अनुच्छेद 370
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एगो कड़ी के हिस्सा जेकर बिसय बा |
भारत के संबिधान |
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उद्देशिका |
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भारत के संबिधान के अनुच्छेद 370 जम्मू अउरी काश्मीर राज्य के खुदशासित (ऑटोनॉमस) दर्जा देला। ई अनुच्छेद भारतीय संबिधान के भाग-21 (Part XXI) टंपरेरी, ट्रांजिशनल आ इस्पेशल प्राबिधान में लिखल गइल बाटे। जम्मू काश्मीर के संबिधान सभा के एकरे गठन के बाद ई पावर दिहल गइल कि ऊ ओह अनुच्छेद सभ के ड्राफ्ट करे जे एह राज्य पर लागू होखिहें या अनुच्छेद 370 के भंग करे। जम्मू काश्मीर के संबिधान सभा, आगे चल के राज्य खाती संबिधान बनवलस आ खुद के भंग क लिहलस, अनुच्छेद 370 के उठा लेवे के अनुशंसा (रिकमेंडेशन) कइले बिना, एह कारण अनुच्छेद 370 के भारत के संबिधान के परमानेंट चीज होखे के मानद मिल गइल रहे।[1]
5 अगस्त 2019 के भारतीय राष्ट्रपति द्वारा एगो संबैधानिक आदेश जारी कइल गइल जेकरे बाद अनुच्छेद 370 परभावी ना रह गइल।[2] जम्मू कश्मीर पुनर्गठन कानून
संदर्भ
[संपादन करीं]- ↑ PTI. "Article 370 is permanent, rules J&K High Court". The Hindu (अंग्रेजी में). Retrieved 2017-03-25.
- ↑ Article 370 rendered toothless, Article 35A ceases to exist, The Economic Times, 5 August 2019.
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