जैन सिंद्धांत भवन
Appearance
Type | Oriental Library |
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Established | 1903 |
Location | आरा, भारत |
Collection | |
Items collected | किताब, पांडुलिपी, चित्र |
Building details | |
General information | |
Status | बनल |
Architectural style | जैन |
Country | भारत |
Construction started | 1903 |
Other information | |
Parking | नइखे |
जैन सिंद्धांत भवन (चाहे श्री देव कुमार ओरिएंटल जैन पुस्तकालय) बिहार के आरा नगर मे एगो पुस्तकालय हटे।[1] एहिजा ताड़पत्त के पांडुलिपी के संग्रह बाटे।[2]
इतिहास
[संपादन करीं]हेकर स्थापना देव कुमार जैन 1903 मे कइले रहन; एकदिन ऊ एक जाना के ढेर पुरान किताब बेचत देखलन आ ओह सभ किताब के बचावे ला किन लीहलन आ पुरान पुरान किताब जूटाई के पुस्तकालय मे धरे लगलन।[3] लमसम चालीस बरिस पहिले एहके मगध विश्वविद्यालय से जोड़ि दिहल गइल फेर बादि मे वीर कुँवर सिंह विश्वविद्यालय संघे जोड़ाइल।[4]
संग्रह
[संपादन करीं]एहिजा 25000 छपाइल किताब आ 8000 हाथि ले लिखल किताब सईंतल बा।[5][6]
संदर्भ
[संपादन करीं]- ↑ Gottschalk, Peter (2013). Religion, Science, and Empire: Classifying Hinduism and Islam in British India. OUP USA. ISBN 0195393015.
- ↑ Dvivedi, Ramchand (1976). Jaina vidyā kā sāṃskr̥tika avadāna. Ādarśa Sāhitya Saṅgha.
- ↑ "दुर्लभ ताड़पत्र व पांडुलिपियों का अस्तित्व खतरे में". Jagaran.
{{cite news}}
: CS1 maint: url-status (link)[मुर्दा कड़ी] - ↑ "जैन व प्राच्य विद्या का महत्वपूर्ण केंद्र आरा की यह लाइब्ररी, खतरे में दुर्लभ ताड़पत्र व पांडुलिपियों का अस्तित्व". Jagran.
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: CS1 maint: url-status (link)[मुर्दा कड़ी] - ↑ "बिहार के इस जिले में 107 साल पुरानी जैन लाइब्रेरी, जहां जाया करते थे बड़े-बड़े राजनेता और लेखक". AVB News.
{{cite news}}
: CS1 maint: url-status (link) - ↑ Jaina Ramayana. Arrah: Shri Dev Kumar Jain Oriental Library. 1990.