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ॐ नमः शिवाय

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कृष्ण यजुर्वेद के श्री रुद्रम में नमः शिवाय

ॐ नमः शिवाय एगो हिंदू मंतर बा। हिंदू धर्म के चलनसार धार्मिक रीति रिवाज में ई काफी महत्व के मंतर हवे आ शैव मत में सभसे प्रमुख मंत्र में से एक हवे। एकरा के पंचाक्षर मंत्र भा शिव पंचाक्षर भी कहल जाला। एक शाब्दिक अरथ होला "भगवान शिव के नमस्कार बा"।

ई मंत्र अपना पंचाक्षर रूप "न मः शि वा य" में कृष्ण यजुर्वेद के श्री रुद्रम् के हिस्सा के रूप में[1] आ शुक्ल यजुर्वेद के रुद्राष्टाध्यायी में आइल बा।

अउरी ग्रंथन में

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"ॐ नमः शिवाय" मंतर में आवे वाला पाँच अक्षर — 'न', 'म', 'शि', 'वा', 'य' — के उल्लेख श्री रुद्रं चमकं में मिलेला, जे कृष्ण यजुर्वेद के हिस्सा ह। ई मंतर ओह समय के ह, जब "शिव" शब्द अबहीं तक नाम ना बनल रहे, बलुक रुद्र देवता के संबोधन के रूप में इस्तेमाल होखत रहे। ओह संदर्भ में "शिव" के मतलब होला — मंगलकारी, शुभ, स्नेही, यानी रुद्र के शांत रूप के आदर से कहल जाला।

एह मंतर के उल्लेख रुद्राष्टाध्यायी में भी बा, जे शुक्ल यजुर्वेद के हिस्सा ह।

पूरा पंचाक्षर स्तोत्र (पाँच अक्षर वाला स्तुति) इहे मंतर के समर्पित बा।

तमिल भाषा में लिखल तिरुमंतिरम् नाम के ग्रंथ में ई मंतर के मतलब आ महत्व के बारे में विस्तार से बतावल गइल बा।

शिव पुराण के पहिल खंड (अध्याय 1.2.10 – शब्द-ब्रह्म तनु), विद्येश्वर संहिता, आ वायवीय संहिता के अध्याय 13 में ई मंतर "ॐ नमः शिवाय" के रूप में आवेला। शिव पुराण में एह मंतर के कई जगह "पंचाक्षर मंतर" (5 अक्षर वाला मंतर) आ "षडाक्षर मंतर" (6 अक्षर वाला, जब '' जोड़ल जाला) कह के भी उल्लेख भइल बा।

तमिल शिवभक्तन के प्रसिद्ध भजन "तिरुवाचकम्" के शुरुआत भी एह पाँच अक्षर — 'न', 'म', 'शि', 'वा', 'य' — से होखे ला।

इहो देखल जाय

[संपादन करीं]
  1. Satguru Bodhinatha, Veylanswami (2017). What Is the Namaḥ Śivāya Mantra? from the "Path to Siva" Book. USA: Himalayan Academy. pp. chapter 16. ISBN 9781934145722.