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2025 कुंभ मेला

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2025 कुंभ मेला
Duration44 दिन
Date13 जनवरी – 26 फरवरी 2025 (2025-01-13 – 2025-02-26)
Venueत्रिवेणी संगम (प्रयाग)
Locationइलाहाबाद (प्रयागराज)
Coordinates25°25′52″N 81°53′06″E / 25.431°N 81.885°E / 25.431; 81.885निर्देशांक: 25°25′52″N 81°53′06″E / 25.431°N 81.885°E / 25.431; 81.885
Also known asमहाकुंभ 2025
Causeपरंपरा
Patronsसाधू, संत, सन्यासी, कल्पवासी आ तीर्थयात्री लोग
Organised byकुंभ मेला अथॉरिटी
Websitekumbh.gov.in
यूनेस्को अमूर्त सांस्कृतिक धरोहर

2025 कुंभ मेला चाहे महाकुंभ 2025 उत्तर प्रदेश के प्रयागराज (इलाहाबाद) में हिंदू धर्म में पबित्र मानल जाये वाली गंगा, जमुना आ मिथकीय सरस्वती नदी के संगम पर लागे वाला मेला बा जे 13 जनवरी 2025 से शुरू होखी। कुंभ मेला हर बारह साल बाद लागे ला। एकरा पहिले ई 2013 में भइल रहल। इलाहाबाद के अलावा ई मेला उज्जैन, हरिद्वारनासिक में लागे ला बाक़ी प्रयाग के त्रिवेणी संगम पर लागे वाला कुंभ मेला के बिसेस महत्व ह आ भीड़ के मामिला में ई सबसे बड़हन होला।

एह साल ई मेला करीबन 4 हजार हेक्टेयर के इलाका में बिस्तार लिहले होखी आ उमेद बा की लगभग 45 करोड़ लोग एह मेला में आई।[1]

महत्त्व

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कुंभ मेला भारत के एगो सबसे बड़ धार्मिक आयोजन हवे, जे हर बारह साल पर चार ठे प्रमुख जगहन - इलाहाबाद (अब प्रयागराज), हरिद्वार, उज्जैन, अउरी नासिक - पर होला। ई मेला, खासतौर प इलाहाबाद में लागे वाला कुंभ, हिंदू धर्म में बड़ महत्व राखे ला। मान्यता बा कि कुंभ मेले में स्नान से सब पाप खत्म हो जाला अउरी मोक्ष के प्राप्ति होला। कुंभ मेला के कहानी समुद्र मंथन से जुड़ल बा, जहाँ अमृत के घड़ा खातिर देवता अउरी असुरन के बीच लड़ाई भइल रहे। ई घड़ा से जेकरे-जेकरे जगह पर अमृत के बूँद गिरल, उहे जगह पर कुंभ मेला के आयोजन होला।

लाखों श्रद्धालु दूर-दराज से आके गंगा, यमुना अउरी अदृश्य सरस्वती के संगम पर डुबकी लगावेलन। साधु-संत लोगन के अखाड़ा, धार्मिक प्रवचन, अउरी भक्ति से भरल माहौल ई मेले के खास बनावेला। एह मेले में लोगन के भीड़, भक्ति के उमंग, अउरी संस्कृति के झलक देखे लायक होला। एह आयोजन के धार्मिक महत्व के अलावा ई सांस्कृतिक अउरी आर्थिक दृष्टि से भी खास बा। कुंभ मेला विश्व के सबसे बड़ मेला मानल जाला, अउरी 2010 में ई यूनेस्को के अमूर्त सांस्कृतिक धरोहर में शामिल कइल गइल।

2025 के एह कुंभ मेला के तैयारी बहुत पहिले से सुरू हो गइल रहे। धियान देवे के बात ई बा की एह मेला के बिस्तार आ लोगन के भारी संख्या के चलते कुछ समय खातिर एह इलाका के एगो जिला नियर मान के प्रशासन, तैयारी आ बेवस्था कइल जाला। जे तरे हर जिला में एगो जिलाधिकारी होलें ओही नियन मेला क्षेत्र के आपन मेलाधिकारी होखे लें। एह बेर मेलाधिकारी आईएएस अधिकारी विजय किरन आनंद बाड़ें, जे एसएसपी राजेश द्विवेदी के साथ कुंभ मेला के तैयारी में जुटल बाड़ें।[1]

पछिला बेर 2019 में, जब अर्ध कुंभ (कुंभी) लागल रहल, कुल 24 करोड़ लोग मेला क्षेत्र में आइल रहल। एह बेर प्रशासन के अनुमान बा की कुंभ 2025 में कुल 45 करोड़ लोग आई।[1] एकरा खातिर 4000 हेक्टेयर इलाका के मेला क्षेत्र घोषित कइल गइल बा, मेला क्षेत्र, जेकरा के 'महाकुंभनगर' कहल जा रहल बाटे, में 480 किलोमीटर टेम्परेरी सड़क, आ 30 ठे पीपा के पुल (पंटून ब्रिज) बनावल गइल बाड़ें। आवे वाला तीर्थयात्री आ कल्पवासी लोगन के पिए के पानी उपलब्ध करावे खातिर 1250 किलोमीटर पानी के पाईपलाइन बिछावल गइल बा। बिजली बिभाग एगो अलगे से सबस्टेशन बना के 67,000 एलईडी लाईट लगवले बाटे।

सफाई खातिर कुल 10,000 सफाई कर्मी आ सुरक्षा खातिर 50,000 सुरक्षा कर्मी लोगन के तैनाती होखी।[1] महाकुंभ 2025 मेला में सफाई के उच्चतम मानक राखल जाई, जहवाँ हर 10 टॉयलेट पर एगो सफाई कर्मचारी होई आ हर 10 सफाई कर्मचारी के देखरेख खातिर एगो सुपरवाइजर नियुक्त होई।[2]

भारतीय रेलवे महाकुंभ 2025 के दौरान श्रद्धालुअन के भारी भीड़ के ध्यान में राखत, मुख्य ट्रेन जइसे प्रयागराज एक्सप्रेस आ लखनऊ मेल में कोच के संख्या बढ़ावे के घोषणा कइले बा। ई कदम श्रद्धालुअन खातिर आरामदायक यात्रा अनुभव देवे के उद्देश्य से उठावल गइल बा।

साथे-साथे रेलवे स्टेशन पर अनेकों सुविधा उपलब्ध करावल जाई, जइसे सहायता काउंटर, फूड प्लाजा आ वेटिंग रूम, ताकि सब आगंतुकन के यात्रा सुगम आ सहज बने।

कुंभ मेला पूस के पुर्नवासी से सुरू होला जहिया पहिला शाही नहान होला। एकरा बाद ई शिवरात्री ले चले ला जे अंतिम शाही नहान होला। एह बेर के ई शाही नहान सभ के तिथि 13 जनवरी से शुरू होखत बा आ अंतिम 26 फरवरी 2025 के पड़ी।[3][4]

एह कुंभ में आयोजित होखे वाला नाहन आ उनहन के तिथि नीचे दिहल जा रहल बाटे:[3]

  1. पौष पूर्णिमा — पूस के पुर्नवासी — 13 जनवरी 2025 — सोमार
  2. मकर संक्रांति — खिचड़ी — 14 जनवरी 2025 — मंगर
  3. मौनी अमावस्या — मौनी अमावस — 29 जनवरी 2025 — बुध
  4. वसंत पंचमी — बसंत पंचिमी — 3 फरवरी 2025 — सोमार
  5. माघी पूर्णिमा — माघ के पुर्नवासी — 12 फरवरी 2025 — बुध
  6. महाशिवरात्रि शिवरात — 26 फरवरी 2025 — बुध

अउरी बिसेस चीज

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कुंभ 2025 मेला में "महाकुंभ मेला 2025 ऐप" के सहायता उपलब्ध होई, जे पर्यटक आ श्रद्धालुअन खातिर घाट, मंदिर आ अन्य प्रमुख धार्मिक स्थलन के महत्त्वपूर्ण स्थानन के जानकारी प्रदान करी। ई ऐप मेला के दौरान आगंतुकन के सुविधा आ मार्गदर्शन में मदद करी।[5]

कुंभ 2025 मेला में अउरीयो बिबिध कार्यक्रम के आयोजन होखल प्रस्तावित बाटे: जइसे की फोटो प्रदर्शनी आ गाइड के संहे चिरई निहारल, छात्र आधारित शैक्षिक जागरूकता कार्यक्रम, विशेषज्ञन के चर्चा आ सत्र, सांस्कृतिक आ पारिस्थितिकी पर्यटन के बढ़ावा देवे के कोसिस; ई कार्यक्रम मेला में धार्मिक अनुभव के संगे शिक्षा, संस्कृति आ पर्यावरण के प्रति जागरूकता पैदा करे के उद्देश्य से आयोजित कइल जाई।[5]


इहो देखल जाय

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  1. 1.0 1.1 1.2 1.3 इमाम, सैयद मोज़िज़ (13 Dec 2024). "कुंभ के लिए उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में कैसी है तैयारी?". BBC News हिंदी (हिंदी में). Retrieved 3 Jan 2025.
  2. "Maha Kumbh 2025: Advanced sanitation standards set to ensure clean and safe experience for devotees and tourists in Prayagraj". The Times of India. 18 November 2024. Retrieved 18 November 2024.
  3. 3.0 3.1 "Maha Kumbh 2025". District Prayagraj, Government of Uttar Pradesh. 20 May 2018. Retrieved 3 Jan 2025.
  4. "Kumbh Mela 2025: Know The Exact Dates From The Start To The Shahi Snan" (अंग्रेजी में). news.abplive.com. 13 November 2024. Retrieved 19 November 2024.
  5. 5.0 5.1 "Streamlining pilgrimage in Prayagraj: Maha Kumbh Mela 2025 navigation app launched for visitors". The Times of India. 3 November 2024. Retrieved 19 November 2024.

बाहरी कड़ी

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ऑफिशियल वेबसाइट