परौठा
दूसर नाँव | पराठा, पराँठा |
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खाए के समय | सबेरे के नाश्ता, रात के खाना |
क्षेत्र | भारतीय उपमहादीप |
परोसे के ताप | गरम, चटनी या तरकारी के साथ |
मुख्य सामग्री | आटा, मैदा, घीव/मक्खन/तेल आ बिबिध प्रकार के भरल जाये वाला सामग्री |
परौठा भारतीय रोटी क विशिष्ट रूप ह। इ उत्तर भारत में जेतना लोकप्रिय बा, लगभग ओतने ही दक्षिण भारत में भी बा, बस मूल फर्क इ बा, कि उत्तर में इ आटा क बनेला आ दक्षिण में मैदा क बनेला। हर दिन की उत्तर भारतीय उपमहाद्वीपीय नाश्ता में सबसे लोकप्रिय पदार्थ अगर कुछ ह त उ परौठे ह।[1] एके बनवले क जेतना विधि बा वइसे ही हिंदी-भोजपुरी में एकर कईगो रूप प्रचलित बा जइसे पराठा, परौठा, परावठा, परौठा और परांवठा। उत्तर से दक्षिण और पूरब से पश्चिम तक इ भारतीय रसोई क हिस्सा ह और हर सुबह तवा पर सेंकल जात परौठा क लुभावे वाला खुशबू भूख बढ़ा देला। हँ स्वास्थ्य की दृष्टि से इ जरुर वसा से भरपूर होखले की कारण सीमित मात्रा में ही उपभोग करे के चाही।
परौठा, लगभग रोटी की तरह ही बनावल जाला, फर्क सिर्फ एकरी सेंकाई क बा। रोटी के जहां तवा पर सेंकले की बाद सीधा आंच पर भी फुलावल जाला वहीं परौठा सिर्फ तवा पर ही सेंकल जाला।[2] रोटी पकवले की बाद ओकरी ऊपर शुद्ध घी लगावल जा सकेला, जबकि परौठा के तवा प सेंकले की समय ही घी चाहें तेल लगा के सेंकल जाला। भरवां परौठा बनावे की खातिर आप आटा या मैदा मल के ओकर लोई बेल के ओमे भरावन भर लेंइ, फेर ओके बेल के तवा प सेंक लेंइ। परौठा शब्द बनल बा उपरि+आवर्त से। उपरि यानी ऊपर क और आवर्त यानी चारों और घुमावल। सिर्फ तवा प बनावे जाए वाला रोटी चाहें परौठा के सेंकले की विधि पर गौर करीं। एके समताप मिलत रहे एकरी खातिर एके ऊपर से लगातार घुमा-फिरा के सेंकल जाला। फुलका की नियर परौठा क दुनुं परत नाहीं फूलेला बल्कि सिर्फ ऊपर क परत ही फूलेला। एकर क्रम कुछ हे तरह से रही, उपरि+आवर्त > उपरावटा > परांवठा > परौठा। वइसे सीधा शब्द में पर्त वाला आटा का व्यंजन = पर्त+आटा= पराटा=परौठा। भारत पर्यन्त और विदेश में भी इ बहुत प्रचलित बा। दक्षिण भारत में केरल क परौठा प्रसिद्ध बा। एके ओइजा प्रोट्टा कहल जाला। एमें अत्यधिक चिकनाई की साथ ढेरों परत होला। परौठा के भारतीय लोग मलेशिया और मॉरीशस तक ले गइल लो, जहां आज एके फराटा और सिंगापुर में रोटी कनाई या रोटी प्राटा कहल जाला। म्यांमार में एके पलाता कहल जाला। ट्रिनिडाड एवं टोबैगो में इ खूब पतला और बहुत बड़ होला और एके बस्सप-शट कहल जाला।
हिन्दुस्तानी रसोई में बहुत तरह क परौठा बनेला। सबसे आसान त सादा परौठा ही होला। सादा परौठा क भी कई प्रकार होला, जैसे गोल परौठा, तिकोना परौठा, चौजोर परौठा। दुपर्ती परौठा चाहें बहुपर्ती परौठा। सादा की बाद भरवां परौठा आवेला। एमें सर्वाधिक लोकप्रिय बा आलू का परौठा। बहुत गृहणि लोग साल भर मौसमी सब्जी और अन्य तरह की सब्जी से भरवां परांठें बनावेली लो। रसोइयन की प्रयोगधर्मिता से परौठन क विविधता लगातार बढ़त जाता। ए प्रकार की परौठन में मुख्य प्रकार बा:-
- सादा परौठा –
- गोल, तिकोना, चौकोर
- लच्छा परौठा
- नमक, अजवायन का परौठा
- चीनी का परौठा
- पुदीना परौठा, मेथी, पालक, बथुआ आदि किसी को आटे में मिलाकर बनाये परांठे।
- भरवां परौठा
- आलू का परौठा
- मूली का परौठा
- गोभी का परौठा
- प्याज का परौठा
- अन्य सब्जी क परौठा
- दाल की पिट्ठी क परौठा, जैसे उड़द, मूंग दाल, चना दाल, वगैरह
- सत्तू क परौठा
- पनीर परौठा
- नवरत्न
- मांसाहारीं
- कीमा परौठा
- मुगलई परौठा
- अंडा परौठा