गंगा दशहरा

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गंगा दसहरा
हर की पौड़ी, हरिद्वार में गंगा दसहरा, 2005
ऑफिशियल नाँवगंगा दशहरा
मनावे वालाहिंदू
प्रकारधार्मिक (हिंदू धर्म)
महत्त्वगंगा अवतरण
Observancesगंगा के पूजा आ गंगा में नहान (चाहे कौनों नदी में नहान)
समयजेठ सुदी दसिमी
केतना बेरसालाना

गंगा दशहरा एगो हिंदू तिहुआर हवे। हिंदू धर्म में गंगा नदी के देवी आ माता मानल गइल हवे आ अइसन मानल जाला कि एही दिन गंगा स्वर्ग से पृथ्वी पर उतरल रहली जेकरा के गंगावतरण कहल जाला। ई परब हर साल हिंदू कैलेंडर के हिसाब से जेठ महीना के अँजोर में दसिमी तिथी के मनावल जाला।[1] एह दिन लोग ब्रत रहे ला आ नहान-दान करे ला। कुछ जगहन पर ई दस दिन चले वाला परब होला जेह में दसिमी से पहिले वाला नौ दिन सामिल रहे ला। गंगा के तीरे बसल धार्मिक नगर सभ खाती एह दिन के खास महत्व होला आ हरिद्वार में हर की पौड़ी, ऋषिकेश, प्रयाग (इलाहाबाद), बनारसपटना में लोग गंगा नहान आ पूजा करे ला।

मानल जाला कि एहि दिन गंगा में नहाए से दस गो पाप दूर हो जालें;[2] स्कंदपुराण के हवाला से इहो कहल जाला कि एहि दिन गंगा में अस्नान करे वाला के विष्णुलोक के प्राप्ती होखे ला।[1]

इहो देखल जाय[संपादन करीं]

संदर्भ[संपादन करीं]

  1. 1.0 1.1 पर्वतीय, लीलाधर शर्मा (1995). भारतीय संस्कृति कोष (हिंदी में). Rajpal & Sons. p. 262. ISBN 978-81-7028-167-2. Retrieved 9 जून 2022.
  2. संतोष, जी. के. (20 अप्रैल 2017). मोक्षदायिनी गंगा (हिंदी में). Diamond Pocket Books Pvt Ltd. ISBN 978-93-5261-650-3. Retrieved 9 जून 2022.