महात्मा गाँधी: रिवीजन सभ के बीचा में अंतर
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'''मोहनदास करमचंद गाँधी''' (2 अक्टूबर 1869 - 30 जनवरी 1948) भारत के [[आजादी क लड़ाई|आज़ादी की लड़ाई]] क एगो प्रमुख राजनैतिक आ आध्यात्मिक नेता रहलन। ऊ ''[[सत्याग्रह]]'' आ व्यापक सविनय अवज्ञा की सहारे अत्याचार के खिलाफत क शुरुआत करे वाला नेता रहलें। सत्य आ [[अहिंसा]] की आधार पर लड़ाई लड़िके भारत के [[आजादी क लड़ाई|आजादी]] दियावे में उनके योगदान खातिर उनके पूरा दुनिया में जानल जाला। |
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आम जनता उनके '''महात्मा गाँधी''' की नाँव से जाने ले। [[संस्कृत भाषा|संस्कृत]] के महात्मा एगो आदर-सम्मान प्रगट करे वाला शब्द ह जेवना क प्रयोग इनका खातिर [[रवीन्द्रनाथ ठाकुर|रवीन्द्रनाथ टेगौर]] कइलें। एकरी आलावा '''गान्ही महात्मा''', '''गान्ही बाबा''' आ '''बापू''' ढेर प्रचलित शब्द बाटे। [[2 अक्टूबर]] के उनकी जनम दिन के गाँधी जयंती के रूप में मनावल जाला आ दुनियाभर में एहिदिन अंतरराष्ट्रीय अहिंसा दिवस भी मनावल जाला। |
आम जनता उनके '''महात्मा गाँधी''' की नाँव से जाने ले। [[संस्कृत भाषा|संस्कृत]] के महात्मा एगो आदर-सम्मान प्रगट करे वाला शब्द ह जेवना क प्रयोग इनका खातिर [[रवीन्द्रनाथ ठाकुर|रवीन्द्रनाथ टेगौर]] कइलें। एकरी आलावा '''गान्ही महात्मा''', '''गान्ही बाबा''' आ '''बापू''' ढेर प्रचलित शब्द बाटे। [[2 अक्टूबर]] के उनकी जनम दिन के [[गाँधी जयंती]] के रूप में मनावल जाला आ दुनियाभर में एहिदिन [[अंतरराष्ट्रीय अहिंसा दिवस]] भी मनावल जाला। |
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उनकर गाँधी टोपी आ चरखा उनकी बिचारधारा क निशान बन चुकल बा। |
उनकर गाँधी टोपी आ चरखा उनकी बिचारधारा क निशान बन चुकल बा। |
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मोहनदास करमचंद गाँधी | |
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जनम | 2 अक्टूबर 1869 पोरबंदर, काठियावाड़, भारत |
निधन | 30 जनवरी 1948 (78 बरिस की उमिर में) नई दिल्ली, भारत |
मौत के वजह | गोली मार के हत्या |
राष्ट्रीयता | भारतीय |
दूसर नाँव | महात्मा गाँधी |
शिक्षा | युनिवर्सिटी कॉलिज, लंदन |
परसिद्धि के कारन | भारतीय स्वतंत्रता संग्राम |
राजनीतिक पार्टी | भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस |
जीवनसाथी | कस्तूरबा गाँधी |
संतान | हरिलाल, मणिलाल, रामदास, देवदास |
दसखत | |
मोहनदास करमचंद गाँधी (2 अक्टूबर 1869 - 30 जनवरी 1948) भारत के आज़ादी की लड़ाई क एगो प्रमुख राजनैतिक आ आध्यात्मिक नेता रहलन। ऊ सत्याग्रह आ व्यापक सविनय अवज्ञा की सहारे अत्याचार के खिलाफत क शुरुआत करे वाला नेता रहलें। सत्य आ अहिंसा की आधार पर लड़ाई लड़िके भारत के आजादी दियावे में उनके योगदान खातिर उनके पूरा दुनिया में जानल जाला।
आम जनता उनके महात्मा गाँधी की नाँव से जाने ले। संस्कृत के महात्मा एगो आदर-सम्मान प्रगट करे वाला शब्द ह जेवना क प्रयोग इनका खातिर रवीन्द्रनाथ टेगौर कइलें। एकरी आलावा गान्ही महात्मा, गान्ही बाबा आ बापू ढेर प्रचलित शब्द बाटे। 2 अक्टूबर के उनकी जनम दिन के गाँधी जयंती के रूप में मनावल जाला आ दुनियाभर में एहिदिन अंतरराष्ट्रीय अहिंसा दिवस भी मनावल जाला।
उनकर गाँधी टोपी आ चरखा उनकी बिचारधारा क निशान बन चुकल बा।
संदर्भ
बाहरी कड़ी
विकिमीडिया कॉमंस पर संबंधित मीडिया मोहनदास करमचंद गाँधी पर मौजूद बा। |