Jump to content

वर्चुअल ग्लोब

विकिपीडिया से
नासा क बनावल वर्चुअल ग्लोब वल्डविंड के एगो स्क्रीनशॉट

वर्चुअल ग्लोब धरती चाहे कौनों अउरी दुनिया (दूसर ग्रह-उपग्रह, चाहे एकदम्मे काल्पनिक दुनिया) के तीन डाइमेंशन वाला (3D) सॉफ्टवेयर मॉडल होखे ला। वर्चुअल ग्लोब पर यूजर लोग वर्चुअल माहौल में अलग-अलग जगहन के अलग-अलग एंगल से आ पोजीशन से देख सके ला। परंपरागत ग्लोब के तुलना में वर्चुअल ग्लोब सभ में धरती के सतह के कई अलग-अलग किसिम से नजारा सभ के देखावे के क्षमता होला। पुराना ज़माना के ग्लोब से ई बेहतर होखे लें, काहें की पुरनका पर जवन चीज एक बेर छाप दिहल जाव ऊ अस्थाई होखे, जबकि वर्चुअल ग्लोब में एह चीजन के बदल-बदल के बिबिध कंबीनेशन में देखल जा सके ला। अइसन भौगोलिक बिसेसता सभ में भौतिक, चाहे आदमी के बनावल चीज - सड़क आ भवन नियर सभ हो सके लें, या जनसंख्या नियर चीजन के नक्शा के रूप में एब्स्ट्रेक्ट निरूपण हो सके ला।

20 नवंबर 1997 के माइक्रोसॉफ्ट एनकार्टा वर्चुअल ग्लोब 98 के रूप में ऑफलाइन वर्चुअल ग्लोब जारी कइलस, एकरे बाद 1999 में कॉस्मी 3D वर्ल्ड एटलस जारी भइल।सबसे पहिला मशहूर आ खूब इस्तेमाल होखे वाला ऑनलाइन वर्चुअल ग्लोब नासा क बनावल वर्ल्डविंड (जे 2004 में रिलीज भइल) आ गूगल अर्थ (2005 में रिलीज) रहलें; गूगल अर्थ अभिन 2024 तक ले पॉपुलर बाटे।

इहो देखल जाय[संपादन करीं]