२जी स्पेक्ट्रम घोटाला
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२जी स्पेक्ट्रम घोटाला भारत में साल २०१० में सोझा आइल एगो घोटाला रहे जेह में 2जी स्पेक्ट्रम के आबंटन में घपला के आरोप लगावल गइल रहे। 2010 में कैग के रपट से ई जाहिर भइल रहे कि अगर साल 2008 में 2जी स्पेक्ट्रम के आबंटन नीलामी के प्रक्रिया से कइल गइल रहित तब सरकार के खजाना में 1 लाख 76 करोड़ रुपिया ढेर आइल रहित।[1] एह मामिला में कई गो मंत्री आ अधिकारी लोग के भूमिका आ निजी कंपनी के भूमिका संदेह में रहल। कुल 14 लोग आ तीन गो कंपनी पर आरोप दायर कइल गइल, तत्कालीन बित्त मंत्री पी चिदंबरम आ प्रधानमंत्री कार्यालय प भी एह में भूमिका होखे के आरोप लागल आ ई भारत के अबतक के सभसे बड़हन घोटाला के रूप में देखल गइल आ भारी राजनीतिक बिबाद के कारण बनल।
दिसंबर 2017 में आइल अदालत के फैसला में सगरी सतरह आरोपी लोग के बरी क दिहल गइल, काहें से कि कौनों सबूत ना मिलल।[2]
संदर्भ
[संपादन करीं]- ↑ "आख़िर क्या था 2 जी घोटाला और किन किन पर था आरोप? - BBC News हिंदी". Bbc.com. 1970-01-01. Retrieved 2017-12-24.
- ↑ "2 जी घोटाले में सभी अभियुक्त बरी, दिल्ली की अदालत का फ़ैसला - BBC News हिंदी". Bbc.com. 1970-01-01. Retrieved 2017-12-24.
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