समुद्रयान
Public research agency overview | |
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Formed | 2018 |
Jurisdiction | भारत |
Annual budget | ₹8,000 करोड़ (US$1.1 बिलियन) (FY20) |
Minister responsible |
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Parent Public research agency | पृथिवी बिज्ञान मंत्रालय |
डीप ओशन मिशन (अंग्रेजी: Deep Ocean Mission, lit. 'गहिरा समुंद्र मिशन'), जे चलनसार नाँव समुद्रयान के रूप में जानल जा रहल बा, भारत के पृथिवी बिज्ञान मंत्रालय के समुंद्र के भीतर खोज करे वाला मिशन होखी। एह मिशन के मकसद भारत के एक्सक्लूसिव इकोनामिक जोन में आ भारतीय समुद्री कंटीनेंटल शेल्फ के इलाका में बिबिध किसिम के खोज (एक्सप्लोरेशन) कइल तय कइल गइल बाटे। एह प्रोग्राम में कई चालक दल आ बिना चालक दल वाला सबमर्सिबल सभ के समुंद्र के तल के खोज खातिर उतारल जाई। मिशन के एगो पहिला मकसद पॉलीमेटालिक नोड्यूल सभ के खोजल आ निकालल बाटे, ई मैंगनीज, निकल, कोबाल्ट, तांबा आ आयरन हाइड्रॉक्साइड नियर खनिज सभ से बनल होलें। एह धातु सब के इस्तेमाल इलेक्ट्रॉनिक उपकरण, स्मार्टफोन, बैटरी अउरी सोलर पैनल के निर्माण में कइल जा सकऽता।
मिशन के सबसे महत्व वाला चीज 6000 मीटर के गहिराई ले आदमी सहित यान उतारे के योजना बाटे।[1]
संदर्भ
[संपादन करीं]- ↑ खन्ना, भव्या (31 अक्टूबर 2023). "Inside India's 'Deep Ocean Mission', a challenge harder than going to space". द हिंदू (भारतीय अंग्रेजी में). Retrieved 21 नवंबर 2023.
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