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मंगलयान

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काल्पनिक बिमान आ मंगल
मंगलयान क एगो चित्रकार द्वारा कइल कल्पना

मंगलयान, (हिंदी: मंगल कक्षित्र मिशन[1], अंग्रेजी: Mars Orbiter Mission; मार्स ऑर्बिटर मिशन), मंगल ग्रह के अध्ययन खातिर भारत के पहिला यान भेजे के अभियान बाटे। असल में ई भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन क एगो महत्वाकांक्षी अन्तरिक्ष परियोजना रहल जेह में पहिलिये बेर भारत के सफलता मिल गइल। एह परियोजना के भीतर 5 नवम्बर 2013 के 2 बजके 38 मिनट पर मंगल ग्रह के गोठे (परिकरमा) करे वाला एगो बनावटी उपग्रह आंध्र प्रदेश में श्रीहरिकोटा की सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान (पीएसऍलवी) सी-25 के मदद से सफलता के साथे छोड़ल गइल। ई 24 सितम्बर 2014 के अपनी कक्षा में स्थापित हो गइल आ इसरो आ भारत की बिग्यानी लोगन के एगो बहुत बड़ सफलता मिलल।[2][3][4] एकरे साथै भारतो अब ओह देशन में शामिल हो गयल बा जवन मंगल पर आपन यान भेजले बाड़ें। वइसे अबहीं तक मंगल जाये बदे शुरू कयल गयल दू-तिहाई अभियान सफल ना हो पायल बा।[5] असल में ई एगो प्रौद्योगिकी प्रदर्शन परियोजना बा जेकर मकसद ग्रहन के बीच में आपसी अन्तरिक्ष अभियान खातिर जरूरी डिजाइन, योजना, व्यवस्था आऊर ई कुल के लागू करावे के तरीका क विकास करल बा।[6]

19 जून 2017 के मंगलयान आपन ऑर्बिट में परिकरमा करे के 1000 दिन (पृथ्वी के दिन) पूरा कइलस।

प्रमुख यंत्र

[संपादन करीं]
ग्राफ
मंगलयान क गोठ यानि परिकरमा के कक्षा (पैमाना पर नइखे)

मंगलयान की साथ पाँच को डाटा एकट्ठा करे वाला उपकरण भेजल गइल बाड़ें जिनहन क कुल वजन 15 किलोग्राम बा।[7] -

  1. मीथेन सेंसर - ई औजार मंगल की वायुमण्डल में मिथेन गैस की उपस्थिति आ एकरी मात्रा के नापे खातिर बनल बा आ ई मीथेन की सोता क पता भी लगाई आ ओकर नक्शा बनाई। मिथेन गैस क मौजूदगी से जीवन की संभावना क अनुमान लगावल जा सकत बाटे।
  2. थर्मल इंफ्रारेड स्पेक्ट्रोमीटर (TIS) - ई औजार मंगल की सतह क तापमान आ उत्सर्जकता (emissivity) क माप करि ए से मंगल क सतह की रचना आ खनिजकी (mineralogy) क नक्शा बनावे में मदद मिली।
  3. मार्स कलर कैमरा (MCC) - ई लउके वाला प्रकाश की स्पेक्ट्रम में फोटो खींची।
  4. लमेन अल्फा फोटोमीटर (Lyman Alpha Photometer (LAP)) - यह ऊपरी वायुमण्डल में ड्यूटीरियम आ हाइड्रोजन क नाम-जोख करी।
  5. मंगल इक्सोस्फेरिक न्यूट्रल संरचना विश्लेषक (MENCA) - ई एगो द्रव्यमान क परीक्षा करे वाला औजार बाटे जेवन ए ग्रह की बहिर्मंडल (इक्सोस्फीयर) में अनावेशित कण संरचना क अद्ध्ययन करी।

लॉन्च कलेंडर

[संपादन करीं]
  • 3 अगस्त 2012 - इसरो की मंगलयान परियोजना के भारत सरकार पास कई दिहलस। 2011-12 के बजट में पैसा क आवण्टन हो गइल रहे।[8]
  • 5 नवम्बर 2013 - भारतीय समय 2:38 अपराह्न पर श्रीहरिकोटा (आंध्र प्रदेश) के सतीश धवन अन्तरिक्ष केन्द्र से ध्रुवीय प्रक्षेपण यान पीएसएलवी सी-25 की सहायता से छोड़ल गइल।[2] 3:20 अपराह्न के निर्धारित समय पर पीएसएलवी-सी 25 के चौथे चरण से अलग होने के उपरांत यान पृथ्वी की कक्षा में पहुँच गया और इसके सोलर पैनलों और डिश आकार के एंटीना ने कामयाबी से काम करना शुरू कर दिया था।[9]
  • 5 नवम्बर से 01 दिसम्बर 2013 ले ई पृथ्वी की कक्षा में घूमत रहल।[10]
  • 7 नवम्बर 2013 के- भारतीय समयानुसार एक बजके 17 मिनट पर मंगलयान की कक्षा के ऊँच कइल गइल।[9]
  • 01 दिसम्बर 2013 - मार्स ट्रांसफर ट्रेजेक्‍टरी में परवेश करा दिहल गइल, ए प्रक्रिया के ट्रांस मार्स इंजेक्शन (टीएमआई) ऑपरेशन नाँव रहे।[11]

यह इसकी 20 करोड़ किलोमीटर से ज्यादा लम्बी यात्रा शुरूआत होगी जो नौ महीने से भी ज्यादा का समय लेगी और इसकी सबसे बड़ी चुनौती इसके अन्तिम चरण में यान को बिल्कुल सटीक तौर पर धीमा करने की होगी, ताकि मंगल ग्रह अपने छोटे गुरुत्व बल के जरिये इसे अपने उपग्रह के रूप में स्वीकार करने को तैयार हो जाये।[10][12],[13]

  • 22 सितंबर 2014 : ई यान मंगल ग्रह की गुरुत्वीय क्षेत्र में घुसल। लगभग 300 दिन ले शांत रहल की बाद मंगलयान की मेन इंजन 440 न्यूटन लिक्विड एपोजी मोटर के सेकेण्ड खातिर चला के अंतिम रास्ता सुधार भइल।
  • 24 सितम्बर 2014 : सुबह 7 बज के 17 मिनट पर मोटर (एलएएम) यान के मंगल की कक्षा में प्रवेश करावे वाला थ्रस्टर्स की संघे चालू कइल गइल आ ई यान सफल रूप से मंगल की कक्षा में अस्थापित हो गइल।[3]

मंगलयान के जब मंगल ग्रह के चारो ओर परिकरमा करे खातिर कक्षा (ऑर्बिट) में स्थापित कइल गइल, ई एगो बहुत चापट आकार के कक्षा रहल। परिकरमा के काल 72 घंटा 51 मिनट 51 सेकेंड के रखल गइल आ चक्कर लगावे के समय मंगल से सभसे नजदीकी दूरी 421.7 किमी आ सभसे दूर स्थित होखे पर 76993.6 किमी के दूरी स्थापित कइल गइल।[14] जब ई एह कक्षा में प्रवेश कइलस, एह में कुल 40 किलोग्राम ईंधन बचल, ई मात्रा एकरा छह महीना ले काम करे खातिर जेतना के जरूरत रहे ओ से लगभग 20 किलो ज्यादा रहल।[15]

28 सितंबर 2014 के मंगलयान के कंट्रोल करे वाला लोग पूरा मंगल के पहिला तस्वीर प्रकाशित कइल लोग। ई तस्वीर मार्स कलर कैमरा से लिहल गइल रहे।[16]

7 अक्टूबर 2014 के इसरो द्वारा मंगलयान के कक्षा में कुछ बदलाव कइल गइल आ एह में 1.9 किलो ईंधन के खपत भइल, एकरे बाद एकर एप्सिस 72000 हो गइल।[17] ई काम मंगल के लगे से गुजरे वाला एक ठो पुच्छल तारा (धूमकेतु) से सुरक्षा खातिर कइल गइल रहे, इसरो रपट दिहलस कि मंगलयान अब सुरक्षित बाटे।[18]

4 मार्च 2015 के इसरो के रिपोट आइल कि मंगलयान के मीथेन सेंसर सही से काम कर रहल बा आ मंगल के अल्बेडो के अध्ययन क रहल बा। मार्स कलर कैमरा भी तस्वीर ठीक से भेज रहल रहे।[19][20]

24 मार्च 2015 के मंगलयान आपन पहिला छह महीना पूरा क लिहलस, जवन एकर सुरुआती मिशन के रूप में परिभाषित कइल गइल रहे। इसरो एकरा मिशन के अगिला छह महीना खातिर बढ़ा दिहलस काहें कि अभिन भी 37 किलो इंधन बचल रहे आ सगरी पाँचो उपकरण सही से काम करत रहलें।[21] रपट के मोताबिक यान एह बचल ईंधन में कई साल ले मंगल के चारों ओर परिकरमा क सके ला।[22]

बीच में 17-दिन खातिर मंगलयान से संपर्क टूट गइल, 6 से 22 जून 2015 ले जब ई अपना कक्षा में परिकरमा करत मंगल के साथ सुरुज के पाछे चल गइल।[23]:52

24 सितंबर 2015 के, इसरो आपन "मंगल एटलस" रिलीज कइलस, 120-पन्ना वाला एह बैज्ञानिक एटलस (नक्सा के किताब) में मंगलयान के पहिला साल में खींचल तस्वीर सभ रहली।[24]

मार्च 2016 में, वैज्ञानिक रिसर्च के रूप में जियोफिसिकल रिसर्च लेटर्स में MENCA उपकरण के द्वारा कइल गइल नाप जोख के परिणाम छपल।[25][26]

17 जनवरी 2017 के एकरा कक्षा में कुछ बदलाव कइल गइल ताकि ग्रहण से बचाव कइल जा सके। एकरा खातिर आठ गो 22 N थ्रस्टर सभ के 431 सेकेंड खातिर चलावल गइल, मंगलयान के वेग 97.5 मीटर प्रति सेकेंड (351 किमी/घं) तक कम क दिहल गइल आ एह काम के बाद कुल 13 किलोग्राम ईंधन बचल। अभी साल 2016 ले एह यान के गरहन के दसा से बचाव कइल जाई, काहें से कि गरहन के दसा में अन्हार हो जाला आ एह दौरान यान के मशीनरी सूरुज के रौशनी से उर्जा लेवे के जगह बैटरी से चले लागे ले; बैटरी 100 मिनट के गरहन तक काम क सके ले।[27]

19 जून 2017 के मंगलयान आपन ऑर्बिट में परिकरमा करे के 1000 दिन (पृथ्वी के दिन) पूरा कइलस आ अभी एकरा धीमा पड़े के कौनों लच्छन भी नइखे लउकत। एह काल में ई मंगल के 388 चक्कर लगा चुकल बा आ 715 गो तस्वीर भेज चुकल बा।[28][29]


  1. "नासा, मंगल कक्षित्र मिशन के लिए अपनी सहायता पुन:निश्चित करता है।". इसरो.गोव.इन. 5 अक्टूबर 2013. Archived from the original on 2013-11-12. Retrieved 9 नवंबर 2013.
  2. 2.0 2.1 "मंगल के सफर पर निकला भारत". नवभारतटाइम्स.कॉम. 5 नवंबर 2013. Archived from the original on 2013-11-05. Retrieved 5 नवंबर 2013.
  3. 3.0 3.1 "पहली ही कोशिश में मंगल तक पहुंचा भारत". नवभारत टाईम्स. 24 सितंबर 2014. Retrieved 24 सितंबर 2014.[मुर्दा कड़ी]
  4. "मार्स ऑर्बिटर मिशन: महत्वपूर्ण घटनाओं का क्रम". नवभारत टाईम्स. 24 सितंबर 2014. Retrieved 24 सितंबर 2014.[मुर्दा कड़ी]
  5. "मंगल के सफर पर निकला भारत". नवभारतटाइम्स.कॉम. 5 नवंबर 2013. Archived from the original on 2013-11-05. Retrieved 9 नवंबर 2013.
  6. "All you need to know about Mangalyan - India's first mission to Mars". Business Standard. 30 अक्टूबर 2013. Retrieved 4 नवंबर 2013.
  7. "भारत के मंगल मिशन पर नजरें". www.samaylive.com. 22 अप्रैल 2013. Archived from the original on 2013-11-02. Retrieved 4 नवंबर 2013.
  8. सुरेश उपाध्याय (5 नवंबर 2013). "आज शुरू होगा मंगल पर विजय का अभियान". नवभारत टाइम्स. Archived from the original on 2013-11-05. Retrieved 5 नवंबर 2013.
  9. 9.0 9.1 विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय, (7 नवंबर 2013). "मंगलयान की कक्षा को ऊँचा किया गया". पत्र सूचना कार्यालय, भारत सरकार. Retrieved 8 नवंबर 2013.{{cite web}}: CS1 maint: extra punctuation (link)
  10. 10.0 10.1 "अब मंगल की ओर". नवभारत टाइम्स. 6 नवंबर 2013. Archived from the original on 2013-12-03. Retrieved 6 नवंबर 2013.
  11. "पृथ्वी की कक्षा से बाहर निकला मंगलयान". नवभारत टाईम्स. 1 दिसंबर 2013. Archived from the original on 2013-12-03. Retrieved 2 दिसंबर 2013.
  12. "आज मंगल हो". नवभारत टाइम्स. 5 नवंबर 2013. Archived from the original on 2013-11-05. Retrieved 5 नवंबर 2013.
  13. "मंगल की ओर पहला कदम कामयाब". नवभारत टाइम्स. 6 नवंबर 2013. Retrieved 6 नवंबर 2013.[मुर्दा कड़ी]
  14. "Mars Orbiter Spacecraft Successfully Inserted into Mars Orbit" (Press release). ISRO. 24 September 2014. Archived from the original on 25 September 2014.
  15. "Mars Orbiter Mission looks to sniff methane on comet". दि टाइम्स ऑफ इंडिया. India. 2014. Retrieved 4 अक्टूबर 2014.
  16. Lakdawalla, Emily (29 September 2014). "Mars Orbiter Mission delivers on promise of global views of Mars". The Planetary Society.
  17. Laxman, Srinivas (9 अक्टूबर 2014). "Mars Orbiter Mission shifts orbit to take cover from Siding Spring". The Planetary Society.
  18. "I'm safe and sound, tweets MOM after comet sighting". दि हिंदू. 21 अक्टूबर 2014. Retrieved 21 अक्टूबर 2014.
  19. Kumar, Chethan (26 September 2014). "Mars Orbiter Mission sends fresh pictures, methane sensors are working fine". दि टाइम्स ऑफ इंडिया. Times News Network. Retrieved 6 मार्च 2015.
  20. Lakdawalla, Emily (4 मार्च 2015). "Mars Orbiter Mission Methane Sensor for Mars is at work". The Planetary Society. Retrieved 1 April 2015.
  21. "Mars Orbiter Mission extended for another 6 months". India Today. Indo-Asian News Service. 24 मार्च 2015. Retrieved 24 मार्च 2015.
  22. "Mangalyaan can survive for 'years' in Martian orbit: ISRO chief". The Indian Express. Express News Service. 15 April 2015. Retrieved 16 April 2015.
  23. Lele, Ajey (2014). Mission Mars: India's Quest for the Red Planet. Springer. ISBN 978-81-322-1520-2.
  24. "ISRO releases Mars atlas to mark Mangalyaan's first birthday in space". Zee News. Zee Media Bureau. 24 September 2015. Retrieved 27 September 2015.
  25. Ahmed, Syed Maqbool (2 मार्च 2016). "MENCA brings divine wealth from Mars: First science results from the Mars Orbiter Mission". The Planetary Society. Retrieved 31 July 2016.
  26. Bhardwaj, Anil; Thampi, Smitha V.; Das, Tirtha Pratim; Dhanya, M. B.; Naik, Neha; et al. (मार्च 2016). "On the evening time exosphere of Mars: Result from MENCA aboard Mars Orbiter Mission". Geophysical Research Letters. 43 (5): 1862–1867. Bibcode:2016GeoRL..43.1862B. doi:10.1002/2016GL067707.
  27. "Long Eclipse Avoidance Manoeuvres Performed Successfully on MOM Spacecraft". Mars Daily. 24 January 2017. Retrieved 24 January 2017.
  28. MOM completes 1000 days in orbit - Retrieved from hindustantimes on 19 जून 2017
  29. "Challenged to survive 180 days, ISRO's Mangalyaan celebrates 1,000 days". Thebetterindia.com. Retrieved 2017-06-20.