परिशिष्टपरवन

विकिपीडिया से

परिशिष्टपरवन भा स्थविरावलीचरित्र एगो संस्कृत महाकाव्य बा जेकरा आचार्य हेमचंद्र गहले रहन। एहमे 3460 गो श्लोक आ तेरऽगो अध्याय बाटे जेहमे पुरान भारत के खीसा बाटे।[1][2]

त्रीषष्टीशलाकापुरुषचरित्र जैन धरम के परमुख लोगीन प लिखल एगो महाकव्य बाटे, जेकरा हेमचंद्र चालुक्य राजा कुमारपाल के निहोरा प गहले रहन। परिशिष्टपरवन मे हेकरे काथा के आगे बढ़ावल बाटे।

एहमे 480 से 200 ईशा पूर्व के खीसा लिखल बा जेमहे मगधमौर्य साम्राज्य के उतान के बतावल बाटे।

सनर्भ[संपादन करीं]

  1. Upinder Singh 2016, p. 26.
  2. Fynes 1998, p. xxxiii.