धरीक्षण मिश्र
धरीक्षण मिश्र | |
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जनम | बरियारपुर, गोरखपुर (वर्तमान कुशीनगर), उत्तर प्रदेश |
निधन | बरियारपुर, गोरखपुर (वर्तमान कुशीनगर), उत्तर प्रदेश |
भाषा | भोजपुरी, हिंदी |
राष्ट्रियता | भारत |
बिधा | कबिता, निबंध |
प्रमुख रचना | शिव जी की खेती, कागज के मदारी, अलंकार दर्पण, काव्य दर्पण, काव्य मंजूषा |
प्रमुख सम्मान | भोजपुरी रत्न |
धरीक्षण मिश्र (1901 - 24 अक्टूबर 1997) भोजपुरी भाषा के एगो कवि आ लेखक रहलें। भोजपुरी के अलावे ऊ हिंदियो में रचना कइलेन। गोरखपुर जिला के बरियारपुर गाँव (अब कुशीनगर जिला में) जनमल मिश्र के पढ़ाई बनारस में भइल आ ओकरे बाद ई अपने गाँवे लवट के साहित्य के रचना में लाग गइलेन।
शिव जी की खेती, कागज के मदारी, अलंकार दर्पण, काव्य दर्पण, काव्य मंजूषा इनके प्रमुख रचना बाड़ी सऽ। इनके कबिता सभ के संग्रह धरीक्षण मिश्र रचनावली के नाँव से छपल बाटे।
इनके रचना खातिर, उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान के पुरस्कार, उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा अंचल भारती पुरस्कार आ अखिल भारती भोजपुरी परिषद लखनऊ द्वारा भोजपुरी रत्न अलंकरण से सम्मानित कइल गइल। निधन के बाद इनके 2000 में भोजपुरी रत्न से सम्मानित कइल गइल।[1] साहित्य अकादमी के भाषा सम्मान 1996 में मिश्र के भोजपुरी भाषा खातिर दिहल गइल रहे।[2]
संदर्भ
[संपादन करीं]- ↑ "भोजपुरी के कबीर थे पं. धरीक्षण मिश्र". दैनिक जागरण (हिंदी में). 2011. Retrieved 12 सितंबर 2020.
- ↑ "साहित्य : भाषा सम्मान". sahitya-akademi.gov.in. Retrieved 12 सितंबर 2020.
बाहरी कड़ी
[संपादन करीं]- भोजपुरी के पारस : पं. धरीक्षण मिश्र Archived 2020-01-24 at the Wayback Machine, भोजपुरी मंथन पर।
- धरीक्षण मिश्र, लेखक परिचय, हिंदी समय पर।
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