विवेकी राय
विवेकी राय | |
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जनम | सोनवानी, गाजीपुर, उत्तर प्रदेश, भारत | नवंबर 19, 1924
निधन | 22 नवंबर 2016 | (उमिर 92)
पेशा | हिंदी ललित निबन्धकार, कथाकार, कवि |
राष्ट्रियता | भारत |
प्रमुख रचना | बबूल, सोनामाटी, मनबोध मास्टर की डायरी , फिर बैतलवा डाल पर |
प्रमुख सम्मान | यश भारती, उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा |
विवेकी राय (19 नवंबर 1924 - 22 नवंबर 2016) भोजपुरी अउरी हिंदी के साहित्यकार रहलन। हिंदी आ भोजपुरी का साहित्यकार आ आलोचक रहलन। ऊ मूल रूप से ग़ाजीपुर की सोनवानी गाँव क रहेवाला रहलें। राय 50 गो से अधिका पुस्तकन क रचना कइ चुकल रहलन आ ऊ ललित निबंध, कथा साहित्य आ कविता बिधा के लेखक रहलें। उनकरी रचना में गंवई मन आ मिज़ाज़ क झलक मिलेला।[1] गाँव की माटी क सोन्हाइल महक उनकी रचना क ख़ास पहिचान बा।[2]
ललित निबंध विधा में इनकर गिनती हजारीप्रसाद द्विवेदी, विद्यानिवास मिश्र, आ कुबेरनाथ राय की परंपरा में होला।[3] मनबोध मास्टर की डायरी आ फिर बैतलवा डाल पर सबसे चर्चित निबंध संकलन बाड़ें आ सोनामाटी उपन्यास इनकर के सबसे लोकप्रिय उपन्यास बाटे।[4] इनकरा के उत्तर प्रदेश सरकार कई गो सम्मान दिहले बा। हिंदी साहित्य में योगदान खातिर 2001 में महापंडित राहुल सांकृत्यायन पुरस्कार आ 2006 में यश भारती पुरस्कार दिहल गइल।[5] इनका के उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा महात्मा गांधी सम्मान से भी पुरस्कृत कइल गइल।[6][7] ई कुछ नीक निबंधनो के रचना कइले बाड़न।[8] तारीख 22 नवंबर 2016 के उनके निधन हो गइल।[9]
साहित्यिक रचना कुल
[संपादन करीं]भोजपुरी
[संपादन करीं]निबंध अउरी कविता
[संपादन करीं]- भोजपुरी निबंध निकुंज: भोजपुरी के तैन्तालिस गो चुनल निबंध, अखिल भारतीय भोजपुरी साहित्य सम्मेलन, 1977
- गंगा, यमुना, सरवस्ती: भोजपुरी कहानी, निबंध, संस्मरण, भोजपुरी संस्थान, 1992
- जनता के पोखरा: तीनि गो भोजपुरी कविता, भोजपुरी साहित्य संस्थान, 1984
- विवेकी राय... के व्याख्यान,भोजपुरी अकादमी, पटना, तिसरका वार्षिकोत्सव समारोहा, रविवारा, 2 मई 1982, पर आयोजित व्याख्यानमाला में भोजपुरी कथा साहित्य की विकास विषय पर दिहलें। भोजपुरी अकादमी, 1982
उपन्यास
[संपादन करीं]- अमंगलहारी, भोजपुरी संस्थान, 1998
- के कहला चुनरी रंगा ला, भोजपुरी संसद, 1968
- गुरु-गृह गयौ पढ़न रघुराय, 1992
हिंदी
[संपादन करीं]ललित निबंध
[संपादन करीं]- मनबोध मास्टर की डायरी
- गंवाई गंध गुलाब
- फिर बैतलवा डाल पर
- आस्था और चिंतन
- जुलूस रुका है
- उठ जाग मुसाफ़िर
कथा साहित्य
[संपादन करीं]- मंगल भवन
- नममी ग्रामम्
- देहरी के पार
- सर्कस
- सोना माटी
- कलातीत
- गूंगा जहाज
- पुरुष पुरान
- समर शेष है
- आम रास्ता नहीं है
- आंगन के बंधनवार
- आस्था और चिंतन
- अतिथि
- बबूल
- जीवन अज्ञान का गणित है
- लौटकर देखना
- लोकरिन
- मेरे शुद्ध श्रद्धेय
- मेरी तेरह कहानियाँ
- सवालों के सामने
- श्वेत पत्र
- ये जो है गायत्री
काव्य
[संपादन करीं]- दीक्षा
साहित्य समालोचना
[संपादन करीं]- कल्पना और हिंदी साहित्य, अनिल प्रकाशन, 1999
- नरेन्द्र कोहली अप्रतिम कथा यात्री
अन्य
[संपादन करीं]- मेरी श्रेष्ठ व्यंग्य रचनायें, 1984
संदर्भ
[संपादन करीं]- ↑ राजीवरंजन, विवेकी राय के निबंधों में जीवन-संवेदन, नवनिकष, विवेकी राय विशेषांक, (सम्पादन) लक्ष्मीकांत पाण्डेय, वर्ष-2, अंक-5, नवम्बर, 2008 , पृष्ठ 36-39
- ↑ माटी की महक:विवेकी राय, डॉ.सत्यकाम
- ↑ समय संवाद
- ↑ निवेदिता : विवेकी राय विशेषांक,(सम्पादक) मान्धाता राय, सहजानंद महाविद्यालय, गाजीपुर
- ↑ "Cong sees red as UP honours Abhishek". द टाइम्स ऑफ़ इण्डिया. 2006-11-21. Retrieved 2009-01-23.
- ↑ "Namwar Singh, Ramesh Kuntal to be awarded Hindi Sansthan awards". एक्सप्रेस इण्डिया. 2006-09-13. Retrieved 2009-01-23.
- ↑ माथुर, ओ॰पी॰ (2004). Indira Gandhi and the emergency as viewed in the Indian novel [इंदिरा गांधी आ इमरजेंसी जइसन भारतीय उपन्यास में देखल गइल बा]. सरुप & सन्स. ISBN 978-81-7625-461-8.
- ↑ दत्ता, अमरेश दत्ता (1988). Encyclopaedia of Indian literature vol. 2 [भारतीय साहित्य का विश्वकोष भाग 2]. साहित्य अकादमी. p. 914. ISBN 978-81-260-1194-0.
- ↑ "Notable Writer Dr. Viveki Rai Passes Away 15078199". Jagran.com. 2016-07-20. Retrieved 2016-11-22.
अउरी पढ़े लायक
[संपादन करीं]- अमरेश दत्ता, मोहन लाल, Encyclopaedia of Indian Literature : Navaratri-Sarvasena (भारतीय साहित्य का विश्वकोश: नवरात्रि-सर्वसेना), साहित्य अकादमी, 1991