सामाजिक बिज्ञान
सामाजिक बिज्ञान (सोशल साइंस) (अंग्रेजी: Social science), बिज्ञान के अइसन शाखा हवे जे समाज सभ के अध्ययन आ समाज के ब्यक्ति लोगन के आपसी संबंधन के अध्ययन करे ला। ई शब्द पहिले समाजशास्त्र (सोशियोलॉजी) खातिर इस्तेमाल होखे जे मूल रूप से "समाज के बिज्ञान" भा "समाज के शास्त्र" रहल आ जेकर अस्थापना 19वीं सदी के दौरान भइल। समाजशास्त्र के अलावे, अब सामाजिक बिज्ञान सभ में कई गो अउरी बिज्ञानन के जोड़ लिहल गइल बा जइसे की एंथ्रोपोलॉजी, आर्कियोलॉजी, अर्थशास्त्र, मानव भूगोल, भाषा बिज्ञान, मैनेजमेंट बिज्ञान, राजनीति बिज्ञान, मनोबिज्ञान आ इतिहास।
पॉजीटिविस्ट बिद्वान आ अध्ययनकर्ता लोग सामाजिको बिग्यनवा में प्राकृतिक बिज्ञानन नियन अध्ययन के बिधि सभ के इस्तेमाल करे ला आ इहे कारन हवे की ई लोग बिज्ञान शब्द के आधुनिक आ अधिका कड़ाई से परिभाषित करे ला। इंटरप्रेटिव एनालिसिस करे वाला लोग सामाजिक समालोचना चाहे सिंबालिक इंटरप्रेटेशन के इस्तेमाल क सके ला बजाय की ऊ लोग कौनों एम्पिरिक्ल तरीका से टेस्ट कइल जा सके लायक हाइपोथीसिस चाहे थियरी के निर्माण करे। अइसन लोग क्वालिटेटिव मेथडोलॉजी सभ के इस्तेमाल क सके ला चाहे क्वांटिटेटिव आ क्वालिटेटिव दुनों किसिम के मेथड सभ के मिला के इस्तेमाल क सके ला। ऊपर गिनावल बिसय सभ के अलावा "सोशल रिसर्च" अपने आप में एक किसिम के आजाद शाखा के रूप ले रहल बा, हालाँकि, एहू के लक्ष्य अइसने सेम बाटे।
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