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पर्सनल फाइनेंस

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पर्सनल फाइनेंस फाइनेंशियल मैनेजमेंट ह जवना में केहू ब्यक्ति चाहे परिवार अपना रुपिया-पइसा के साधन आ आगम के, बजट बना के, कंट्रोल तरीका से खरच करे ला, बचत करे ला आ इन्वेस्टमेंट करे ला, जवना से की बिबिध किसिम के फाइनेंशियल रिस्क सभ आ भबिस्य के घटना आ जरूरत के हिसाब से ओकर फाइनेंस मैनेज हो सके। मतलब की ई पइसा के मैनेज करे, खरच करे आ इन्वेस्ट करे के काम हवे। एह में बजट बनावल, बैंकिंग, इंश्योरेंस, मोर्टगेज, इन्वेस्टमेंट, टैक्स प्लानिंग, रिटायरमेंट प्लानिंग आ एस्टेट (संपति) के प्लानिंग सामिल होला।

एह तरीका से पर्सनल फाइनेंस के प्लानिंग में ब्यक्ति कई सारा चीजन के धियान में रखे ला की ओकरा खातिर का सबसे बढियाँ सूट करी; अइसन धियान दिहल जाये वाली चीज सब में - बैंकिंग में चेकिंग एकाउंट, बचत खाता, क्रेडिट कार्ड, आ लोन शामिल बाड़ें; इंश्योरेंस भा बीमा में हेल्थ इंश्योरेंस, दिसएबिलिटी (अक्षमता) इंश्योरेंस आ जीवन बीमा शामिल बा; इन्वेंस्टमेंट में बांड, स्टॉक (शेयर), रियल एस्टेट (जमीन जायदाद)नियन चीज सामिल बाडीं; आ एकरे अलावा क्रेडिट स्कोर, इनकम टैक्स, रिटायरमेंट प्लानपेंशन खातिर प्लानिंग शामिल बा।

कुछ लोग आपन पर्सनल फाइनेंस खुदे मैनेज करे ला, कुछ लोग एकरा खातिर प्रोफेशनल सर्विस उपलब्ध करावे वालन के सर्विस लेला। अइसन सर्विस सभ के भी पर्सनल फाइनेंस (सर्विस) कहल जाला।

बाहरी कड़ी[संपादन करीं]