चंद्रप्रभा बनजीव बिहार
चंद्रप्रभा बनजीव बिहार Chandra Prabha Sanctuary | |
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लोकेशन | चंदौली जिला, उत्तर प्रदेश, भारत |
नजदीकी शहर | बनारस, उत्तर प्रदेश, भारत |
भूगोलीय निर्देशांक | 25°42′N 83°16′E / 25.7°N 83.27°Eनिर्देशांक: 25°42′N 83°16′E / 25.7°N 83.27°E |
चंद्रप्रभा बनजीव बिहार भा चंद्रप्रभा वन्यजीव अभयारण्य, जेकरा के चंद्रप्रभा भी कहल जाला, मध्य भारत के उत्तर प्रदेश राज्य के चंदौली जिला में स्थित बा। ई खूबसूरत पिकनिक स्पॉट, घन जंगल, आ राजदरी, देवदरी आ नौगढ़ झरना नियर मनोरम झरना सब से भरपूर बा जे हर साल पर्यटक लोग के अपना आसपास के इलाका में आकर्षित करे लें। चंद्र प्रभा वन्यजीव अभयारण्य ऐतिहासिक शहर बनारस से लगभग 70 किलोमीटर दूर बा।
इतिहास
[संपादन करीं]18वीं सदी के उत्तरार्ध में बनारस के शासकन खातिर एह इलाका के शिकार के संरक्षित क्षेत्र बनावल गइल।[1] बनजीव बिहार के अस्थापना मई 1957 में भइल। चंद्रप्रभा में 1958 में एशियाई शेर के ले आइल गइल।[2] ई काम शुरू में सफल रहल आ 1969 ले शेर के संख्या तीन से बढ़ के एगारह हो गइल। हालांकि अगिला साल शेर लापता पावल गइलें। 1993 में फेर से एह योजना के फेर से जिंदा कइल गइल हालांकि भारत सरकार एह मामिला में अबहीं कवनो फैसला नइखे लेले।
लोकेशन
[संपादन करीं]चंद्रप्रभा अभयारण्य 78 किमी2 के क्षेत्र में पसरल बा आ कैमूर रेंज के उत्तरी ढलान पर नौगढ़ आ विजयगढ़ पहाड़ी पर पड़े ला।गंगा के सहायक नदी करमनाशा नदी एह अभयारण्य से हो के बहे ले आ करमनाशा के सहायिका नदी चंद्रप्रभा नदी भी बहे ले।[3]
वनस्पति आ जिया-जंतु
[संपादन करीं]अभयारण्य के क्षेत्रफल 78 वर्ग किलोमीटर बा।[4] ई अभयारण्य निचला गंगा मैदान के नम पतझड़ जंगल के इकोरिजन के भीतर पड़े ला।[5]
पौधा समुदाय सभ में जलोढ़ सवाना जंगल, दक्खिनी सूखा मिश्रित पतझड़ वाला जंगल, सूखा पतझड़ वाला झाड़ी आ सवाना, सूखा उष्णकटिबंधीय नदी के किनारे के जंगल, आ रेगिस्तानी काँटा वाला जंगल आ झाड़ी सामिल बाड़ें।[6]
जीव-जंतु सभ में तेंदुआ, जंगली सूअर, नीलगाई (Boselaphus tragocamelus), सांबर हिरण (Cervus unicolor), चिंकारा (Gazella gazella), आ चितल (Axis axis), आ कई किसिम के चिरई सभ सामिल बाड़ी।[7][8]
आकर्षण
[संपादन करीं]चंद्र प्रभा में कई किसिम के जंगली जानवर पावल जालें। एह में ब्लैकबक, चितल, सांबर, नीलगाई, जंगली सूअर, पोर्कपाइन आ चिंकारा शामिल बा। सरीसृप प्रजाति में अजगर शामिल बा।
ई पार्क चिरई निहारक लोग के स्वर्ग हवे, काहें से कि लगभग 150 प्रजाति के चिरई सभ के देखल जा सके ला। प्राकृतिक वनस्पति में महुआ, सागौन, अमलतास, तेन्दु, कोरइया, बेर आदि होला। वनस्पति के मामिला में ई एगो बिसेस सूखा पतझड़ वाला जंगल हवे जे नीस आ लैमिनेटेड पत्थर से बनल बा।
पहुँचल
[संपादन करीं]चंद्र प्रभा अभयारण्य वाराणसी शहर के केंद्र से महज 65 किमी दूर पर स्थित बा। पार्क में पहुंचे के सबसे सुविधाजनक तरीका बा टैक्सी किराया पर लेके चलावल। एह यात्रा में लगभग दू घंटा के समय लागेला। नजदीकी रेल जंक्शन मुगलसराय आ वाराणसी बा, जवन भारत के अधिकतर हिस्सा से बढ़िया से जुड़ल बा।
संदर्भ
[संपादन करीं]- ↑ Imperial Gazetteer of India. v. 17, p. 368.
- ↑ Mitra, Sudipta (2005). Gir Forest and the Saga of the Asiatic Lion (अंग्रेजी में). Indus Publishing. ISBN 978-81-7387-183-2. Retrieved 20 नवंबर 2022.
- ↑ Ilyas, Orus & A Khan, Jamal. (2005). "Habitat Association and Conservation of Ungulates in Chandraprabha Wildlife Sanctuary, Uttar Pradesh, India. Tropical Biodiversity 8(3). 173-185.
- ↑ Sharad Singh Negi. Handbook of National Parks, Wildlife Sanctuaries, and Biosphere Reserves in India. Indus Publishing, 2002. P. 160.
- ↑ World Wildlife Fund. "Lower Gangetic plains Moist Deciduous Forests". Accessed 22 November 2017.
- ↑ Sharad Singh Negi. Handbook of National Parks, Wildlife Sanctuaries, and Biosphere Reserves in India. Indus Publishing, 2002. P. 160.
- ↑ Sharad Singh Negi. Handbook of National Parks, Wildlife Sanctuaries, and Biosphere Reserves in India. Indus Publishing, 2002. P. 160.
- ↑ Ilyas, Orus & A Khan, Jamal. (2005). "Habitat Association and Conservation of Ungulates in Chandraprabha Wildlife Sanctuary, Uttar Pradesh, India." Tropical Biodiversity. 8(3). 173-185.