बर्की के लड़ाई

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बर्की के लड़ाई
Part of 1965 के भारत-पाक युद्ध
Date8-11 सितंबर 1965 के भइल[1][2]
Locationबर्की, लाहौर, पाकिस्तान
31°2′52″N 74°5′6″E / 31.04778°N 74.08500°E / 31.04778; 74.08500निर्देशांक: 31°2′52″N 74°5′6″E / 31.04778°N 74.08500°E / 31.04778; 74.08500
Result

भारत के निर्णायक बिजय[3][4]

  • लाहौर के ओर पाकिस्तानी टैंक हमला अउरी जवाबी हमला के असफलता [3][4][5]
Belligerents
भारत
भारत
पाकिस्तान
Pakistan
Commanders and leaders
भारत हर कृषण सिब्बल के बा
भारत अनंत सिंह के ह
पाकिस्तान Raja Aziz Bhatti  
Strength
1 infantry division[1]
1 Armor Regiment[6]
150 tanks[3](3 Regiments)
2 Companies of 17 Punjab Regiment
10 F-86 Sabre jets
Casualties and losses
4 tanks[3] 84 tanks[3]

बर्की के लड़ाई भारत आ पाकिस्तान के सेना के बीच लड़ल गइल 1965 के युद्धके हिस्सा रहल।[3] बर्की (उर्दू: بركى) पाकिस्तान में लाहौर के 6 मील (9.7 किमी) दक्खिन-पूरुब में भारत-पाकिस्तान बार्डर के नजदीक जगह बाटे[7] आ ई लाहौर से इच्छोगिल नहर के पुल द्वारा जुड़ल बाटे। लड़ाई के समय दुनों देस के सेना के संख्या लगभग बराबर रहे। पाकिस्तानी सैनिक नहर के किनारे खाई खन के ओह में से लड़त रहलें आ टैंक आ फाइटर जेट के सपोर्ट भी रहे।[3] भारतीय सेना 11 सितंबर 1965 के एह जगह के जीत लिहलस।[8]

बैकग्राउंड[संपादन करीं]

पाकिस्तान 17 अगस्त 1965 के ऑपरेशन ग्रांड स्लैम शुरू कइलस, एह कोशिश में कि 15 अगस्त के ऑपरेशन जिब्राल्टर के असफलता के बाद घेराइल घुसपैठियन के राहत दिहल जा सके आ भारतीय आपूर्ति लाइन काट के कोसिस कइल गइल।[9] ऑपरेशन ग्रांड स्लैम के चलते आपूर्ति लाइन प बहुत तनाव के चलते भारत युद्ध में दूसरा मोर्चा खोले अउरी कश्मीर से पाकिस्तान के ध्यान भटकावे खाती लाहौर के ओर हमला शुरू कईलस।[9] लाहौर मोर्चा खोलला के बाद भारतीय सेना तीन गो कुल्हाड़ी-अमृतसर-लाहौर, खालरा-बुर्की-लाहौर आ खेम करण-कसूर सड़कन के साथ लाहौर के ओर बढ़ल आ छोट पाकिस्तानी सेना पर भारी पड़ल।[10]

एकमात्र भारतीय बख्तरबंद डिवीजन के समर्थन से भारतीय पैदल सेना जल्दी से अप्रस्तुत पाकिस्तानी रक्षकन के पीछे धकेल दिहलस जवना के मकसद लाहौर के घेरे आ संभवतः घेराबंदी कईल रहे| आश्चर्य के तत्व के चलते भारत भारत के सीमावर्ती शहर खलरा शहर से पाकिस्तानी इलाका के भारी मात्रा प कब्जा करे में कामयाब भईल जवन कि बुर्की से होके लाहौर जाए वाला सीधा सड़क प पड़ेला।[2][3] एह बीच पाकिस्तानी सेना एह इलाका में सैनिकन के जुटा लिहलसि आ तीन गो जवाबी हमला क के खोवल जमीन के फेर से कब्जा कर लिहलसि. एकरा बाद बुर्की के लड़ाई खलरा-बुर्की- लाहौर सड़क पर भइल।[3][10]

पाकिस्तान के मुख्य लक्ष्य रहे कि भारतीय पैदल सेना के बख्तरबंद सपोर्ट अउरी सप्लाई लाइन के पकड़े से पहिले पीछे हटे खातिर मजबूर कईल जाव| पाकिस्तानी सेना के मकसद भी रहे कि उ लड़ाई में पहिले जवन इलाका गंवा चुकल रहे ओकर बहुत हिस्सा प कब्जा कईल जाए|[2] भारतीय पैदल सेना के मकसद रहे कि जब तक कवच आ आपूर्ति समेत सुदृढीकरण ना आ जाव तबले बुर्की शहर पर कब्जा कर के ओकरा के पकड़ल जाव।[1][2]

संदर्भ[संपादन करीं]

  1. 1.0 1.1 1.2 सिंह, ग्रुप कैप्टन रणबीर. Major defence operations since 1947. Ocean Books. ISBN 81-88322-67-9.
  2. 2.0 2.1 2.2 2.3 Gupta, Hari Ram. India-Pakistan war, 1965, Volume 1. Hariyana Prakashan, 1967. pp. 154–157.
  3. 3.0 3.1 3.2 3.3 3.4 3.5 3.6 3.7 3.8 Melville de Mellow (28 November 1965). "Battle of Burki was another outstanding infantry operation". Sainik Samachar.
  4. 4.0 4.1 उद्धरण खराबी:Invalid <ref> tag; no text was provided for refs named Singh_1965
  5. Singh, Gp Capt Ranbir. Memorable War Stories. Ocean Books.
  6. Das, Chand N. Hours of Glory: Famous Battles of the Indian army, 1801–1971. Vision Books, 1997.
  7. Gopal, Ram. Indo-Pakistan War and Peace, 1965. Pustak Kendra, 1967. p. 118.
  8. फज़ल, रेहान (11 सितंबर 2015). "बर्की की वो घमासान लड़ाई" (हिंदी में). बीबीसी हिंदी. Retrieved 11 जनवरी 2016.
  9. 9.0 9.1 "Indo-Pakistan War of 1965". globalsecurity.org.
  10. 10.0 10.1 Johri, Sitaram. The Indo-Pak conflict of 1965. Himalaya Publications, 1967. pp. 129–130.