफ) महज 3.8 दिन के होला जेवना से ई सभसे दुर्लभ तत्व सभ में से एक बा। चूँकि थोरियम आ यूरेनियम पृथ्वी पर दू गो सभसे आम रेडियोएक्टिव तत्व हवें, जबकि इनहन के तीन गो आइसोटोप भी होलें जिनहन के आधा जीवन कई अरब साल के क्रम में होला, रेडॉन के आधा जीवन छोट होखे के बावजूद भविष्य में लंबा समय ले पृथ्वी पर मौजूद रही। रेडॉन के क्षय से अउरी कई गो अल्पकालिक न्यूक्लाइड पैदा होलें जिनहन के "रेडॉन डाटर्स" के नाँव से जानल जाला आ ई सीसा के स्थिर आइसोटोप सभ पर अंत पावे लें।[2]
ऊपर बतावल गइल क्षय श्रृंखला सभ में मौजूद बाकी सभ बिचला तत्व सभ के बिपरीत, रेडॉन, मानक स्थिति में, गैस के रूप में होला आ आसानी से साँस में लिहल जा सके ला आ एह कारन सेहत खातिर खतरा होला। अक्सर ई कौनों ब्यक्ति के बैकग्राउंड रेडिएशन के खुराक में एकलौता सभसे बड़ योगदान देवे वाला होला, बाकी भूबिज्ञान में लोकल अंतर के कारण,[3] रेडॉन गैस के संपर्क में आवे के स्तर जगह-जगह अलग-अलग होला। एकर एगो आम स्रोत जमीन में यूरेनियम वाला खनिज हवें, आ एही से ई भूमिगत इलाका जइसे कि बेसमेंट में जमा हो जाला। रेडॉन कुछ जमीन भीतरी पानी जइसे कि सोता के पानी आ गरम सोता में भी हो सके ला।[4]जलवायु परिवर्तन के कारण पहिले जमीन के नीचे फंसल रेडॉन परमाफ्रॉस्ट पघिलाव के कारन रिलीज हो सके ला, खासतौर पर आर्कटिक, अलास्का, कनाडा, ग्रीनलैंड आ रूस नियर इलाका सभ में। रेडॉन के परीक्षण आ शमन खातिर सब स्लैब डिप्रेसराइजेशन जइसन तकनीक के इस्तेमाल संभव बा।[5]
महामारी विज्ञान के अध्ययन से रेडॉन के जादा कंसंट्रेशन में साँस लेवे अउरी फेफड़ा के कैंसर के घटना के बीच साफ संबंध देखाई देलस। रेडॉन एगो दूषित पदार्थ ह जवन दुनिया भर में घरभीतरिया हवा के क्वालिटी के प्रभावित करेला। अमेरिका के पर्यावरण संरक्षण एजेंसी (EPA) के अनुसार, रेडॉन फेफड़ा के कैंसर के दुसरा सभसे ढेर कारण बाटे, सिगरेट के धूम्रपान के बाद, अमेरिका में हर साल 21,000 लोग के फेफड़ा के कैंसर से मौत होला। एहमें से करीब 2,900 मौत ओह लोग में होला जे कबो धूम्रपान ना कइले होखे। जबकि रेडॉन फेफड़ा के कैंसर के दुसरा सभसे ढेर कारण हवे, ईपीए के नीति-उन्मुख अनुमान के मोताबिक ई गैर-धूम्रपान करे वाला लोग में नंबर एक के कारण हवे। कम खुराक के संपर्क में आवे के स्वास्थ्य परभाव खातिर महत्वपूर्ण अनिश्चितता मौजूद बा।[6] खुद गैसीय रेडॉन के बिपरीत "रेडॉन के डाटर्स" ठोस होलीं आ सतह सभ से चिपक जालीं, जइसे कि हवा में फइलल धूल के कण, जेकरा के साँस लिहला पर फेफड़ा के कैंसर हो सके ला।[7]
↑Toxicological profile for radonArchived 2016-04-15 at the Wayback Machine, Agency for Toxic Substances and Disease Registry, U.S. Public Health Service, In collaboration with U.S. Environmental Protection Agency, December 1990.