भारत के सुप्रीम कोर्ट

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भारत के सुप्रीम कोर्ट भारत के सभसे ऊँच जूडिशियल कोर्ट हवे। ई भारतीय संबिधान के तहत सभसे ऊँच अपीलीय कोर्ट हवे आ एह कोर्ट के लगे जूडीशियल रिव्यू के पावर बाटे। भारत के चीफ जस्टिस आ उनके अलावा अउरी अधिकतम 33 जज से ई कोर्ट बनल बा आ करे लगे ब्यापक ओरोजिनल, अपीलीय आ एडवाइजरी अधिकार बाटे।

एकर अस्थापना 1 अक्टूबर 1937 के "फेडरल कोर्ट ऑफ़ इंडिया" के नाँव से भइल। वर्तमान में एकर भवन भारत के राजधानी नई दिल्ली में बाटे।

मुख्य रूप से इहाँ हाइकोर्ट सभ के फैसला के ऊपर बिचार खातिर अपील कइल जा सके ला काहें की ई सभसे ऊँच अपीलीय कोर्ट हवे। केंद्र सरकार आ राज्य, चाहे राज्य सरकारन के बीचा के बिबाद वगैरह के निर्णय एकर मूल अधिकार क्षेत्र हवे। सरकार (भारत के राष्ट्रपति) के ई बिबिध मुद्दा पर कानूनी सलाह देला। संबिधान में बतावल मूल अधिकार सभ के रक्षक इहे कोर्ट हवे। इहाँ के फ़ैसला बाकी सगरी भारतीय कोर्ट सभ पर बाध्यकारी रूप से लागू होला। संबिधान के आर्टिकल 142 के अनुसार ई राष्ट्रपति के ड्यूटी हवे कि सुप्रीम कोर्ट के डिक्री के लागू करवावें।