साहित्य: रिवीजन सभ के बीचा में अंतर

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'''साहित्य''' ([[अंगरेजी]]: लिटरेचर) सामान्य अरथ में, [[लिखाई|लिखल गइल]] रूप में कौनों रचना के कहल जा सके ला।<ref>https://www.britannica.com/art/literature</ref> हालाँकि, कुछ सकेत अरथ में [[कला (समस्त)|कलात्मक]] ढंग से लिखल गइल रचना सभ के साहित्य के दर्जा दिहल जाला; पुराना समय में खाली [[कबिता|कबितई]] वाली रचने सभ के साहित्य मानल जाय<ref>http://vle.du.ac.in/mod/book/print.php?id=12741&chapterid=27064</ref> आ गद्य रचना बाद में एह में शामिल भइल। दुसरे ओर, ब्यापक अरथ में, सगरी अइसन [[लिखाई|लिपिबद्ध]], मने कि लिखाई भा लिपि के इस्तेमाल से सहेजल, चाहे ऊ हाथ से लिखल होखे चाहे छापा में छपल होखे, भा डिजिटल रूप में मौजूद होखे, कला आ ज्ञान के बात के निरूपण करे वाली सगरी सामग्री साहित्य कहल जा सके ले। ऑक्सफोर्ड ऑनलाइन हिंदी डिक्शेनरी के अनुसार, साहित्य के अरथ: लिपिबद्ध ज्ञान भा बिचार हो सके ला, गद्य भा पद्य में लिखल कलात्मक रचना, या फिर ग्रंथ सभ के सामूहिक रूप से साहित्य कहल जा सके ला।<ref>https://hi.oxforddictionaries.com/%E0%A4%AA%E0%A4%B0%E0%A4%BF%E0%A4%AD%E0%A4%BE%E0%A4%B7%E0%A4%BE/%E0%A4%B8%E0%A4%BE%E0%A4%B9%E0%A4%BF%E0%A4%A4%E0%A4%AF</ref>
'''साहित्य''' ([[अंगरेजी]]: लिटरेचर) सामान्य अरथ में, [[लिखाई|लिखल गइल]] रूप में कौनों रचना के कहल जा सके ला।<ref>{{cite web|last=Rexroth |first=Kenneth |url=https://www.britannica.com/art/literature |title=Literature |language=en |publisher=Britannica.com |date=2015-07-13 |accessdate=2018-04-19}}</ref> हालाँकि, कुछ सकेत अरथ में [[कला (समस्त)|कलात्मक]] ढंग से लिखल गइल रचना सभ के साहित्य के दर्जा दिहल जाला; पुराना समय में खाली [[कबिता|कबितई]] वाली रचने सभ के साहित्य मानल जाय<ref>http://vle.du.ac.in/mod/book/print.php?id=12741&chapterid=27064</ref> आ गद्य रचना बाद में एह में शामिल भइल। दुसरे ओर, ब्यापक अरथ में, सगरी अइसन [[लिखाई|लिपिबद्ध]], मने कि लिखाई भा लिपि के इस्तेमाल से सहेजल, चाहे ऊ हाथ से लिखल होखे चाहे छापा में छपल होखे, भा डिजिटल रूप में मौजूद होखे, कला आ ज्ञान के बात के निरूपण करे वाली सगरी सामग्री साहित्य कहल जा सके ले। ऑक्सफोर्ड ऑनलाइन हिंदी डिक्शेनरी के अनुसार, साहित्य के अरथ: लिपिबद्ध ज्ञान भा बिचार हो सके ला, गद्य भा पद्य में लिखल कलात्मक रचना, या फिर ग्रंथ सभ के सामूहिक रूप से साहित्य कहल जा सके ला।<ref>https://hi.oxforddictionaries.com/%E0%A4%AA%E0%A4%B0%E0%A4%BF%E0%A4%AD%E0%A4%BE%E0%A4%B7%E0%A4%BE/%E0%A4%B8%E0%A4%BE%E0%A4%B9%E0%A4%BF%E0%A4%A4%E0%A4%AF</ref>


साहित्य के बर्गीकरण भी कई आधार पर कइल जा सके ला, जइसे कि [[भाषा]], देस, बिधा, भा बिसयबस्तु के आधार पर अलगा-अलगा किसिम के साहित्य परिभाषित कइल जाला।
साहित्य के बर्गीकरण भी कई आधार पर कइल जा सके ला, जइसे कि [[भाषा]], देस, बिधा, भा बिसयबस्तु के आधार पर अलगा-अलगा किसिम के साहित्य परिभाषित कइल जाला।
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भोजपुरी भाषा में ''साहित्य'' शब्द [[संस्कृत]] से आइल हवे जहाँ एकर उत्पत्ती ''सहित''+''यत्'' प्रत्यय से बतावल जाला आ अरथ कइल जाला कि जहाँ शब्द आ अरथ के सहभाव (एक्के साथ मौजूद होखे के स्थिती) होखे।<ref name="Gupta">{{cite book|author=Dr Ganpati Chandra Gupta|title=Bhartiya Evam Paschatya Kavya Sidhant|url=https://books.google.com/books?id=w5Ut61s0m34C&pg=PT28|publisher=Rajkamal Prakashan Pvt Ltd|isbn=978-81-8031-112-3|pages=28–}}</ref> हालाँकि, ऊपर बतावल ब्युत्पत्ती में कत्तों ''शब्द आ अरथ के समभाव'' वाली बात अपने आप ना आ जाले, ई मानल जाला कि पुरनका आचार्य लोग ''काब्य'', मने कि [[कबिताई]] के परिभाषा एही रूप में कइल कि जहाँ शब्द आ अरथ के समभाव होखे (सहितौ), हालाँकि बाद में एह पूरा बात खाती ई एकही शब्द इस्तमाल होखे लागल; साथे-साथ ''काब्य'' शब्द के अरथ एकरे बाद सिकुड़ गइल।
भोजपुरी भाषा में ''साहित्य'' शब्द [[संस्कृत]] से आइल हवे जहाँ एकर उत्पत्ती ''सहित''+''यत्'' प्रत्यय से बतावल जाला आ अरथ कइल जाला कि जहाँ शब्द आ अरथ के सहभाव (एक्के साथ मौजूद होखे के स्थिती) होखे।<ref name="Gupta">{{cite book|author=Dr Ganpati Chandra Gupta|title=Bhartiya Evam Paschatya Kavya Sidhant|url=https://books.google.com/books?id=w5Ut61s0m34C&pg=PT28|publisher=Rajkamal Prakashan Pvt Ltd|isbn=978-81-8031-112-3|pages=28–}}</ref> हालाँकि, ऊपर बतावल ब्युत्पत्ती में कत्तों ''शब्द आ अरथ के समभाव'' वाली बात अपने आप ना आ जाले, ई मानल जाला कि पुरनका आचार्य लोग ''काब्य'', मने कि [[कबिताई]] के परिभाषा एही रूप में कइल कि जहाँ शब्द आ अरथ के समभाव होखे (सहितौ), हालाँकि बाद में एह पूरा बात खाती ई एकही शब्द इस्तमाल होखे लागल; साथे-साथ ''काब्य'' शब्द के अरथ एकरे बाद सिकुड़ गइल।


अंगरेजी शब्द ''लिटरेचर'' के उत्पत्ती लैटिन भाषा के शब्द ''लिटेरा'' (litera/littera) से बतावल जाला।<ref>https://www.etymonline.com/word/literature</ref> मने कि इहाँ भाषा के लिखल रूप के ढेर साफ बात कइल गइल बा, काहें कि एही ''लिटेरा'' मूल शब्द से जेकर अरथ अच्छर या अच्छर संबधित होला, से ''लेटर'' (अक्षर), ''लेटर'' चिट्ठी पतरी इत्यादि के उत्पत्ती होखे ला।
अंगरेजी शब्द ''लिटरेचर'' के उत्पत्ती लैटिन भाषा के शब्द ''लिटेरा'' (litera/littera) से बतावल जाला।<ref>{{cite web|url=https://www.etymonline.com/word/literature |title=literature &#124; Origin and meaning of literature by Online Etymology Dictionary |publisher=Etymonline.com |date= |accessdate=2018-04-19}}</ref> मने कि इहाँ भाषा के लिखल रूप के ढेर साफ बात कइल गइल बा, काहें कि एही ''लिटेरा'' मूल शब्द से जेकर अरथ अच्छर या अच्छर संबधित होला, से ''लेटर'' (अक्षर), ''लेटर'' चिट्ठी पतरी इत्यादि के उत्पत्ती होखे ला।


==संदर्भ==
==संदर्भ==

01:28, 19 अप्रैल 2018 तक ले भइल बदलाव

साहित्य (अंगरेजी: लिटरेचर) सामान्य अरथ में, लिखल गइल रूप में कौनों रचना के कहल जा सके ला।[1] हालाँकि, कुछ सकेत अरथ में कलात्मक ढंग से लिखल गइल रचना सभ के साहित्य के दर्जा दिहल जाला; पुराना समय में खाली कबितई वाली रचने सभ के साहित्य मानल जाय[2] आ गद्य रचना बाद में एह में शामिल भइल। दुसरे ओर, ब्यापक अरथ में, सगरी अइसन लिपिबद्ध, मने कि लिखाई भा लिपि के इस्तेमाल से सहेजल, चाहे ऊ हाथ से लिखल होखे चाहे छापा में छपल होखे, भा डिजिटल रूप में मौजूद होखे, कला आ ज्ञान के बात के निरूपण करे वाली सगरी सामग्री साहित्य कहल जा सके ले। ऑक्सफोर्ड ऑनलाइन हिंदी डिक्शेनरी के अनुसार, साहित्य के अरथ: लिपिबद्ध ज्ञान भा बिचार हो सके ला, गद्य भा पद्य में लिखल कलात्मक रचना, या फिर ग्रंथ सभ के सामूहिक रूप से साहित्य कहल जा सके ला।[3]

साहित्य के बर्गीकरण भी कई आधार पर कइल जा सके ला, जइसे कि भाषा, देस, बिधा, भा बिसयबस्तु के आधार पर अलगा-अलगा किसिम के साहित्य परिभाषित कइल जाला।

शब्दउत्पत्ती

भोजपुरी भाषा में साहित्य शब्द संस्कृत से आइल हवे जहाँ एकर उत्पत्ती सहित+यत् प्रत्यय से बतावल जाला आ अरथ कइल जाला कि जहाँ शब्द आ अरथ के सहभाव (एक्के साथ मौजूद होखे के स्थिती) होखे।[4] हालाँकि, ऊपर बतावल ब्युत्पत्ती में कत्तों शब्द आ अरथ के समभाव वाली बात अपने आप ना आ जाले, ई मानल जाला कि पुरनका आचार्य लोग काब्य, मने कि कबिताई के परिभाषा एही रूप में कइल कि जहाँ शब्द आ अरथ के समभाव होखे (सहितौ), हालाँकि बाद में एह पूरा बात खाती ई एकही शब्द इस्तमाल होखे लागल; साथे-साथ काब्य शब्द के अरथ एकरे बाद सिकुड़ गइल।

अंगरेजी शब्द लिटरेचर के उत्पत्ती लैटिन भाषा के शब्द लिटेरा (litera/littera) से बतावल जाला।[5] मने कि इहाँ भाषा के लिखल रूप के ढेर साफ बात कइल गइल बा, काहें कि एही लिटेरा मूल शब्द से जेकर अरथ अच्छर या अच्छर संबधित होला, से लेटर (अक्षर), लेटर चिट्ठी पतरी इत्यादि के उत्पत्ती होखे ला।

संदर्भ

  1. Rexroth, Kenneth (2015-07-13). "Literature" (अंग्रेजी में). Britannica.com. Retrieved 2018-04-19.
  2. http://vle.du.ac.in/mod/book/print.php?id=12741&chapterid=27064
  3. https://hi.oxforddictionaries.com/%E0%A4%AA%E0%A4%B0%E0%A4%BF%E0%A4%AD%E0%A4%BE%E0%A4%B7%E0%A4%BE/%E0%A4%B8%E0%A4%BE%E0%A4%B9%E0%A4%BF%E0%A4%A4%E0%A4%AF
  4. Dr Ganpati Chandra Gupta. Bhartiya Evam Paschatya Kavya Sidhant. Rajkamal Prakashan Pvt Ltd. pp. 28–. ISBN 978-81-8031-112-3.
  5. "literature | Origin and meaning of literature by Online Etymology Dictionary". Etymonline.com. Retrieved 2018-04-19.