तिसरी बौद्ध संगीति
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सुरुआती बौद्ध मत |
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बौद्ध धर्म |
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दुसरी बौद्ध संगीति प्राचीन काल में बौद्ध धर्म के लोग के तीसरी सम्मलेन रहे सम्राट अशोक के शासन काल में 249 ईपू के लगभग भइल।[1] ई संगीति पाटलिपुत्र (वर्तमान पटना) में संपन्न भइल।
एह संगीति में विनयपिटक, सुत्तपिटक आ अभिधम्मपिटक के रूप में त्रिपिटक के संकलन भइल।[1] एही ले के महेंद श्रीलंका गइलें जहाँ बाद में एकरा के लिख के सुरक्षित कइल गइल।
एह संगीति मुख्य उपलब्धी रहल की एकरे बाद नौ जगह पर धर्म प्रचारक लोग के बौद्ध धर्म के परचार करे खातिर भेजल गइल।[2]
इहो देखल जाय
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फुटनोट
[संपादन करीं]- ↑ 1.0 1.1 शर्मा & चन्द्रधर 1998, p. 46.
- ↑ सहाय & शिवस्वरूप 2008, p. 272.
संदर्भ
[संपादन करीं]- शर्मा, चन्द्रधर (1998). भारतीय दर्शन:आलोचन और अनुशीलन (हिंदी में). बनारस: मोतीलाल बनारसीदास. ISBN 8120821343. Retrieved 13 मई 2016.
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(help) - सहाय, शिवस्वरूप (2008). प्राचीन भारतीय धर्म एवं दर्शन (गूगल पुस्तक) (हिंदी में). बनारस: मोतीलाल बनारसीदास. ISBN 8120823680. Retrieved 13 मई 2016.
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