ट्रोपोस्फियर
ट्रोपोस्फियर पृथ्वी के वायुमंडल के पहिली आ सभसे निचला परत हवे, आ एह में पृथिवी ग्रह के वायुमंडल के कुल द्रब्यमान के 75%, जलभाप आ एरोसोल सभ के कुल द्रब्यमान के 99% हिस्सा समाइल बा आ ज्यादातर मौसमी घटना एही लेयर में होखे लीं।[1] एकर ऊँचाई भूमध्य रेखा के लगे आ उष्णकटिबंध में औसतन 18 किमी (11 मील; 59,000 फीट); बिचला अक्षांस सभ में औसतन 17 किमी (11 मील; 56,000 फीट); आ हाई अक्षांस में आ ध्रुवन के लगे 6 किमी (3.7 मील; 20,000 फीट) होखे ले; एह तरीका से एकर औसत ऊँचाई 13 किमी (8.1 मील; 43,000 फीट) होखे ले।
ई यूनानी भाषा के ट्रोपोस (घुमरीदार) आ स्फियर (गोला) से मिल के बनल शब्द हवे जेकर मतलब होला कि एह मंडल में हवा में टर्बुलेंस होखे ला; हवा एह परत में घुमरिया के मिक्स होखत रहे ले। हिंदी में एकरा के क्षोभ भा विक्षोभ मंडल कहल जाला चाहे परिवर्तन मंडल[2] कहल जाला।
एकरे ऊपरी सीमा के ट्रोपोपॉज कहल जाला जे एकरा के स्ट्रेटोस्फियर से अलगा करे ले।
संदर्भ
[संपादन करीं]बाहरी कड़ी
[संपादन करीं]- U.S. National Weather Service – Layers of the Atmosphere Archived 2017-05-13 at the Wayback Machine
- Chemical Reactions in the Atmosphere
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