सूखा: रिवीजन सभ के बीचा में अंतर

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कौनों इलाका में, सामान्य से कम [[बरखा]] के दशा के समयअवधि '''सूखा''' के स्थिति होले, यानी ओह इलाका में वायुमंडली, सतही भा जमीनभीतरी पानी के कमी हो जाले। सूखा के स्थिति कई महीनन ले या सालन ले बनल रह सके ला। आमतौर पर कौनों इलाका के सूखाग्रस्त घोषित करे में, पनरह दिन के समय ले पानी के कमी दर्ज करे के बाद घोषणा कइल जाला। एक बेर आइल सूखा के परभाव अगिला कई सालन तक रह सके ला।
कौनों इलाका में, सामान्य से कम [[बरखा]] के दशा के समयअवधि '''सूखा''' के स्थिति होले, यानी ओह इलाका में वायुमंडली, सतही भा जमीनभीतरी पानी के कमी हो जाले। सूखा के स्थिति कई महीनन ले या सालन ले बनल रह सके ला। आमतौर पर कौनों इलाका के सूखाग्रस्त घोषित करे में, पनरह दिन के समय ले पानी के कमी दर्ज करे के बाद घोषणा कइल जाला। एक बेर आइल सूखा के परभाव अगिला कई सालन तक रह सके ला।


सूखा के परभाव इलाका के इकोसिस्टम आ खेती पर पड़े ला। परिणाम ई होला कि लोकल पर्यावरण आ अर्थब्यवस्था के नोकसान चहुँपे ला। पानी के भारी कमी अगर लमहर समय ले जारी रहे तब एह तरह के सूखा के कारण इलाका में खाना के कमी के कारण [[अकाल]] के स्थिति पैदा हो जाले।
सूखा के परभाव इलाका के [[इकोसिस्टम]][[खेती]] पर पड़े ला। परिणाम ई होला कि [[पर्यावरण|लोकल पर्यावरण]][[अर्थब्यवस्था]] के नोकसान चहुँपे ला। पानी के भारी कमी अगर लमहर समय ले जारी रहे तब एह तरह के सूखा के कारण इलाका में खाना के कमी के कारण [[अकाल]] के स्थिति पैदा हो जाले।


सूखा के तीन गो प्रकार चिन्हित कइल गइल बा: '''मौसमी सूखा''' में लमहर समय ले बरखा के कमी दर्ज कइल जाला; '''खेती सूखा''' तब कहाला जब पानी के कमी से फसल के नोकसान होखे आ खेती चउपट हो जाय, आमतौर पर अइसन स्थिति मौसमी सूखा के लमहर समय तक जारी रहे के कारन होला; '''जलचक्री सूखा''' अइसन स्थिति के कहल जाला जब कौनों इलाका के बड़हन पानी के स्रोत सभ में पानी के कमी हो जाले।
सूखा के तीन गो प्रकार चिन्हित कइल गइल बा: '''मौसमी सूखा''' में लमहर समय ले बरखा के कमी दर्ज कइल जाला; '''खेती सूखा''' तब कहाला जब पानी के कमी से फसल के नोकसान होखे आ खेती चउपट हो जाय, आमतौर पर अइसन स्थिति मौसमी सूखा के लमहर समय तक जारी रहे के कारन होला; '''जलचक्री सूखा''' अइसन स्थिति के कहल जाला जब कौनों इलाका के बड़हन पानी के स्रोत सभ में पानी के कमी हो जाले, अइसन स्थिति साल-दर-साल लगातार सूखा पड़े के कारण होला।


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जमीन के हिस्सा जेह में दरार देखात बा
सूखा से जमीन में पड़ल दरार

कौनों इलाका में, सामान्य से कम बरखा के दशा के समयअवधि सूखा के स्थिति होले, यानी ओह इलाका में वायुमंडली, सतही भा जमीनभीतरी पानी के कमी हो जाले। सूखा के स्थिति कई महीनन ले या सालन ले बनल रह सके ला। आमतौर पर कौनों इलाका के सूखाग्रस्त घोषित करे में, पनरह दिन के समय ले पानी के कमी दर्ज करे के बाद घोषणा कइल जाला। एक बेर आइल सूखा के परभाव अगिला कई सालन तक रह सके ला।

सूखा के परभाव इलाका के इकोसिस्टमखेती पर पड़े ला। परिणाम ई होला कि लोकल पर्यावरणअर्थब्यवस्था के नोकसान चहुँपे ला। पानी के भारी कमी अगर लमहर समय ले जारी रहे तब एह तरह के सूखा के कारण इलाका में खाना के कमी के कारण अकाल के स्थिति पैदा हो जाले।

सूखा के तीन गो प्रकार चिन्हित कइल गइल बा: मौसमी सूखा में लमहर समय ले बरखा के कमी दर्ज कइल जाला; खेती सूखा तब कहाला जब पानी के कमी से फसल के नोकसान होखे आ खेती चउपट हो जाय, आमतौर पर अइसन स्थिति मौसमी सूखा के लमहर समय तक जारी रहे के कारन होला; जलचक्री सूखा अइसन स्थिति के कहल जाला जब कौनों इलाका के बड़हन पानी के स्रोत सभ में पानी के कमी हो जाले, अइसन स्थिति साल-दर-साल लगातार सूखा पड़े के कारण होला।