धरम चक्र
धरम चक्र भारत के धरम सभ, जइसे की हिंदू, बुद्ध आ जैन के अष्ठमंगल मे ले एगो बा।[1] इ बुद्ध धरम के उपदेस सभ के प्रतिक हऽ। इ चारि गो आर्य सत्य आ आर्य अष्टांगिक मार्ग ओ के देखावेला।
शब्द के उत्पत्ती
[संपादन करीं]संस्कृत संज्ञा धर्म होकर "धर" धातु से बनल बा जेकर माने "धरल" होखेला जेकर बाद के जाके माने "धइल" चाहे "काउनो चीज के धइल चाहे अस्थापाना कइल हो जाला" एक तरह से हेकरा "नियम" कहल जा सकेला।
इतिहास
[संपादन करीं]सिंधू घाटी सभ्यता मे चक्र बहुते बेसि पाइल गइल बा। धोलाविरा मे मिलल चिन्हन मे दसगो मे ले चारगो चिन्ह च के ह।[2]
चिन्हा
[संपादन करीं]धरम चक्र मे आठ भा चउबीसगो तीली होखेला। जेकर यूनिकोड चिन्ह हई 👉☸️👈 हऽ (U+2638: धरम चक्र)।
परयोग
[संपादन करीं]हिंदू धरम मे
[संपादन करीं]हिंदू धरम के पुरान के हिसाब से गायत्री मंतर के पूरा शक्ति खाली चउबिसगो ऋषि चाहे साधु के हाथ मे बड़ुए। गायत्री मंतर के चाइबिसगो शब्द ऊ चउबिस गो ऋषि के देखावेला।ओह 24गो मे ले महर्षि विश्वामित्र पहिलका अउर याज्ञवल्क्य अंतिम ऋषि हवें।
बुद्ध कहले बाड़न की चउबिएगो तीलि बुद्ध धरम के माने वला के 24गो लूर ह।
- अनुराग
- पराक्रम
- धैर्य
- शान्ति
- महानुभावत्व
- प्रशस्तत्व
- श्रद्धान
- अपीदान
- निःसंग
- आत्मनियन्त्रण
- आत्माहवान
- सत्यवादिता
- धार्मिकत्व
- न्याय
- अनृशंस्य
- छाया
- अमानिता
- प्रभुभक्ति
- करुणावेदिता
- आध्यात्मिकज्ञान
- महोपेक्षा
- अकल्कता
- अनादित्व
- अपेक्षा
चिन्हा के मकसद हेकर महत्वपूर्ण हिस्सा हऽ आ ऊ मक्सद हऽ: सत्यमेव जयते(भोजपुरी: सांच जितेला)।[3]हेकरा मुण्डकोपनिषद से लिहल गइल बा।
संदर्भ
[संपादन करीं]- ↑ "Buddhist Symbols". Ancient-symbols.com. Retrieved 22 June 2018.
- ↑ The Ancient Indus Valley: New Perspectives By Jane McIntosh. Page :377
- ↑ Kamal Dey v. Union of India and State of West Bengal (Calcutta High Court 2011-07-14). Text