कालानमक चाउर

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(काला नमक (चाउर) से अनुप्रेषित)
काला नामक के धान, करिया रंग के भूसी होखे ला।
कुटाई के बाद निकलल काला नामक चाउर

कालानमक चाहे काला नमक, महकउवा चाउर के एगो भारतीय किसिम हवे।[1][2][3]उत्तर प्रदेश के तराई वाला इलाका में, पुरबी हिस्सा में उपजावल जाला। सिद्धार्थनगर, उत्तरी गोरखपुर, बस्ती जिलामहराजगंज जिला कुल में एह चावल के खेती होला। एकरे खास बिसेस्ता के कारन भारत सरकार एकरा के जीआइ (GI) टैग दिहले बा।[4] उत्तर प्रदेश सरकार एह चाउर के "एक जिला एक उत्पाद" इस्कीम के तहत सिद्धार्थनगर खाती बिछले बा[5] जे हमेशा से एह चाउर के मुख्य जगह रहल हवे।

एकरे रोपनी के तरीका भी खास किसिम के होला जेकरा के लोकल रूप से "कलम" सिस्टम कहल जाला। एह तरीका में धान के बेहन पहिले लम्मा-लम्मा रोपल जाला, पहिली रोपनी के लगभग पनरह दिन बाद दोबारा उखारि के आम दूरी पर रोपल जाला।[6]

कथा कहानी के मोताबिक एह चाउर के जुड़ाव गौतम बुद्ध के साथे बतावल जाला। ई कहल जाला कि एकर बीया गौतम बुद्ध खास एह इलाका में उपराजे खाती दिहले रहलें। इहो मानल जाला कि अउरी कतहीं दुसरे इलाका में उपजावे पर एकर खास महक ना रहि जाला।

हाल में एकरे घटरहल बोवाई आ उत्पादन के चलते आ एकरे खास महक आ बिसेस्ता के बचावे खाती भी कोसिस कइल जा रहल बा। एकरा पर कई गो रिसर्च भी भइल बा।[7][8]

जीआई टैग[संपादन करीं]

काला नमक के फसल खेत में भारत नेपाल बाडर प

कालानमक चाउर के भारत सरकार के ओर से 2012 में ज्याॅग्रफिकल इंडिकेशन (जीआई) टैग दिहल गइल।[9][10] एक ठे भौगोलिक एरिया के परिभाषित कइल गइलल रहे जहाँ कालानमक चाउर के उत्पादन हो सकता। खाली एह परिभाषित इलाका में उगावल जाए वाला कालानमक चाउर के कालानमक चाउर के रूप में लेबल कइल जा सके ला। जीआई टैग के इस्तेमाल कृषि, प्राकृतिक अउरी निर्मित सामान खाती होखेला।

कालानमक खातिर एह टैग में बतावल भौगोलिक क्षेत्र यूपी में 26° 42′ उत्तर से 27° 75′ उत्तर अक्षांश आ 81° 42′ से 83° 88′ पूर्वी देशांतर के बीच बा।

यूपी के 7 के 11 जिला खातिर कलानमक चावल के मंजूरी मिलल बा। ई 11 गो जिला गोरखपुर (देवरिया, गोरखपुर, महराजगंज, सिद्धार्थ नगर जिला), बस्ती (बस्ती, संत कबीर नगर, सिद्धार्थ नगर जिला), आ देवीपाटन (बहराइच, बलरामपुर, गोंडा, श्रावस्ती जिला) के डिवीजन में स्थित बाड़ें।

संदर्भ[संपादन करीं]

  1. "Kalanamak". Downtoearth.org.in. 2005-09-15. Archived from the original on 2018-03-15. Retrieved 2018-05-08.
  2. "TNAU Agritech Portal :: Indigenous Farming". Agritech.tnau.ac.in. Retrieved 2018-05-08.
  3. http://www.upsbdb.org/pdf/20121017/FLYERS/10.KalanamakRice.pdf
  4. "Kalanamak rice, 'Buddha's gift', awarded GI tag | India News - Times of India". Timesofindia.indiatimes.com. 2013-10-04. Retrieved 2018-05-08.
  5. "Selection of Kala Namak rice for 'ODOP' raises hope for its growers". Uniindia.com. 2018-02-07. Retrieved 2018-05-08.
  6. Aromatic Rices. Int. Rice Res. Inst. 2000. pp. 211–. ISBN 978-81-204-1420-4.
  7. "Indian Journals". Indian Journals. Retrieved 2018-05-08.
  8. "Plant Regeneration Efficiency of Two Scented Indica Rice Varieties Pusa Basmati 1 and Kalanamak | Tiwari | Plant Tissue Culture and Biotechnology". Banglajol.info. 2013-03-19. Retrieved 2018-05-08.
  9. GOVERNMENT OF INDIA GEOGRAPHICAL INDICATIONS JOURNAL NO. 48 NOVEMBER 29, 2012 / AGRAHAYANA 08, SAKA 1934
  10. "Kalanamak rice, 'Buddha's gift', awarded GI tag". The Times of India. 4 अक्टूबर 2013. Retrieved 7 मई 2023.