मरद (रिश्ता)
Appearance
मरद (रिश्ता के अरथ में), सवाँग भा पति शादी के रिश्ता में मरदाना बेकति होला। मरद-मेहरारू के नाता में मरद के अपना मेहरी के खाती कुछ सामाजिक सांस्कृतिक जिम्मेदारी आ करतब होलें जे जगह आ समय अनुसार अलग-अलग संस्कृति में अलग-अलग किसिम के पावल जालें। पुरुष प्रधान समाज में मरद के ढेर अधिकार मिलल होखे लें जबकि औरतवादी बिचारधारा के लोग एह रिश्ता में बराबरी के हामी होला।
अउरी सबद सभ
[संपादन करीं]मरद संगे, हिंदू लोग बर, भतार, पीया, पी (गीत सभ मे बेसी परजोग कइल जाला), पति, सईयां आ सामी के परजोग करेला। भतार के परजोग कबो-कबो केहू के दोसर मरद ला कइल जाला। मियाँ लोग शौहर सबद के परजोग करेला। अइसन सबद जेकरा हिंदू आ मियाँ दुनो लोग करेला ऊ हऽ: दुलहा, पुरुख, बेकत, मरद, खसम, अदमी (भा आदमी), खावींद। अदमी के कबो-कबो अमदी कहल जाला।[1]
संदर्भ
[संपादन करीं]ई समाज भा समाजशास्त्र-संबंधी लेख एगो आधार बाटे। जानकारी जोड़ के एकरा के बढ़ावे में विकिपीडिया के मदद करीं। |
- ↑ ग्रियर्सन, जार्ज अब्राहम (1975). Bihar Peasant Life: Being a Discursive Catalogue of the Surroundings of the People of that Province (अंग्रेजी में). Cosmo Publ.