अनुबाद

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वज्रच्छेदिकाप्रज्ञापारमितासूत्र नामक बौद्ध ग्रन्थ क संस्कृत से चीनी भाषा में अनुबाद कुमारजीव कइले रहने। इ बिश्व क सबसे पुरान (868 ई) प्रिन्ट कइल गइल किताब बा।

अनुबाद, अनुवाद भा उल्था (अंग्रेजी: Translation; ट्रांसलेसन ) कौनो एगो स्रोत-भाषा में लिखल बात के अरथ के दूसरी आ बराबरी के लक्ष्य-भाषा में लिखित रूप में ब्यक्त करे के कहल जाला। कुछ लोगन के अनुसार ई प्रक्रिया हवे, कुछ के अनुसार ई प्रक्रिया आ ओकर परिणाम दुनो हवे, आ कुछ लोग के कहनाम बा कि सैद्धांतिक रूप से ई दू भाषा के बीच के संबंध हवे बशर्ते कि दुनों भाषा में कहल/लिखल गइल बात के मतलब एकही होखे।[1] आमतौर पर एकर तीन गो प्रकार बतावल जालें: समभाषी, अन्य भाषी आ संकेतबदल के रूप में अनुबाद।[2]

अनुबाद शब्द खुद संस्कृत के अनु+वाद से बनल हवे जेकर अरथ कौनों बात के पाछे-पाछे दोहरावल, दोबारा कहल, जवन बात कहल गइल ओहीके दुसरे भाषा में कहल।[3] आज के समय में ई शब्द अनुबाद अंग्रेजी के ट्रांसलेशन के समकक्ष अरथ में इस्तेमाल कइल जाला; अंग्रेजी के एक भाषा से दुसरे भाषा में बदलाव के लिखल रूप के ट्रांसलेशन कहल जाला जबकि अगर केहू बक्ता बोल रहल होखे आ ओकरे कहल बात के केहू दुसरे भाषा के कह के ब्यक्त करे तब ओकरा के इंटरप्रेटेशन कहल जाला। हिंदी में कुछ जगह अइसन मौखिक अनुबाद खाती भाषांतर भा रूपांतर के इस्तमाल कइल जाला। अनुबाद खातिर हिंदी आ भोजपुरी में उल्था क चलन भी बा। अंग्रेजी में translation के साथ ही transcription क भी प्रचलन ह, जवना के हिंदी में लिप्यंतरण कहल जाला।

संदर्भ[संपादन करीं]

  1. अनुवाद सिद्धांत की रूपरेखा. वाणी प्रकाशन. pp. 30–31.
  2. आधुनिक भाषा विज्ञान. वाणी प्रकाशन. p. 322.
  3. अर्जुन चौहान (सितंबर 2005). मीडिया कालीन हिंदी: स्वरूप और संभावनाएँ. राधाकृष्ण प्रकाशन. p. 94. ISBN 978-81-7119-913-6.