सोशल डिस्टेंसिंग
सोशल डिस्टेंसिंग (Social distancing; अरथ: सामाजिक दूरी बनावल) चाहे फिजिकल डिस्टेंसिंग (शारीरिक दूरी बनावल), एगो तरीका हवे जवना से लोग एक दुसरे से दूरे-दूर रही के कौनों छुआछूत वाली बेमारीके फइलाव रोक सके लें।[1][2] एह तरीका से खाली ओही ब्यक्ति के सुरक्षा भर ना होला जे एह चीज के पालन करे ला बलुक कौनों बेमारी के तेजी से फइलाव के रोकहू में मदद मिले ले। मूल रूप से ई जनस्वास्थ (पब्लिक हेल्थ) सेक्टर के एगो रणनीत हवे जवना से कौनों छुआ-छूत वाली बेमारी के बिस्तार रोके में मदद मिले ला।
हाल में, ई शब्द बहुत चलन में बाटे जेकर कारण कोविड-19 महामारी के फइलाव बा। ई महामारी दिसंबर 2019 से अब तक (मई 2021 ले) पूरा दुनिया भर के अपने चपेट में लिहले बा जेकरा चलते लगभग सभ जगह सोशल डिस्टेंसिंग के पालन करावल-कइल जा रहल बाटे।
बहुत लोग एकरा के सोशल डिस्टेंसिंग ना कहे के बात करे ला, कारन की एह में शरीर से शरीर के दूरी महत्त्व वाली चीज बाटे न कि सामाजिक दूरी, एही से ई लोग एकरा के फिजिकल डिस्टेंसिंग कहल बेहतर माने ला।
संदर्भ
[संपादन करीं]- ↑ "COVID-19 and Your Health: Social Distancing". cdc.gov. Retrieved 6 मई 2021.
- ↑ "कोरोना: सोशल डिस्टेंसिंग क्या है और क्यों है ज़रूरी?". bbc.com/hindi. Retrieved 6 मई 2021.
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