कर्क रेखा
कर्क रेखा एगो कल्पित रेखा ह जेवन पृथ्वी के अइसन जगह सभ से गुजरे ले जे सभसे उत्तरी जगह बाने जहाँ सुरुज के किरण सीधा पड़ सके ला। अइसन वर्तमान समय में 21 जून के होला जब सूर्य सबसे उत्तर ले पहुँच के सीधा चमकेला, एह दिन के उत्तरी संक्रांति कहल जाला। अइसन पृथ्वी की एकरी काल्पनिक धुरी की झुकाव की वजह से होला आ 21 जून के पृथ्वी क उत्तरी हिस्सा ठीक सुरुज की ओर झुकल रहेला जेवना से सुरुज से आवे वाला किरन पृथ्वी पर सभसे उत्तर की ओर ले चढ़ जाले।
वर्तमान समय में कर्क रेखा क इस्थिति आमतौर पर 23.5 डिग्री उत्तरी अक्षांश बतावल जाला हालाँकि ई हमेशा एकही ना रहेला। इतिहास में ए में थोड़ा बहुत परिवर्तन भी भइल बा जेवन चक्रीय होला, मने कबो घट जाला आ फिर ठीक ओतने समय में बढ़ जाला। ई बदलाव पृथिवी के झुकाव के मात्रा में बदलाव की वजह से होला।
कर्क रेखा, आ एकर उल्टा मकर रेखा जेवन दक्खिनी गोलार्ध में इस्थित बा, दुनो की बिच्चा में क हिस्सा उष्ण कटिबंध कहल जाला।
कर्क रेखा भारत की बीचोबीच से हो के जाले आ भारत की आठ गो राज्यन से हो के गुजरेले। ई राज्य हवें गुजरात, राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, झारखण्ड, पश्चिम बंगाल त्रिपुरा अउरी मिजोरम। उज्जैन आ राँची शहर लगभग कर्क रेखा पर इस्थित बाड़ें।
नाँव
[संपादन करीं]एह रेखा के नाँव अबसे लगभग 2,000 पहिले धराइल, ओह समय में सुरुज कर्क नाँव के राशि (कर्क माने खेखड़ा) में रहत रहे जब जून संक्रांति होखे।[1] मने की अइसन समय जब साल में एक बेर सुरुज के किरन सभसे उत्तरी बिंदु सभ पर पड़े, ओह समय सुरुज आकास में कर्क नाँव के तारा मंडल के सोझा रहल करे। हालाँकि, अब अइसन स्थिति ना बाटे, पृथ्वी के धुरी के झुकाव के दिसा भी बहुत धीरे-धीरे बदलत रहे ला जेकरा के अयन चलन भा अयन गति कहल जाला, एकरे परभाव के कारण, अब वर्तमान में जब जून संक्रांति (उत्तरी संक्रांति) होखे ले तब सुरुज वास्तव में वृष राशि में होखे ला। भारतीय ज्योतिष में, निरयन सिस्टम में गणना करे पर, जेह में अयन गति के परभाव के हटा के राशिमान लिखल जाला, कर्क संक्रांति 15 जुलाई के आसपास होले, जबकि सायन सिस्टम में ई 21 जून के होखे ले।
कर्क रेखा आ मकर रेखा के बीच के इलाका के अंग्रेजी में ट्रोपिकल कहल जाला आ एह रेखा सभ के ट्रॉपिक्स कहल जाला। इहो यूनानी (ग्रीक) भाषा के "ट्रोपो" शब्द से निकसल हवे जेकर अरथ बदलाव से हऽ मने की एकरे बाद सुरुज के दिसा (किरण के चढ़ाव-उतराव) बदल जाले।
भूगोल
[संपादन करीं]कर्क रेखा जेवना देसन से हो के गुजरे ले ओहमें शामिल बाड़ें: अल्जीरिया, नाइजर, लीबिया, मिस्र, सऊदी अरब, यूएई, ओमान, भारत, बांग्लादेश, म्यांमार, चीन, ताइवान, मेक्सिको, बहामास, पच्छिम सहारा (मोरक्को आ सहरावी अरब डेमोक्रेटिक रिपब्लिक के दावेदारी), मारिटानिया, आ माली।
जमीन पर
[संपादन करीं]पूरा दुनिया में कई जगह पर नाप-जोख कइ के कर्क रेखा क जमीन पर इस्थिति के देखावे खातिर तरह तरह क निसान लगावल गइल बा। एही में से कुछ क फोटो नीचे दिहल जात बा:
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भारत में साँची की लगे एगो साइनबोर्ड जेवन कर्क रेखा क इस्थिति बतावत बा
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भारत में कर्क रेखा कि गुजरला के बतावे वाला एगो साइनबोर्ड
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मैक्सिको में कर्क रेखा का हर साल खिसकाव नाप के लिखल गइल बा
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हुआलिआन, ताइवान में
संदर्भ
[संपादन करीं]- ↑ "What is the significance of the Tropic of Cancer, Tropic of Capricorn, Arctic Circle and Antarctic Circle? (Beginner) - Curious About Astronomy? Ask an Astronomer". curious.astro.cornell.edu. Cornell University. Retrieved 7 फरवरी 2019.
ई भूगोल-संबंधित लेख एगो आधार बाटे। जानकारी जोड़ के एकरा के बढ़ावे में विकिपीडिया के मदद करीं। |