नेपाल में मानव अधिकार

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नेपाल
के राजनीति आ सरकार

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नेपाली सेना बल आ नेपाली कम्युनिस्ट पार्टी (नेकपा- माओवादी) के बीच १९९६ से २००६ के बीच भइल संघर्ष में, नतीजा सामने आइल कि एह बीच देश भर में मानवाधिकार के उलंघन बहुत अधिक बढ़ गइल रहे। दुनो ओर से यातना, गैर कानूनी हत्या, मनमाना ढंग से गिरफ्तारी आ अपहरण के दोषी पावल गइल। संघर्ष के दौरान नेपाल विश्व में ओझल बनल रहल।

संघर्ष के बाद नतीजा इहो सामने आइल कि मानवाधिकार के उलंघन से लोग सभ में गरीबी बढ़ल बा, स्वास्थ्य में गिरावट दर्ज भइल बा, शिक्षा में गिरावट आइल बा, लिंग-भेद बढ़ल बा। एह क्षेत्र सभ में आइल गिरावट अभी ले एगो मुद्दा बनले बा। नेपाली लोग सभ के मूल, जाती, लिंग आदि के आधार पर भेद-भाव के सामना करे के पड़ेला आ जवन लोग देहाती क्षेत्र सभ में रहेला लोग , उनमें पर्याप्त स्वास्थ्य सेवा के पहुंच में कमी, शिक्षा के पहुंच में कमी आ दूसर स्रोत सभ के पहुंच में कमी देखल गइल बा। हिंसा देश खातिर आफत बनल बा। विशेष रूप से मेहरारू सभ के प्रति। आर्थिक असमानता बड़ले बा आ स्वास्थ्य समस्या बनले बा—कुछ क्षेत्र सभ में उच्च शिशु मृत्यु दर, दिमागी बीमारी, आ अपर्याप्त स्वास्थ्य सेवा सहित।