बादर कभर

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पूरा पृथ्वी के बादर कभर। नासा के मोडिस (MODIS) सेंसर से लिहल फोटो।

बादर कभर (अंग्रेजी: cloud cover) चाहे बदरी (cloudiness) के मात्रा ई बतावे ला की कौनों जगह पर आसमान के केतना हिस्सा बादर सभ से छेकाइल चाहे तोपाइल बा। जमीन पर मौजूद कौनों जगह से देखले पर, अगर उहाँ पूरा बदरी होखे, आसमान ना देख्लाई पड़े ला आ सुरुज के घाम जमीन ले ना पहुँचे ला। बदरी कौनों जगह के मौसम के बारे में बतावे आ भाबिस्यबाणी करे में मददगार होला; ई खाली भर बरखा के दशा बतावे भर के कामे ना आवे ला बलुक ओह जगह के तापमान के भी परभावित करे ला।[1]

बदरी के मात्रा बतावे खातिर ई जाँच कइल जाला कि आसमान के कऽ हिस्सा (अनुपात के रूप में, मने की आधा, चउथाई वगैरह) बादर से छेंकाइल बाटे।[2] एकरा खातिर नापजोख के आम इकाई के ओक्टा (okta) कहल जाला जे हर आठवाँ हिस्सा खातिर नाप के बतावे ला; 0 ओक्टा माने साफ़ आसमान आ 8 ओक्टा माने पूरा तोपाइल आसमान होला।

अगर 0.1 के ऑप्टिकल गहिराई[नोट 1] पर नापल जाय तब बैस्विक बदरी औसत लगभग 0.68 होखे ला। ई वैलू घट जाला (0.56) अगर 2 से बेसी ऑप्टिकल गहिराई पर नापल जाय; अगर सबडिविजिबल सिरस बादर सभे के गणना में ले लिहल जाव तब ई वैलू बढ़ जाला।[3] आसान भाषा में एह अनुमान के बतावल जाय तब, एगो औसत के रूप में, कौनों समय-बिसेस पर पूरा पृथिवी के लगभग 52% हिस्सा बदरी से तोपाइल रहे ला।[4]

नाप के पैमाना[संपादन करीं]

हर एक ओक्टा पर बादर के मात्रा के चीन्हा।

मौसम बिज्ञान में बदरी के नाप (मीजरमेंट) के इकाई ओक्टा (okta) होला। ओक्टा के शाब्दिक अरथ होला आठवाँ हिस्सा। ई हर आठवाँ हिस्सा के साथ होखे वाला बदलाव खातिर एगो नंबर देला। एह तरीका से एकर पैमाना 0 से 8 तक ले होखे ला। एह पैमाना अनुसार 0 के मतलब होला एकदम साफ आसमान, जेह में कौनों बदरी न होखे; 1 ओक्टा के मतलब होला आसमान के आठवाँ हिस्सा बादर से छेकाइल बा; एही तरीका से 8 ओक्टा के मतलब होला कि पूरा आसमान पर बदरी लागल बा। कुछ बिसेस दसा में बहुत घन कोहरा चाहे भारी बरफबारी वगैरह होखले के 9 ओक्टा के चीन्हा दिहल जाला जेकर मतलब होला आसमान लउकते नइखे कि बादर के पता चले)।

मौसम संबंधी नक्शा सभ पर ओक्टा के मान के बिसेस चीन्हा सभ से देखलावल जाला। गोल चीन्हा में करिया रंग के भराव के मात्रा से ई चीन्हा बने लें (बगल में फोटो देखल जाया)।[5] ओक्टा में बदरी के नापजोख बहुत आसान होला आ बिलकुल सीधा-सादा तरीका से, जइसे कि आइना में छाहीं के नाप के, नापल जा सके ला।[6]) ओक्टा के नाप के साथे समस्या ई होला कि ई बस आसमान के केतना एरिया बदरी से छेंकाइल बा इहे बता पावे ला, बादर के प्रकार आ मोटाई के बारे में ई कौनों जानकारी ना देला आ एह तरीका से एकरे द्वारा अल्बेडो (albedo) के अनुमान ना लगावल जा सके ला न एह बात के पता लगावल जा सके ला कि जमीन पर केतना सुरुज के रेडियेशन पहुँच रहल बा।

बदरी के नापजोख खातिर अब के ज़माना में सैटेलाइट फोटो के इस्तेमाल कइल जा रहल बाटे। ई सैटेलाइट सभ खास मौसम बिज्ञान के नापजोख वाला सैटेलाइट होलें आ पृथिवीस्थित ऑर्बिट (जियोस्टेशनरी) में रहे लें आ निश्चित समय के इंटरवल पर डेटा भेजे लें।

यूनीकोड चीन्हा[संपादन करीं]

चीन्हा यूनीकोड कोड प्वाइंट (हेक्स) ऑल्ट कोड नाँव बतावे ला
U+25EF 9711 Large Circle 0 ओक्टा
U+233D 9021 Apl Functional Symbol Circle Stile 1 ओक्टा
U+25D4 9684 Circle with upper right quadrant black 2 ओक्टा
U+25D1 9681 Circle with right half black 4 ओक्टा
U+25D5 9685 Circle with all but upper left quadrant black 6 ओक्टा
U+2B24 11044 Black Large Circle 8 ओक्टा
U+2297 2297 Circled Times आसमान देख्लाई ना पड़े

जलवायु परभाव[संपादन करीं]

बदरी के पूरा जलवायु सिस्टम पर परभाव पड़े ला आ बिबिध तरीका से पड़े ला। बिसेस रूप से, ई चूँकि, चमकीला चीज होखे लें सुरुज के रोशनी के वापस अंतरिक्ष में पलटा देवे के काम करे लें आ एह तरीका से पूरा ग्लोब के ठंढा रखे में मदद करे लें। पूरा पृथिवी के हीट बजट पर बदरी के बहुत परभाव पड़े ला आ बदरी के मात्रा में घटती-बढ़ती के नापजोख जलवायु बदलाव के अध्ययन के बहुत महत्व वाला चीज बाटे।[7]

बदलावपन[संपादन करीं]

बैस्विक बदरी, अक्टूबर 2009 के महिन्ना भर के औसत।
औसत बादर कभर, मई 2009 में। नीला रंग माने बादर नइखे आ सफेद रंग माने पूरा बदरी छोपले बा।[8] (बेसी डिटेल खातिर क्लिक करीं)

बदरी के बैस्विक कभर में बस 0.03 के साल-दर-साल बदलावपन मिले ला, जबकि एक दिन से दुसरे दिन के बीचा में बादर के मात्रा पूरा बिस्व में बदलावपन 0.3 के आसपास होला। ज्यादातर डेटा ईहे बतावे लें की पृथिवी पर जमीनी हिस्सा के ऊपर समुंदरी हिस्सा सभ के तुलना में 0.10–0.15 कम बदरी होखे ला।[3]

अक्षांस के परभाव देखल जाय तब 20°N के लगे के इलाका सभ में पूरा बैस्विक औसत के तुलना में 0.10 बदरी के बदलावपन होखे ले। लगभग एतने बदलावपन (0.15 बजाय की 0.10) मिले ला 20°S अक्षांस के आसपास के इलाका में। एकरे बिपरीत, दक्खिनी गोलार्ध के बिचला अक्षांसीय तूफानी इलाका सभ में 0.15–0.25 अधिक बदरी मिले ले, 60°S के बैस्विक बदरी औसत के तुलना में।[3] एगो औसत के रूप में देखल जाय तब कौनों समय पर पूरा पृथिवी के लगभग 52% हिस्सा बदरी से तोपाइल रहे ला।[4]

महादीप के पैमाना पर देखल जाय तब, लमहर समय ले के सैटेलाइट डेटा के अध्ययन से ई बात सोझा आवे ला कि सालाना आधार पर यूरोप, उत्तर अमेरिका, दक्खिन अमेरिकाएशिया पर बदरी ज्यादा परभावी रहे ला जबकि अफिरका, मिडिल ईस्ट (अरब देस), आ ऑस्ट्रेलिया के ऊपर कम बदरी रहे ला आ साफ आसमान के दसा जादे पर्भावी रहे लीं। इलाकाई पैमाना पर देखल जाय तब कुछ क्षेत्र अइसन बाड़ें जहाँ लगभग सालों भर बदरी रहे ला जइसे की दक्खिन अमेरिका में अमेजन के क्षेत्र, जबकि कुछ इलाका सभ में हमेशा साफ़ आसमान रहे ला जइसे की अफिरका के सहारा

टिपिकल बदरी ऊँचाई[संपादन करीं]

बादर सभ के आसमान में ऊँचाई बिबिधता लिहले हो सके ला। हालाँकि, साधारण तौर पर बादर सभ के निचला हिस्सा, बेस, के ऊँचाई 4,000मी होखे ला आ ई ऊपर के ओर 5,000मी तक ले के बिस्तार लिहले होखे लें।[9] बदरी के ऊँचाई पर अक्षांस के परभाव पड़े ला; ध्रुवीय इलाका सभ में इनहन के ऊँचाई क होखे ला जबकि बिसुवत रेखा वाला इलाका सभ में बदरी के ऊँचाई 8,000मी तक ले के हो सके ला।

नोट[संपादन करीं]

  1. ऑप्टिकल गहिराई (Optical depth), भौतिकी में कौनों मटेरियल पर गिरे वाला रेडियेशन (इंसिडेंट) आ ओकरा के पार क के निकसे (ट्रांसमिटेड) वाला रेडियेशन (रेडियेंट पावर) के अनुपात के नैचुरल लॉग होला। एकर मान कम होखे के मतलब होला मटेरियल बेसी पारदर्शी बाटे आ एकर मान बेसी होखे के मतलब होला कि मटेरियल से कम रेडियेंट पावर बहरे निकल पाई।

संदर्भ[संपादन करीं]

  1. National Geographic Society (23 मार्च 2020). "Cloud Cover". National Geographic Society (अंग्रेजी में). Retrieved 5 जनवरी 2022.
  2. Huschke, Ralph E. (1970) [1959]. "Cloud cover". Glossary of Meteorology (2nd ed.). Boston: American Meteorological Society. Retrieved 2013-08-24.
  3. 3.0 3.1 3.2 Stubenrauch, C. J.; Rossow, W. B.; Kinne, S.; Ackerman, S.; Cesana, G.; Chepfer, H; Di Girolamo, L.; Getzewich, B.; Guignard, A.; Heidinger, A.; Maddux, B. C.; Menzel, W.P; Minnis, P.; Pearl, C.; Platnick, S.; Poulsen, C.; Reidi, J.; Sun-Mack, S; Walther, A.; Winker, D.; Zeng, S.; Zhao, G. (2013). "Assessment of global cloud datasets from satellites: Project and Database initiated by GEWEX Radiation Panel" (PDF). Bulletin of the American Meteorological Society. 94 (7): 1031–1049. Bibcode:2013BAMS...94.1031S. doi:10.1175/BAMS-D-12-00117.1.
  4. 4.0 4.1 National Geographic almanac of geography. Washington, D.C.: National Geographic. 2005. p. 67. ISBN 0-7922-3877-X.
  5. "BBC – Standard Grade Bitesize Geography – Synoptic charts and weather: Page 2". BBC website. Retrieved 2012-01-22.
  6. "Make a Sky Mirror to Observe Clouds and Contrails". My NASA Data. NASA. Archived from the original on 17 नवंबर 2015. Retrieved 15 November 2015.
  7. IPCC Third Assessment Report Chapter 7. Physical Climate Processes and Feedbacks (Atmospheric Processes and Feedbacks 7.2) (Report). International Panel on Climate Change. Archived from the original on August 5, 2013. Retrieved August 24, 2013. It has extensive coverage of cloud-climate interactions
  8. "Cloud Fraction". 2018-10-31.
  9. "Met Office introduction to clouds" (PDF). 2012.

अउरी पढ़े लायक[संपादन करीं]

बाहरी कड़ी[संपादन करीं]