ड्रैगन फ्रूट
ड्रैगन फ्रूट (अंग्रेजी: dragon fruit), तकनीकी रूप से पिताया (pitaya) आ पितहाया (pitahaya), अइसन फल हवें जे कैक्टस सभ के कई प्रजाति सभ से पावल जालें। ई सभ दक्खिनी मैक्सिको आ प्रशांत महासागर के तीरे के इलाका ग्वाटेमाला, कोस्टारिका, आ एल सल्वाडोर के मूल निवासी पौधा हवें। आज्काल्ह इनहन के बानिज्यिक खेती पूर्ब एशिया, दक्खिन एशिया (भारतीय उपमहादीप), अमेरिका, कैरिबियन इलाका, ऑस्ट्रेलिया आ दुनियाँ के बाकी गरम (उष्णकटिबंधी) इलाका में कइल जा रहल बाटे।
पिताया आमतौर प स्टेनोसिरियस बंस के कैक्टस होखे लें जबकि पितहाया, जेकरा अंग्रेजी में आम नाँव ड्रैगन फ़्रूट हवे, सेलिनीसेरेसस बंस के पौधा होलें, दुनो बंस कैक्टसीए परिवार में आवे लें। अंग्रेजी के नाँव ड्रैगन फ्रूट एकरे चमड़ा नियर छिलका आ ओह पर काँटा नियर उभार वाली चीज के चलते रखल गइल हवे। वेरायटी के अनुसार एकर मीठ चाहे खटतूरस गुद्दा होला आ ऊपर से ई फल लाल, उज्जर चाहे पियराहूँ हो सके लें।
भारत में ड्रैगन फल बहुधा बाहर के देसन से आयात (इंपोर्ट) कइल जाला; एकरा खेती के बढ़ावा देवे खातिर भारत के केंद्र सरकारो, 'आत्मनिर्भर भारत' के छतरी तरे, किसान लोगन के मदद आ सब्सिडी देवे के घोषणा कइले बाटे।
नाँव
[संपादन करीं]आमतौर पर एह फल सभ के अंगरेजी में "ड्रैगन फ्रूट" के नाँव से जानल जाला, ई नाँव 1963 से इस्तेमाल होखत देख्लाई पड़े ला, बुझला ई मोट चमड़ा नियर एकर ऊपरी हिस्सा आ फल के बाहरी हिस्सा पर पपड़ीदार आ नोकदार चीज (स्पाइक) सभ के देख के कथा-किंबदंती के जीव ड्रैगन से एकर तुलना के कारन हवे। एह फल के अक्सर "वियतनामी ड्रैगन फ्रूट" के रूप में नाँव दिहल जाला काहें से कि वियतनाम एकर प्रमुख निर्यातक बा। कब्बो काल्ह एह फल के स्ट्रॉबेरी पियर (स्ट्राबेरी नाशपाती) के नाँव से भी जानल जा सके ला।
पिताहाया आ पिताया नाँव मैक्सिको से आइल हवें आ सेंट्रल अमेरिका आ दक्खिन अमेरिका के उत्तरी हिस्सा में पिताया रोजा, संभवतः फूल वाला फल वाला लंबा कैक्टि प्रजाति सभ के नाँव खातिर पिताहाया से संबंधित बाटे।
खेती
[संपादन करीं]भारत में
[संपादन करीं]भारत में ड्रैगन फल के खेती तेजी से बढ़ रहल बा आ कर्नाटक, केरल, तमिलनाडु, महाराष्ट्र, गुजरात, छत्तीसगढ़, ओडिशा, पश्चिम बंगाल, आंध्र प्रदेश, अंडमान एंड निकोबार द्वीप समूह, मिजोरम आ नागालैंड के किसान एकर खेती शुरू कर दिहले बाड़न। 2022 ले, भारत में ड्रैगन फ्रूट के खेती के तहत कुल क्षेत्रफल 3,000 हेक्टेयर से बेसी दर्ज कइल गइल जे पूरा घरेलू डिमांड के पूरा करे में सक्षम नइखे, एही से भारतीय बाजार में उपलब्ध ड्रैगन फ्रूट के अधिकतर हिस्सा थाईलैंड, मलेशिया, वियतनाम आ श्रीलंका से इंपोर्ट कइल जाला।[1]
2017 में 327 टन के मात्रा से शुरू भइल, जवन 2019 में मजिगर बढ़ के 9,162 टन हो गइल आ 2020 आ 2021 के अनुमानित आयात लगभग 11,916 आ 15,491 टन लगावल गइल।
जहाँ तक ले एकरा खेती से फायदा के बात बा, ड्रैगन फ्रूट रोपनी के बाद पहिला साल में आर्थिक उत्पादन के संगे तेजी से रिटर्न देवेला अउरी 3-4 साल में भरपूर उत्पादन देवे लागे ला। फसल के आयु लगभग 20 साल होला। रोपनी के 2 साल बाद औसत आर्थिक पैदावार 10 टन प्रति एकड़ होला। फिलहाल बाजार दर 100 रुपया प्रति किलो फल बा, एहसे फल बेच के सालाना राजस्व 10,00,000 रुपया बा। एह तरीका से लाभ लागत अनुपात (बीसीआर) के एस्टीमेट 2.58 बाटे।[1]
भारत में ड्रैगन फ्रूट के सभसे बेसी उत्पादन, 2021 ले के आँकड़ा मोताबिक, मिजोरम रहल। गुजरात सरकार एकरा के बढ़ावा देवे के घोषणा कइलस आ एकर नाँव बदल के 'कमलम' रखलस। गुजरात के कच्छ इलाका में एकर खेती भरपूर कइल जा रहल बा; एकर जिकिर परधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपना रेडियो प्रोग्राम मन की बात में क चुकल बाड़ें।[2] हरियाणा सरकार एकरा खेती के बढ़ावा दे रहल बाटे आ महाराष्ट्र में एकरा के एकीकृत बागबानी मिशन के छतरी के तहत सामिल कइल गइल बाटे।
भले एकर घरेलू डिमांड भारत में पूरा ना हो पावत होखे, एकर कुछ मात्रा भारत से बाहर के देसन के एक्सपोर्ट कइल जाए के खबर आइल बाटे।[3]
संदर्भ
[संपादन करीं]- ↑ 1.0 1.1 "Kamalam (Dragon Fruit) cultivation area in India expected to expand to 50,000 hectares in five years under MIDH scheme from the present 3,000 ha". Press Information Bureau. 27 November 2023. Retrieved 28 November 2023.
- ↑ "'कमलम': ड्रैगन फ्रूट के बारे में कितना जानते हैं आप, भारत में इसकी उपज कहाँ होती है?". BBC News हिंदी (हिंदी में). 24 January 2021. Retrieved 28 November 2023.
बाहरी कड़ी
[संपादन करीं]- ड्रैगन फ्रूट की कामयाब खेती (बीडियो) dw.com (रेडियो डायेचविले) पर।
ई फल-संबंधी लेख एगो आधार बाटे। जानकारी जोड़ के एकरा के बढ़ावे में विकिपीडिया के मदद करीं। |