समय अवकलन

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समय अवकलन समय के सपेक्ष मे केवनो फलन के अवकलन होखेला।

चिन्ह[संपादन करीं]

समय अवकलन के लउकावे ला कय गो चिन्ह के परयोग कइल जाला जेहमे सभे से सरल लेबनीज के चिन्ह हऽ:

भौतिकी मे एगो आउर चिन्ह के परयोग होखेला जेवना मे फलन के ऊपर एगो बिंदू लगाई के होकर समय अवकलन के लऊकावल जाला आ हेकरा न्यूटन के चिन्ह कहल जाला:

उंच समय अवकलनो के परयोग होखेला। समय के सापेक्ष मे दोसरका अवकलन के अइसे लिखल जाला:

जेकर छोटहन रूप हऽ।

कोनो सादिक जइसे:

के समय अवकलन के होकर घटक सभ के समय अवकलन से बने वला सदिक होखेला:

भओतिकी मे परयोग[संपादन करीं]

समय अवकलन भौतिकी के एगो चिन्हल सिधांत हटे, कोनो बदलत स्तिथि सदीक ला होकर समय अवकलन वेग आ दोसरका समय अवकलन परवेग होला। कबो कबो आऊरो ऊंच अवकलन के परयोग होखेला: समय के सापेक्ष मे स्तिथि के तीसरका अवकलन के जरक कहल जाला। गति के लेखाचित्र आउर अवकलन देखीं।

भओतिकी मे बहुते बेसी समीकरन सभ मे समय के सापेक्ष पहिलका चाहे दोसरका अवकलन होला।भौतिकी के ढेरे मत्रक एक दोसरा के समय अवकलन होखेलऽसन:

आ अईसन अईसन ढेरे मात्रक हवऽसन।

भओतिकी मे सदिक सभ के समय अवकलन कय हाली सोझा आवेला जइसे वेग। अईसन अवकलन मे सदिक के मान अउरी दिसा दून्नो समय प नीरभर होखेला।

उदाहरन : बृतिय गती[संपादन करीं]

कारटीसियन निर्देशांक (x,y) आऊर ध्रुवीय निर्देशांक (r,θ) मे संबंध।

उदाहरन बदे, मान लिहीं की एगो कन गोल बांट प चलऽता। होकर स्तिथि सदिक से लउकावल जाता, तऽ ओह कन के ध्रुवीय स्तिथि निर्देशांक हई होई:

उदाहरन बदे, मान लिहीं की θ = t, तऽ कोनो छन स्तिथि होई:

ई रूप देखावऽता की r(t) से लउकावल गति एगो r त्रीज्या के बृत प होखऽता।

गती के इहो रूप ले वेग निकारल जा सकेला, जेवन की एह रूप के समय अवकलन होई। कोनो सदिक के समय अवकलन होकर घटक सभ के समय अवकलन ले बनल सदिक होखेला। एहिसे एहिजा वेग सदिक हई होई:

एहिसे बृतिय गति मे भले स्तिथि ना बदले बाकिर वेग सुन्ना ना होखेला। वेग अउरी स्तिथी सादिक महे ९०° के कोन बनेला, जेकरा अदिक गुना ले सिध कईल जाई सकेला।

तब परवेग वेग के समय अवकलन होई:

एह परवेग सदिक के दिसा अक्ष देने होला जेकरा केंद्रक परवेग कहल जाला।