जन गण मन
भारत के राष्ट्रीय राष्ट्रगान | |
गीतकार | रबींद्रनाथ टैगोर, 1911 |
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संगीत | रबींद्रनाथ टैगोर, 1911 |
अंगीकार | 24 जनवरी 1950 |
Audio sample | |
जन गण मन (धुन) | |
जन गण मन भारत के राष्ट्रगान हवे। ई मूल रूप से बंगाली भाषा में रबींद्रनाथ टैगोर के रचल गइल गीत के हिंदी अनुबाद हवे।
गीत के हिंदीव्अनुबाद के भारत के संबिधान सभा द्वारा 24 जनवरी 1950 के अंगीकार कइल गइल। औपचारिक रूप से एह गीत के गावल (या धुन बजावल) जाला तब लगभग 52 मिनट के समय लागे ला। एकर छोट रूप, पहिली आ आखिरी लाइन भर के भी कब्बो-कबो गावल या बजावल जाला जेवना में २० सेकेंड के समय लागे ला। सभसे पहिले, आम जनता के सोझा ई गीत 27 दिसंबर 1919 के कांग्रेस के कलकत्ता अधिवेशन में गावल गइल रहे। टैगोर के गीत भारोत भाग्यो बिधाता के शुरूआती पाँच पद एकर मूल बंगाली वर्जन हवें।
गीत
[संपादन करीं]ई गीत बंगाली भाषा के साहित्यिक दर्जा भाषा, साधू भाषा में लिखल गइल रहे। गीत में लगभग सगरी शब्द संज्ञा बाने जे क्रिया के भी काम का सकेलें। गीत के ज्यादातर संज्ञा शब्द भारत के सगरी प्रमुख भाषा सभ में इस्तमाल होखे वाला बाने। एही कारण से मूल गीत के लगभग हर इलाका में समझल जा सके ला आ एकर कई भारतीय भाषा सभ में भाषांतर करे पर भी कौनों ख़ास बदलाव ना होला। नीचे दिहल बंगाली आ देवनागरी पाठ में गीत के बोल बाड़ें:
জন গণ মন (बंगाली) | जन गण मन (देवनागरी) |
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[संपादन करीं]संदर्भ
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