पुच्छल तारा

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टेम्पल पुच्छल तारा आ डीप इम्पैक्ट के इम्पैक्टर के टक्करपुच्छल तारा 67पी/चूर्यूमोव–जेरासिमोव जेकर चक्कर रोस्सेटा लगावे ला
पुच्छल तारा 17पी/होम्स आ एकर नीला रंग के पोंछपुच्छल तारा वाइल्ड 2, स्टारडस्ट प्रोब द्वारा एकरे लगे जा का अध्ययन कइल गइल
हाल–बॉप, क्रोएशिया से देखल गइल, 1997ऑर्बिट से देखले पर पुच्छल तारा लवजॉय
पुच्छल तारा – केंद्रक, कॉमा आ पोंछ:
  • ऊपर: 9पी/टेम्पल (इम्पैक्टर से टक्कर: डीप इम्पैक्ट), 67पी/चूर्यूमोव–जेरासिमोव (रोसेटा)
  • बीच में: 17पी/होम्स आ एकर नीला पोंछ, 81पी/वाइल्ड(वाइल्ड 2), स्टारडस्ट प्रोब से
  • नीचे: हाल–बॉप 1997 में धरती पर से, आ सी/2011 डब्लू3 (लवजॉय)]] अंतरिक्ष कक्षा से

पुच्छल तारा चाहे बढ़नी (अंग्रेजी: Comet; हिंदी: धूमकेतु) बर्फीला छोटहन सौरमंडली पिंड होला जे सुरुज के नगीचे से गुजरे ला तब गरम हो के गैस निकाले ला। एह आउटगैसिंग मने की गैस के बाहर उधियाये के प्रक्रिया में एकरे एक ओर देखलाई पड़े वाला वायुमंडल के निर्माण होला जेकरा के कॉमा कहल जाला आ कभी कभार ई पोंछ भा कूँचा (झाड़ू) नियर लउके लागे ला जेकरा के एकर पोंछ कहल जाला।

अइसन घटना पुच्छल तारा के बिचला पिंड, जेकरा केंद्रक कहल जाला, के ऊपर सुरुज के रेडिएशन आ सौर हवा के परभाव के कारण होला। पुच्छल तारा के केंद्रक कुछ सौ किलोमीटर से ले के दसन हजार किलोमीटर तक ले के होखे लें आ ई बरफ, धूर आ छोटहन चट्टानी टुकड़ा सभ के ढेर होखे लें। ई केन्द्रक एक ठो ठोस पिंड के रूप में ना बलुक ढीला-ढाला ढेरी नियर होला। कॉमा के बिस्तार पृथ्वी के ब्यास के पंद्रह गुना तक ले हो सके ला आ इनहन के पोंछ के बिस्तार एक खगोलीय इकाई (एयू) तक ले हो सके ले। ई भरपूर चमक वाला होला आ पृथ्वी से देखे खाती कौनो यंत्र के जरूरत ना पड़े ले, धरती से देखले पर ई आकास में 30° के आर्क (60 चंद्रमा) के बिसतार वाला देखाई पड़ सके ला। प्राचीन काल से इनहन के कई संस्कृति के लोग देखले आ इनहन के बिबरन रिकार्ड कइले बा।

नवंबर 2014 तक ले कुल 5,253 पुच्छल तारा सभ के पता लगावल जा चुकल बा,[1] जइसे-जइसे अउरी जानकारी होखत जात बा ई संख्या बढ़ते जाता। इहो धियान देवे लायक बात बा कि ई गिनती ओह संख्या के एगो नखी मुकी हिस्सा बा जवन कि एह पुच्छल तारा सभ के कुल संख्या होखे के संभावना बा, कारण ई कि बाहरी सौरमंडल (ऊर्ट बदरी) वाला हिस्सा में जहाँ अइसन पुच्छल तारा नियर चीज सभ के भंडार बा, इनहन के संख्या एक ट्रिलियन होखे के अनुमान लगावल गइल बा।[2][3] लगभग एक पुच्छल तारा हर बरिस बिना कौनों दूरबीन वगैरह के, सीधे आँख से देखाई पड़े ला, हालाँकि इनहन में से ज्यादातर बहुत मद्धिम होलें आ बहुत शानदार ना होलें।[4] खास चमकदार उदाहरण सभ में बिसाल पुच्छल तारा आवे लें। पुच्छल तारा सभ के लगे ले कई गो मानव-रहित आकासबिमान प्रोब चहुँपल बाने जिनहन में यूरोपीय स्पेस एजेंसी के प्रोब रोसेटा अइसन पहिला प्रोब रहे जे एगो रोबोट नियर आकासबिमान के पुच्छल तारा के सतह पर उतरलस,[5]नासा के डीप इम्पैक्ट नाँव के आकासबिमान एगो अइसन मिशन पूरा कइलस जेह में टेम्पल 1 पुच्छल तारा के ऊपर टक्कर से क्रेटर बनावल गइल जवना से कि एकरे अंदरूनी हिस्सा के बारे में जानल जा सके।

नाँव[संपादन करीं]

संस्कृत में एकरा के धूमकेतु कहल गइल बा। "धूम" माने धुआँ आ "केतु" माने झंडा भा पताका, यानी कि धुआँ के पताका भा झंडा नियर रूप। सहज रूप में, पूँछ नियर चीज एकरे मुख्य पहिचान होखे के कारण पुच्छल तारा भा पोंछियल तारा एकर नाँव पड़ल हवे यानी पोंछ वाला तारा।

भोजपुरी में एकर एक ठो अउरी नाँव चलनसार हवे - बढ़नी। भोजपुरी में झाड़ू या कूँचा के बढ़नी कहल जाला आ एही से मिलत जुलत आकृति के चीज होखे के कारण लोग पुच्छल तारा सभ के भी बढ़नी कहे ला।

अंग्रेजी में एकरा के कॉमेट कहल जाला। पुरनकी अंग्रेजी में ई लैटिन मूल से आइल ह आ लैटिन में खुद ई यूनानी मूल के शब्द κομήτης से आइल हवे जेकर मतलब होला लमहर केश बढ़ावल। हालाँकि ऑक्सफोर्ड डिक्शनरी में इहो नोट कइल गइल बा कि यूनानी शब्द (ἀστὴρ) κομήτης के यूनानी भाषा में इस्तमाल पहिलहीं पुच्छल तारा सभ खाती होखे।

अउरी पढ़े खातिर[संपादन करीं]

  • Schechner, Sara J. (1997). कॉमेट्स, पॉपुलर कल्चर एंड दि बर्थ ऑफ़ मॉडर्न कॉस्मोलॉजी. प्रिंस्टन युनिवर्सिटी प्रेस. ISBN 978-0-691-01150-9.
  • Brandt, John C.; Chapman, Robert D. (2004). इंट्रोडक्शन टु कॉमेट्स (2सरा ed.). कैंब्रिज युनिवर्सिटी प्रेस. ISBN 978-0-521-80863-7.

बाहरी कड़ी[संपादन करीं]

संदर्भ[संपादन करीं]

  1. Johnston, Robert (2 अगस्त 2014). "Known populations of solar system objects". Retrieved 19 जनवरी 2015.
  2. Erickson, Jon (2003). Asteroids, Comets, and Meteorites: Cosmic Invaders of the Earth. The Living Earth. New York: Infobase. p. 123. ISBN 978-0-8160-4873-1.
  3. Couper, Heather; Dinwiddie, Robert; Farndon, John; Henbest, Nigel; Hughes, David W.; Sparrow, Giles; Stott, Carole; Stuart, Colin (2014). The Planets: The Definitive Guide to Our Solar System. London: Dorling Kindersley. p. 222. ISBN 978-1-4654-3573-6.
  4. Licht, A (1999). "The Rate of Naked-Eye Comets from 101 BC to 1970 AD". Icarus. 137 (2): 355. Bibcode:1999Icar..137..355L. doi:10.1006/icar.1998.6048.
  5. European Space Agency, Rosetta's Philae probe lands on comet.