भोजपुरी व्याकरण
भोजपुरी व्याकरण भोजपुरी भाषा के व्याकरण हवे जेह में एह भाषा से संबंधित नियम-बिधान-बिचार सभ के अध्ययन होला। एकरे सुरुआती अध्ययन में अंगरेज बिद्वान बीम्स आ ग्रियर्सन के योगदान महत्व के बाटे।[1] बाद में कई भारतीय लोग एह ब्याकरण पर आपन बिचार दिहल।
कई अरथ में भोजपुरी के व्याकरण अउरी पूरबी इंडो-आर्यन भाषा सभ के व्याकरण नियर हवे।
संज्ञा
[संपादन करीं]भोजपुरी में संज्ञा शब्द सभ के तीन गो रूप (फॉर्म) होखे लें: लघु (शॉर्ट), गुरु (लांग) आ गुरुतर (रिडंडेंट)। एह तरीका से घोड़ा खातिर तीन गो रूप हो जालें - घोड़ा, घोड़वा आ घोड़उआ (चाहे घोड़उवा)।[2] पोथी खातिर - पोथी, पोथिया आ पोथियवा। कुछ दसा में गुरु रूप 'ए' के साथे खतम होखे ला, घोड़वे। गुरुतर रूप के (-वा वाला रूप के अलावा) दू गो अउरी भेद होखे लें, -आ वाला अउरी -या वाला। एही से कुकुर के रूप कुकुरा बने ला जबकि माली के रूप मलिया बने ला। -आ के इस्तेमाल दू सिलेबल वाला ढाँचा सभ में होखे ला जइसे कि भतार से भतरा चाहे सोनार से सोनरा। -या अइसन संज्ञा सभ में जोड़ल जाला जे ई पर खतम हो रहल होखें चाहे जिनहन में ई जोड़ के स्त्रीलिंग बनावल गइल होखे, जइसे कि बेटी से बेटिया, आ औरत से औरतिया।[3] -अल वाली क्रिया से बनल संज्ञा सभ के -ला वाला ऑब्लीक रूप होखे ला: देखल से देखला में। धातु के रूप में क्रिया वाली संज्ञा सभ के ऑब्लीक रूप ए वाला होखे ला; देख से देखे ला। बाकी सगरी संज्ञा सभ में ऑब्लीक रूप नॉमिनेटिवे नियर होखे ला।[2]
ग्रियर्सन जवना के रिडंडेंट फॉर्म कहले बाड़ें ऊ असल में संज्ञा के रूप के "डेफिनिट" बनावे के काम करे ला - जइसे अंग्रेजी में दि आ फ्रेंच में ला होलें; घोड़ा मने कौनों घोड़ा होखी बाकी घोड़वा कहला पर पता चली कि कौनों बिसेस घोड़ा के बात हो रहल बा - अंग्रेजी के द हॉर्स के अरथ में; माली जाति के सूचक होखी बाकी मलिया कहला पर केहू बिसेस माली (द गार्डनर) के पता चली।[3]
मॉर्फ़ोलॉजी
[संपादन करीं]संज्ञा शब्दन में -वाला आ -इया जोड़ के बहुत रूप बनावल जालें। -वाला क इस्तमाल हिंदुस्तानियों में होखे ला बाकी भोजपुरी में एकर इस्तेमाल कुछ बेसिये बाटे। एकर इस्तेमाल आगत शब्द -दार वालन खातिर इस्तेमाल हो सके ला; जइसे इज्जतदार भोजपुरी में इज्जतवाला बन जाला। -इया (-अइया, वैया वगैरह) के ब्यापक इस्तेमाल होखे ला जे बिसेसता बतावे वाला परसर्ग (सफिक्स) के रूप में जुड़े लें; जइसे कलकतिया, कलकत्ता के चाहे कलकत्ता से संबंधित, आ पुरनिया, जे बूढ़ पुरान हो गइल होखे।[4]
लिंग
[संपादन करीं]सजीव संज्ञा सभ में, भोजपुरी में स्त्रीलिंग आ पुल्लिंग के भेद मिले ला। स्त्रीलिंग बनावे खातिर -ई, -इन, अउरी -नी चाहे -आइन क इस्तेमाल होखे ला। पुल्लिंग आजा से आजी, लइका से लइकी, माली से मालिन, बबुआ से बबुनी, पंडित से पंडिताइन वगैरह।[4]
वचन
[संपादन करीं]भोजपुरी में बहुवचन बनावे खातिर, अंत के दीर्घ स्वर के लघु हो जाला आ एकरा बाद -न, -न्ह चाहे -नी जोड़ दिहल जाला। कई बेर सभ चाहे लोग जोड़ के बहुवचन बनावल जाला।[2]
कारक
[संपादन करीं]कारक (केस) सभ के निर्माण कर्ता कारक (नॉमिनेटिव केस) चाहे ऑब्लीक रूप (अगर होखे) में प्रीपोजीशन जोड़ के बनावल जालें। कबो-काल्ह के वास्तविक कारक सभ के निर्माण इंस्ट्रुमेंटल आ लोकेटिव के रूप में -ए जोड़ के बनावल जालें जइसे बंगाली में होखे ला; घर से घरे (घर में), हालाँकि, ई बहुवचन सभ में ना मिले ला।[2]
Short | Long | |||
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Singular | Plural | Singular | Plural | |
Nominative | घर ghar the house |
घरान gharana the Houses |
घरवा gharvā the House |
घरवन gharvana the Houses |
Accusative | घर ghar के/कऽ ke/ka' (to) the House |
घरन gharan के/कऽ ke/ka (to) the houses |
घरवा gharvā के/कऽ ke/ka' (to) the House |
घरवन gharvana के/कऽ ke/ka' (to) the House |
Genitive | घर ghar के/कऽ ke/ka' (of) the House |
घरन gharan के/कऽ ke/ka (of) the houses |
घरवा gharvā के/कऽ ke/ka' (of) the House |
घरवन gharvana के/कऽ ke/ka' (of) the House |
Locative | घर ghar मे, me, घरे gharē (in/on) the House |
घरन gharan मे me (in/on) the houses |
घरवा gharvā मे me' (in/on) the House |
घरवन gharvana मे me' (in/on) the House |
- इंस्ट्रुमेंटल केस बनावे खातिर; से ते आ संते (संती) आ करते के संज्ञा के रूप में जोड़ल जाला, घर से
- डेटिव केस बनावे खातिर, ला, लाग, खातिर जोड़ल जाला, घर ला (घरे खातिर)
- एब्लेटिव केस खातिर से ले जोड़ल जालें।
नाउन फ्रेज
[संपादन करीं]संज्ञा के गिनती भा मात्रा बतावे वाला -गो, ठो चाहे ठे जोड़ के बनावल जाला जे संख्यात्मकता के जोर दे के बतावे लें न कि कुल मात्रात्मकता के। सीमाकारी (लिमिटर) अभिव्यक्ति सभ भोजपुरी में मॉर्फ़ोलॉजिक तरीका से बनावल जालें परसर्ग -ए आ -ओ जोड़ के, इनहन से सामिल भइल (इन्क्लूजिवनेस) भा बहरें कइल (एक्सक्लूजिवनेस) के पता चले ला: "हम आमे खाइब" (खाली आम भर खाइब) आ "हम आमो (आम भी) खाइब"।[5]
सर्वनाम
[संपादन करीं]निजवाचक (व्यक्तिवाचक) सर्वनाम (पर्सनल प्रोनाउन)
[संपादन करीं]उत्तम पुरुष (फस्ट पर्सन) सर्वनाम के दू गो रूप होखे लें - कमतर भा हीन (मे) आ ऊँच (हम), हीन रूप के इस्तेमाल पुराना भोजपुरी में होखे, हालाँकि, आधुनिक भोजपुरी में अब ई पुरान पड़ चुकल आ चलन से बाहर हो चुकल रूप कबितई में इस्तमाल होखे ला। 'हम' के इस्तेमाल उत्तम पुरुष एकवचन में होखे ला, एकर ऑब्लीक रूप हवे हमरा, हालाँकि, कबो-काल्ह हम (हम-के) के भी इस्तेमाल होखे ला। नागपुरी बोली (सदरी) में मोए के प्रयोग हम के जगह पर होला।[6]
नंबर | रूप | फस्ट पर्सन (उत्तम पुरुष) | सेकंड पर्सन (मध्यम पुरुष) | थर्ड पर्सन (अन्य पुरुष) | |||||
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हीन | ऊँच | अनौप. | औपचारिक | आदर से | अनौप. | औपचारिक | आदर से | ||
एकवचन | नॉमिनेटिव | मे | हम | तें | तूँ | रउवा / रवा / रउरा / अपने | ई , ऊ | इहाँ के, उहाँ के | |
ऑब्ली. | मोहि / मो | हमरा | तो / तोहि / तोरा | तोहरा | रउवा / रवा / रउरा / अपना | ए, एह, एकरा, ओ, ओह, ओकरा | इन, इनका, इनकरा, उन, उनका, उनकरा | इहाँ, उहाँ | |
जेनेटिव | मोर, मोरे | हमार / हमरे | तोर / तोरे | तोहार / तोहरे | राउर / रउरे / अपने के | एकर, ओकर | इनकर, उनकर | इहाँ के, उहाँ के | |
बहुवचन | नॉमि. | हमनी के | हमहन | तोहनी के | तूँ लोग | रउरा सभ/लोग, अपने सभ/लोग | एकनी के, ओकनी के | इ लोग, उ लोग | इहाँ सभ, उहाँ सभ |
ऑब्ली. | हमनी | हमहन | तोहनी | तूँ लोग | एकनी, ओकनी |
सेकेंड पर्सन (मध्यम पुरुष) में, ते अपना से छोट खातिर इस्तेमाल होला, नोकर-चाकर खातिर आ निरादर से बोले में होखे ला। कभी-काल ई बहुत गहिरा लगाव आ नेह के दसा में होला। बेटा अपना महतारी खातिर हमेशा ते रहे ला। तू साधारण आदर सूचक हवे आ अपना से छोट भा बड़ केहूओ खातिर इस्तेमाल हो सके ला। बहुत बेसी आदार देखावे खातिर रउवा चाहे अपने क इस्तेमाल होला।[7] संकेतवाचक सर्वनाम ई आ ऊ के इस्तेमाल थर्डपर्सन खातिर आधुनिक भोजपुरी में होखत बा, से अउरी ते पुरान भोजपुरी के हवें आ अब्बो बचल बाड़ें बाकी आम इस्तेमाल में नाहीं बाड़ें आ अधिकतर ई मुहावरा के भाव में इस्तेमाल होखे लें। उदाहरण खातिर, जे जइसन करी ते तइसन पाई।[8]
संकेतवाचक सर्वनाम
[संपादन करीं]नजदीकी बतावे वाला संकेतवाचक सर्वनाम (प्रॉक्सिमेट डिमांसट्रेटिव) नीचे दिहल बाने:[9][10]
रूप | एकवचन | बहुवचन | |
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नॉमि. | बिना आदर | ई, हई | एकनी के, इन्हन के, हेकनी के, हिन्हन के |
औपचारिक | ई लोग | ||
आदर से | इहाँ के | इहाँ सभ/सभन/सभनी के | |
ऑब्लीक | बिना आदर | ए, एह, हे | एकनी, इनहन, हेकनी, हिनहन |
औपचारिक | इनका, इनकरा | ई लोग | |
आदर से | इहाँ | इहाँ सभ/ सभन/सभनी के |
जेनेटिव रूप एकर, हेकर, इनकर, हिनकर होलें। कबो-काल्ह -इ जोड़ दिहल जाला स्त्रीलिंग बतावे खातिर।[9] दूर के चीज के बतावे बदे ई के ऊ आ ए के ओ से बदल दिहल जाला। एह तरीका से, एकनी बदल के ओकनी हो जाला, आ बाकियो एही तरीका से बदले लें।
संबंधवाचक सर्वनाम
[संपादन करीं]रूप | एकवचन | बहुवचन |
---|---|---|
डाइरेक्ट | जे, जवन, जौन, जिन्हि चाहे सभ | "जिन्हनि" आ "जिन्हनि लोग" नियर ओइसने जइसन एकवचन में होला |
ऑब्लीक | जे, जवना, जउना, जेह, जिन्हि, जेकरा, जिनकरा, जेहकरा | |
जेनेटिव | जेकर, जेहकर, जिनकर |
भोजपुरी में संबंधवाचक सर्वनाम ओइसने बाड़ें जइसन बाकी पूरबी इंडो-आर्यन भाषा सभ में[11]
केस | संकेतवाचक (डिमांस्ट्रेटिव) | संबंधवाचक | प्रश्नवाचक | ||||||
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अन्य पुरुष (थर्ड पर्सन) | |||||||||
नगीचे | दूरे | एक. | बहु. | एक. | बहु. | ||||
एक. | बहु. | एक. | बहु. | ||||||
कर्ता कारक नॉमिनेटिव | अनौपचारिक | ई, हई | एकनी के, हेकनी के, इनहन के, हिनहन के, ई लोग (लोगन/सभ) | ऊ, हऊ | ओकनी के, होकनी के, उनहन के, हुनहन के, ऊ लोग (लोगन/सभ) | जे, जवन, जौन | जेकनी के, जिन्हन के | के, केवन, कवन, कौन | के, केवन, कवन लोग, कौन लोग |
औपचारिक | ई, इनही, हिनही | ऊ, उनही, हुनही | ऊ लोग (लोगन / सभ) | जे लोग, जिनहन लोग | |||||
आदर से | इहाँ के | इहाँ सभ (सभन/सभनी के) | उहाँ के | उहाँ सभ (सभन/सभनी के) | जिहाँ के | जिहाँ सभ (सभनी) के | |||
ऑब्लीक | अनौपचारिक | ए, एह, हे, एकरा, हेकरा | एकनी, हेकनी, इन्हनी, हिन्हनी | ओ, ओह, हो, ओकरा, होकरा | ओकनी, होकनी, उन्हनी | जे, जेकरा, जेह, जवना, जौना | जेकनी, जिन्हन | के, केह, कवना, कौना, केवना, केकरा, केहकरा | के, केकनी, किनहन |
औपचारिक | इन, इनकरा, इनका, इनहनी का | ई लोग (लोगन) | उन, उनका, उनकरा, हुन, हुनका, हुनकरा | ऊ लोग (लोगन) | जे, जेह, जवना, जौना, जिन, जिनका, जिनकरा | जे लोग, जवन लोग | किनकरा, किनका | किनहन, कवन लोग | |
आदर से | इहाँ | इहाँ (सभ/सभन/सभनी) | उहाँ | उहाँ (सभ/सभन/सभनी) | जिहाँ | जिहाँ (सभ/सभन/सभनी) | किहाँ | ||
जेनेटिव | अनौपचारिक | एकर, हेकर | एकनी के, हेकनी के | ओकर, ओहकर | ओकनी के, होकनी के | जेकर, जेहकर | जेकनी के | केकर | केकनी के |
औपचारिक | इनकर, हिनकर | ई लोग (लोगन) | उनकर, हुनकर | ऊ लोग (लोगन) | जिनकर | जे/जवन/जेवन/जौन/जौन लोग के | किनकर | कवन लोग | |
आदर से | इहाँ के | इहाँ सभ के (सभन/लोगन/लोग) | उहाँ के | उहाँ सभ के (सभन/लोगन/लोग) | जिहाँ के | जिहाँ सभ के (सभन/लोगन/लोग) |
अउरी दूसर सर्वनाम
[संपादन करीं]- केऊ, केहू आ कवनो के इस्तेमाल सजीव रूप के अनिश्चिततावाची (इंडेफिनिट) सर्वनाम खातिर होखे ला जबकि किछु, किछू, किछऊ, कुछू निर्जीव खातिर होखे ला।[12]
- अपना अउरी अपने संबंधवाली भाव बतावे खातिर इस्तेमाल होखे लें, निज क इस्तेमाल इंस्ट्रुमेंटल केस में होला।[13]
इहो देखल जाय
[संपादन करीं]फुटनोट
[संपादन करीं]- ↑ कुमार 2018, p. 1.
- ↑ 2.0 2.1 2.2 2.3 ग्रियर्सन 1903, p. 50.
- ↑ 3.0 3.1 जैन & कार्डोना 2007, p. 524.
- ↑ 4.0 4.1 जैन & कार्डोना 2007, p. 525.
- ↑ जैन & कार्डोना 2007, p. 528.
- ↑ तिवारी 1960, p. 127-128.
- ↑ तिवारी 1960, p. 130.
- ↑ तिवारी 1960, p. 131-132.
- ↑ 9.0 9.1 तिवारी 1960, p. 132.
- ↑ ग्रियर्सन 1903, p. 51.
- ↑ तिवारी 1960, p. 138.
- ↑ तिवारी 1960, p. 144.
- ↑ तिवारी 1960, p. 145-146.
स्रोत ग्रंथ
[संपादन करीं]- ग्रियर्सन, जी. ए. (1903). Linguistic Survey of India, Vol. V, Part II.
- कुमार, अरुण (2018). ग्रियर्सन: भाषा और साहित्य चिंतन. वाणी प्रकाशन. ISBN 978-93-87889-33-0.
- जैन, दानेश; कार्डोना, जॉर्ज (2007). दि इंडो-आर्यन लैंगुएजेज. टेलर & फ्रांसिस. ISBN 9781135797119.
- तिवारी, उदय नारायण (1960). दि ओरिजिन एंड डेवेलपमेंट ऑफ़ भोजपुरी. दि एशियाटिक सोसायटी.