कृष्णदेव उपाध्याय
डॉक्टर कृष्णदेव उपाध्याय | |
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पेशा | अध्यापक, प्रोफेसर |
भाषा | हिंदी, अंग्रेजी, भोजपुरी |
शिक्षा | एम.ए., पीएच.डी. |
महतारी संस्था | काशी विश्वविद्यालय, बनारस |
बिधा | लोक साहित्य, साहित्य इतिहास |
बिसय | भोजपुरी, लोक साहित्य |
रिश्तेदार | बड़ भाई बलदेव उपधिया |
डॉ॰ कृष्णदेव उपाध्याय (जनम: 1910, सोनबरसा, बलियाँ - ) हिंदी के आचार्य आ भोजपुरी भाषा आ भोजपुरी लोक साहित्य कऽ बिद्वान रहलें। उनके भोजपुरी लोकगीत आ लोक साहित्य के क्षेत्र में रिसर्च आ लेखन खातिर जानल जाला।
जीवन
[संपादन करीं]उपधिया के जनम 1910 में, भारतीय राज्य उत्तर प्रदेश के बलियाँ जिला के सोनबरसा नाँव के गाँव में भइल। इनके सुरुआती पढ़ाई गाँव में भइल, माध्यमिक शिक्षा बलियाँ में आ उच्च शिक्षा काशी विश्वविद्यालय, बनारस से।[1]
उपधिया जी, हिंदी आ संस्कृत में एम॰ए॰ रहलें आ भोजपुरी लोकगीतन पर आपन थीसिस लिख के पीएचडी के डिग्री लिहलें।
काफी समय ले ई ज्ञानपुर में हिंदी के अध्यापक रहलें आ बाद में काशी विश्वविद्यालय में यूजीसी के प्रोफेसर रहलें। बाद में इलाहाबाद जा के रहे लगलें। तीन बेर यूरोप के जात्रा कइलेन।[1]
इनकर बड़ भाई बलदेव उपधिया भी संस्कृत के नामी बिद्वान रहल बाने।
काम
[संपादन करीं]कृष्णदेव उपधिया के पीएचडी के थीसीस साहित्य सम्मेलन, प्रयाग से छपल। लोक साहित्य आ भोजपुरी के क्षेत्र में आजीव काम क के उपधिया कई ठे पुस्तक छपववलें।
एकरे अलावा ऊ लोक संस्कृति से जुड़ल अध्ययन आ रिसर्च खातिर बनारस में भारतीय लोक-संस्कृति-शोध-संस्थान के स्थापना आ संचालन भी कइलेन।[1]
रचना
[संपादन करीं]- भोजपुरी लोक-गीत (दू खंड में)
- लोक संस्कृति की रूप रेखा[2]
- लोक साहित्य की भूमिका[3]
- भोजपुरी लोकसाहित्य का अध्ययन[4]
- भोजपुरी लोकसंगीत
संदर्भ
[संपादन करीं]- ↑ 1.0 1.1 1.2 Lok Sanskriti K... (2015-03-25). "Authors of Lokbharti Prakashan | Dr. Krishnadev Upadhyay". Rajkamalprakashan.com. Retrieved 2017-05-06.[मुर्दा कड़ी]
- ↑ Lok Sanskriti Ki Rooprekha (2015-03-25). "Lok Sanskriti Ki Rooprekha". Rajkamalprakashan.com. Archived from the original on 2017-11-14. Retrieved 2017-05-06.
- ↑ राकेश नारायण द्विवेदी. बानपुर विविधा: cultural history of banpur bundelkhand and surroundings. rakesh narayan dwivedi. pp. 1–. ISBN 978-81-908912-0-2.
- ↑ Vijya Pal Singh (1 September 2007). Hindi Anusandhan. Rajkamal Prakashan Pvt Ltd. pp. 111–. ISBN 978-81-8031-267-0.
बाहरी कड़ी
[संपादन करीं]- भोजपुरी लोक साहित्य का अध्ययन, लेखक:कृष्णदेव उपाध्याय, (पीडीऍफ़ पढीं)।
- कृष्णदेव उपाध्याय के रचना, ई-पुस्तकालय पर।
- कृष्णदेव उपाध्याय, लेखक परिचय, राजकमल प्रकाशन के वेबसाइट पर।