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ओबोर

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वन बेल्ट, वन रोड या ओबोर (OBOR) चीन सरकार के एक ठो प्रयास बाटे जेह में ब्यापक स्तर पर चीन आ बाकी यूरेशियाई देसन के बीच संपर्क (कनेक्टिविटी) बढ़ावे खातिर काम होखी। एकरा के नया रेशम रोड भी कहल जा रहल बा।

एह प्रोजेक्ट के एक हिस्सा चीन आ यूरेशिया के बीच सड़क आ रेल कनेक्टिविटी बनावल बा आ एकरे साथ दुसरे ओर एही प्रोजेक्ट में चीन के समुंदरी रस्ता के जरिये दक्खिन-पुरुब एशिया, दक्खिन एशियाअफिरका के पूरबी किनारा पर मौजूद बंदरगाहों सभ से जोड़ल भी बा। अगर चीन एह कोसिस में सफल हो जात बा, एह प्रोजेक्ट के तहत स्थापित होखे वाला कनेक्टिविटी के अंदर दुनिया के 65 प्रतिशत आबादी, एक-तिहाई बैस्विक सकल घरेलू उत्पाद आ बिस्व अर्थव्यवस्था के सगरी वस्तु आ सेवा सभ के एक-चउथाई हिस्सा जाई। [1]

भारतभूटान एह परियोजना से अपना के बिलग रखलें बाने।[2] 14-15 मई 2017 के चीन सिल्क रूट सम्मलेन आयोजित कइलस जेह में 100 से ढेर देसन के प्रतिनिधि लोग सामिल भइल। हालाँकि कुछ लोग के एह प्रोजेक्ट आ वर्तमान सम्मेलन के सफलता में संदेह भी बा आ एकरा के चीन के सत्ता के लालसा भी बतावल जा रहल बाटे।[3][4]

  1. "भारत को नींद से जगाने वाली परियोजना है ओबोर | ब्लॉग | DW | 16.05.2017". DW. Retrieved 2017-05-18.
  2. "चीनी परियोजना में शामिल ना होकर भारत गलती कर रहा है? | दुनिया | DW | 15.05.2017". DW. 2017-05-13. Retrieved 2017-05-18.
  3. रिपोर्ट: ओंकार सिंह जनौटी (2016-11-23). "सिल्क रूट प्रोजेक्ट पर संदेह की हवा | दुनिया | DW | 16.05.2017". DW. Retrieved 2017-05-18.
  4. "न्यू सिल्क रूट को लेकर चीन के इरादे क्या हैं - BBC हिंदी". Bbc.com. Retrieved 2017-05-18.