रक्षाबंधन
| रक्षा बंधन | |
|---|---|
राखी बान्हल जा रहल बा | |
| ऑफिशियल नाँव | रक्षाबंधन |
| अन्य नाँव | राखी |
| मनावे वाला | हिंदू |
| प्रकार | धार्मिक, सांस्कृतिक, सेकुलर |
| समय | सावन के पुर्नवासी |
| संबंधित बा | भाई दूज, सामा चकेवा |
रक्षाबंधन या राखी हिन्दू लोगन क त्यौहार बा जवन हर साल सावन महीना के पूर्णिमा के दिन मनावल जाला। सावन के महीना में मनावे के वजह से कत्तों कत्तों एके सावनी या सलूनो भी कहल जाला।[2] रक्षाबंधन (Raksha bhandhan) Archived 2024-08-07 at the Wayback Machine में राखी या रक्षा के सबसे ढेर महत्व देवल जाला। राखी कच्चा सूत जइसन सस्ती चीज से लगाइत रंगीन कलावा, रेशम क धागा, चाँदी और सोना जइसन महंगी चीज तक बन सकेला।
अनुष्ठान
[संपादन करीं]सबेरहीं नहइले के बाद औरत और लइकी लोग पूजा क थरिया सजावेलीं। थरिया में राखी के अलावा रोरी या हरदी, दीया, अच्छत आऊर कुछ पइसो रख लेवल जाला। आदमी और लइका लोग टीका करावे खातिर पूजा वाली या कऊनो ठीक जगह बईठ जानै। पहिले पूजा कइल जाला, फिर बहिन लोग भाइन क माथा पर रोरी और अच्छत क टीका लगायके अच्छत छिरिक के आरती उतारैनी आऊर उनके कलाई पर राखी बान्हैनी। भाई लोग अपने बहिनिन के राखी बन्हाई के खातिर नेग के तौर पर कुछ पइसा चाहे उपहार देवलन। ज्यादेतर जगहन में मुहूरत से राखी बान्हल जाला आऊर बहिन लोग राखी बान्हे से पहिले भुक्खल रहैलिन।
सामाजिक प्रसंग
[संपादन करीं]नेपाल के पहाडी इलाका मे ब्राहमन् और छेत्रियेन लोग के द्वारा मनावल जाला। लेकिन तराई क्षेत्र के लोग जे नेपाल मे भारत के नज्दिक बा, उ लोग बहुत धुम-धम से मनावे ला। येह पर्व पर बहिन लोग भाई के लालट पर तिलक लगाके राखी दहिना हात पर बाॅधके अपन हाथ से भाईके फलफूल आ मिठाई खुवाबेला औरो भाई के दिर्घ आयु के प्रार्थना करे ला। साथही भाई आपन बहिन के आपन योग्यता अनुसारके दक्षिणा देवेला । इ पर्व भाई बहिन के प्यार जतावे वाला आ मिले वाला पर्व ह ।
संदर्भ
[संपादन करीं]| ई हिंदू धर्म-संबंधी लेख एगो आधार बाटे। जानकारी जोड़ के एकरा के बढ़ावे में विकिपीडिया के मदद करीं। |