समुंद्रतली फइलाव
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समुंद्रतली फइलाव एगो भूविज्ञानी घटना बाटे, ई समुंद्री कटक के सहारे क्रस्ट के निर्माण होखे आ फइले के कहल जाला। पुरान समय में वेगनर के मान्यता रहल की महादीप एक जगह से दुसरा जगह पंवर के जालें बाकी हैरी हेस[1] के ई बिचार कि मूल घसकाव पुरा क्रस्ट के होला जेह पर महादीप भी ऊपर मौजूद बाड़ें, अ़ब ढेर मान्य बाटे। ई संकल्पना मुख्य रूप से प्लेट टेक्टॉनिक से जुडल बाटे। थियरी के मोताबिक अइसन होखे के कारण, पृथ्वी के मेंटल में मौजूद आधा-पघिलल, एस्थेनोस्फीयर में संवहन धारा चले के बतावल जाला।[2]
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[संपादन करीं]संदर्भ
[संपादन करीं]- ↑ Hess, H. H. (November 1962). "History of Ocean Basins". In A. E. J. Engel; Harold L. James; B. F. Leonard (eds.). Petrologic studies: a volume to honor A. F. Buddington. Boulder, CO: Geological Society of America. pp. 599–620.
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ignored (help) - ↑ Elsasser, Walter M. (1971). "Sea-Floor Spreading as Thermal Convection". Journal of Geophysical Research. 76: 1101. Bibcode:1971JGR....76.1101E. doi:10.1029/JB076i005p01101.
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