भारतीय मानसून
प्रकृति पर सीरीज के हिस्सा जेकर बिसय बाटे: |
मौसम |
---|
साल के सीजन |
भारतीय सीजन |
उष्णकटिबंधीय सीजन |
तूफान |
वर्षण |
जलवायु के अन्य बिसय |
भारतीय मानसून चाहे दक्खिन एशिया के मानसून एगो मौसम सिस्टम बा जेवन पूरा बैस्विक स्तर प कई इलाकन में घटित होखे वाला मानसून सभ में से एशियाई मानसून क हिस्सा हवे। सबसे पहिले एही भारतीय मानसून के मौसम सिस्टम के पहिचान अरब सागर के इलाका में भइल आ एकर नाँव अरबी के मौसिम के आधार प रखल गइल। ई मौसम सिस्टम खाली भारते के ना बलुक पूरा भारतीय उपमहादीप के प्रभावित करे ला। भारत आ आसपास के देसवन खातिर एकर महत्व बहुत बा काहें से की पूरा खेती आ अउरी आर्थिक क्रिया एह सीजनल बदलाव के साथ प्राचीन समय से सेट हो चुकल बा।
अरब सागर में समुंदरी यात्रा करे वाला जहाजी लोग सभसे पहिले एकर पहिचान कइल[1] जब ऊ लोग अफिरका, भारत आ दक्खिनी पच्छिमी एशिया के बिचा में यात्रा करे।
उपमहादीप पर एकरे बिस्तार के हिसाब से एकरा के दू प्रकार में बाँटल जाला:
- अरब सागर शाखा
- बंगाल के खाड़ी शाखा
एगो दुसरा आधार पर एकरा के दू हिस्सा में भी बाँटल जाला, बरखा ले आवे वाली हवा के बहे के दिसा में बदलाव के आधार पर:
- दक्खिनी-पच्छिमी मानसून (SW Monsoon)
- उत्तरी-पूरबी मानसून (NE Monsoon)[नोट 1]
जलवायु बदलाव
[संपादन करीं]कई ठो मौसम आ जलवायु संबंधी सिमुलेशन सभ में ई अनुमान लगावल गइल बा की जलवायु बदलाव के चलते भारतीय मानसून के वर्तमान पैटर्न में कुछ बदलाव जरूर होखी। अँटकर ई लगावल गइल बा की भारतीय मानसून के दौरान होखे वाला बरखा में 5 से 10 परसेंट ले के बढ़ती हो सके ला।[2]
नोट
[संपादन करीं]- ↑ हवा के नाँव एह आधार पर दिहल जाला कि ऊ कवना दिसा से आवत बाटे। एकर माने ई भइल की दक्खिनी-पच्छिमी मानसून में बहे वाली हवा दक्खिन आपच्छिम के दिसा से आवेले। एही तरे उत्तरी पूरबी मानसून में हवा उत्तर-पूरुब ओर से दक्खिन पच्छिम के ओर बहे ले।
संदर्भ
[संपादन करीं]- ↑ Helaine Selin, ed. (1997). Encyclopaedia of the history of science, technology, and medicine in non-western cultures. स्प्रिंजर. pp. 766–. ISBN 978-0-7923-4066-9. Retrieved 17 दिसंबर 2015.
- ↑ "The Indian Monsoon in a Changing Climate". RMetS (अंग्रेजी में).
ई भारत के भूगोल से संबंधित लेख एगो आधार बाटे। जानकारी जोड़ के एकरा के बढ़ावे में विकिपीडिया के मदद करीं। |