फेड़

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एगो पेड़ (बिदेशी प्रजाति)

फेंड़ अइसन बनस्पति के कहल जाला जवन सालो भर ज़िंदा रहे वाला होखे मने कि सीजनल न होखे, जेवना क कुल उमिर कम से कम दू बरिस जरूर होखे, जेवना में एगो स्पष्ट तना होखे आ डाढ़ि होखें स। कबो-कबो एही में इहो जोड़ि लिहल जाला की ओकरी तना आ डाढ़ि से लकड़ी मिले के चाही। डाढ़ि आ तना क भइल जरूरी हवे।

पेड़ जब छोट होला तब ओके पौधा चाहे ओधी कहल जाला। बहुत पेड़न क उमिर कई सौ साल भी हो सकेला। अइसना में ओ पेड़ क दस साल पुरान होखला पर भी ओधी कहल जाई।

ए तरे पेड़ क जमीन की नीचे जरि होला (ए के हिंदी में जड़ कहल जाला आ भोजपुरिये में दूसर शब्द सोरि हवे)। जरि आ सोरि क काम होला पेड़ की बढ़े आ जिंदा रहे खातिर जमीन से पानी आ अवरू कई तरह क पोषक तत्व खींच के ऊपर पहुँचावल।

पेड़ पर कौनो इलाका की माटी आ मौसम का बहुत परभाव परे ला। अलग-अलग जलवायु वाला छेत्र में अलग-अलग किसिम क पेड़ मिलेला।